आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यहाँ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नए किसान कानून को अन्नदाता के हितों की रक्षा में मील का पत्थर बताते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने निजी लाभ के लिए इस कानून को लेकर किसानों को गुमराह करने की बात कही है।
अनुराग ठाकुर ने कहा ”भारत के मेहनती किसान देश की खुशहाली और समृद्धि के वाहक हैं, जिन पर पूरे देश को अभिमान है। मोदी सरकार के रूप में पहली बार कोई सरकार किसानों के सशक्तिकरण के लिए इस तरह दिन रात काम कर रही है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अन्नदाता की आय दुगुनी करने, फसलों का सही मूल्य दिलाने कृषि को तकनीकी से जोड़ने के लिए निर्णायक कदम उठा रहे हैं। मोदी सरकार नए किसान कानून के जरिए वर्षों से शोषित और प्रताडि़त सीमांत किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण व उन्हें बराबरी का हक दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है मगर कांग्रेस पार्टी समेत विपक्षी दल इस किसान कानून का अनुचित विरोध करके किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
किसान भाई इनके झाँसे में आए बिना सत्यता की कसौटी पर मोदी सरकार की नीतियों और प्रतिबद्धता को परखें व मोदी जी पर भरोसा रखें कि वो किसान का अहित कभी भी नहीं होने देंगे। दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे और उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था मगर अब मोदी जी ने उन्हें इन जंजीरों से मुक्त करने का काम किया है”
आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा ”कुछ दल राजनीति कर रहे हैं और ये लोग अपने घोषणा पत्र में कह चुके थे कि जब सत्ता में आएंगे तो यही करेंगे। क्या ये लोग नहीं चाहते कि किसानों के लिए एक देश एक बाजार हो, किसान को अच्छा पैसा मिले, उनका अच्छा व्यापार हो।
क्या किसान अच्छा पैसा कमाने का हकदार नहीं है। तात्कालिक भ्रम फैलाते हुए जो यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली समाप्त हो जाएगी तो इस पर प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री साफ कर चुके हैं कि एमएसपी पहले की तरह चलती रहेगी। एक भ्रांति यह भी फैलाई गई है कि कृषक यदि कृषि उत्पाद मंडियों के बाहर बेचेंगे तो मंडियां समाप्त हो जाएंगी, तो इस संबंध में यह स्पष्ट है कि मंडियां समाप्त नहीं होंगी, वहां राज्यों के अधिनियिम व उनकी व्यवस्था के तहत पूर्ववत व्यापार होता रहेगा। अगर मोदी जी ने व्यापारियों की तरह ही किसानों को भी उत्पाद बेचने के लिए विकल्प उपलब्ध कराया तो इसमें गलत क्या है। कांग्रेस जीएसटी लाना चाहती थी, नहीं ला पाई मगर उसे हम लेकर आए तो यही कांग्रेस उसका विरोध करने लगी। अब यही रवैया कांग्रेस किसान बिल को लेकर अपना रही है। कांग्रेस ने जिस बात का जिक्र अपने घोषणा पत्र में किया था, मोदी सरकार ने उसे लागू करने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी तब झूठ बोल रही थी या अब, उन्हें ये साफ करना चाहिए’’।
अनुराग ठाकुर ने कहा ”इस कानून के अनुसार किसान को अनुंबध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी, वह अपनी इच्छा के अनुरूप दाम तय कर उपज बेचेगा। किसानों को बिक्री वाले दिन ही या अधिकतम 3 दिन के भीतर भुगतान प्राप्त होगा। किसी भी विवाद की स्थिति में लोकल एसडीएम 30 दिन के अंदर मामले का निपटारा करके अपनी रिपोर्ट लगाए ऐसा प्रावधान इस कानून में मोदी जी ने किया है। व्यापारी किसान से सिर्फ फसल का ठेका कर सकता है, जमीन का नहीं। किसान की जमीन पूरी तरह सुरक्षित रहे इसका मोदी सरकार ने पुख्ता प्रबंध किया है’’।
अनुराग ठाकुर ने कहा ”प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानों के हितों को देखते हुए एमएसपी निर्धारण में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया है जिसमें लागत मूल्य से कम से कम 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर एमएसपी का निर्धारण किया जाता है। मोदी सरकार की किसान हितकारी नीतियों के चलते कोरोना आपदा जैसे कठिन समय में भी 390 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ जो पिछले वर्ष से 15 प्रतिशत अधिक है एवं इसका 75 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया गया । मोदी सरकार द्वारा 2020-21 का कृषि बजट 1 लाख 34 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कृषि अवसंरचना फंड के रूप में 1 लाख करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान, पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 10 करोड़ किसानों को 93 हजार करोड़ रुपए की राशि का आवंटन, पिछले 6 महीने में 1.29 करोड़ केसीसी कार्ड जारी करना व 1 लाख 12 हजार करोड़ की क्रेडिट लिमिट किसानों को जारी करना, फसल बीमा योजना के अंतर्गत पिछले चार सालों में किसानों द्वारा 17,500 करोड़ का प्रीमियम जमा करने के उपरांत 77 हजार करोड़ के दावों का भुगतान करना, कोविड काल में ई-नाम मंडियों की 585 से बढ़ाकर 1000 करना अन्नदाता के हितों की रक्षा के विषय में हमारी प्रतिबद्धता दर्शाता है’’ ।
अनुराग ठाकुर ने कहा ”मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोतरी की गई है। यूपीए शासनकाल में (2013-14) में जहां मसूर का एमएसपी 2950 रुपए था वहीं अब 5100 रुपये हो गया है। इसी तरह उड़द का एमएसपी 4300 से बढ़कर 6000 रुपये हो गया है। इसी तरह मूंग, अरहर, चना और सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी भारी इजाफा किया गया है। 2013-14 में मसूर पर 2,950 रुपए एमएसपी दी जा रही थी आज देश के किसानों को 5,100 रुपए पा रहे हैं, यानी 73 फीसदी की अधिक की बढ़ोतरी हुई है। 2009-14 के बीच में कांग्रेस सरकार के समय में 1.25 लाख मीट्रिक टन दाल की खरीद हुई थी। मोदी सरकार ने 2014 से 2019 के बीच 76.85 लाख मीट्रिक टन दाल खरीदी है। एमएसपी के भुगतान की बात करें तो मोदी सरकार ने 6 साल में 7 लाख करोड़ रुपए किसानों को भुगतान किया है जो यूपीए सरकार से दोगुना है’’ ।