अनुशासनहीनता पर कांग्रेस की लगाम: दो पूर्व विधायकों सहित 12 नेताओं को किया कारण बताओ नोटिस जारी

जिलाध्यक्ष मंडी और मीडिया रिपोर्ट्स को बनाया गया है आधार, हाई कमान को भेजेंगे मामले की पूरी रिपोर्ट

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला/मंडी। जिला मंडी में पिछले दिनों हुए घटनाक्रम का हिमाचल कांग्रेस ने कड़ा संज्ञान लिया है। पार्टी ने इस मामले में दो पूर्व विधायकों सहित 12 नेताओं और पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी ने पूर्व विधायक मनसा राम व सोहन लाल, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर की बेटी एवं महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव चंपा ठाकुर, विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी रहे पवन ठाकुर व लाल सिंह कौशल, मंडी के पूर्व अध्यक्ष दीपक ठाकुर, राज्य किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष जगदीश रेड्डी, प्रदेश सचिव जीवन लाल ठाकुर, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमन चौधरी, पूर्व प्रदेश सचिव संजीव गुलेरिया, ब्लॉक महिला कांग्रेस की अध्यक्ष वीना शर्मा के साथ ही पूर्व पदाधिकारी विजय पाल ठाकुर को शो-कॉज नोटिस जारी किए हैं। उक्त सभी से 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है, ऐसे में जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। पूरे मामले की रिपोर्ट हाईकमान को भेजने की भी तैयारी है।
सूत्रों के अनुसार जिलाध्यक्ष मंडी की रिपोर्ट और मीडिया रिपोर्ट को आधार बनाकर पार्टी से जुड़े उक्त 12 लोगों को शो-कॉज नोटिस जारी किए गए हैं। प्रदेश कांग्रेस के महासचिव रजनीश किमटा ने उक्त 12 पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि नोटिस जारी कर सभी को 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है। संगठन में किसी भी सूरत पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।

Ads

यह भी पढ़ें: कोरोना अपडेट: किन्नौर में आईटीबीपी के पांच जवानों सहित प्रदेश में नौ जिलों से आए 24 मामले,  संक्रमितों की कुल संख्या हुई 979

वहीं पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर और सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संपर्क करने पर कहा कि पीसीसी सदस्य को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष द्वारा शो-कॉज नोटिस जारी नहीं किए जा सकते हैं। पार्टी के संविधान के अनुसार यह अधिकार केवल पार्टी की प्रदेश प्रभारी और सैंट्रल डिसिप्लिन कमेटी को है, ऐसे में जारी शो-कॉज नोटिस अवैध हैं और उनका जवाब देने की कोई आवश्यकता नहीं है। प्रदेश कांग्रेस केवल जिला और ब्लॉक पदाधिकारियों को ही नोटिस जारी कर सकती है।
बता दें कि बीते दिनों शिमला में पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर के घर में विधायक सुक्खू, पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा सहित कुछ अन्य नेता लंच पर जुटे। लंच डिप्लोमेसी का यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि मंडी में इसी धड़े से जुड़े कुछ पदाधिकारियों की एक बैठक हुई और राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा प्रस्ताव मीडिया में वायरल हो गया। इस बैठक के बाद मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह और पूर्व केंंद्रीय मंत्री सुखराम समर्थकों की भी एक बैठक मंडी में हुई तथा एक प्रस्ताव पारित कर दिया।
इसी बीच इसका विरोध करते हुए मंडी में बैठक करने वाले दूसरे धड़े के कुछ पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे दे दिए और बकायदा पत्रकार वार्ता कर पार्टी अध्यक्ष पर निशाना साधा। ऐसे में पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए उक्त कार्रवाई अमल में लाई गई है जिससे अंदरखाते चल रही गुटबाजी अब चरम पर है।
पार्टी में घमासान के बीच बैठक स्थगित
पार्टी में मचे घमासान के बाद कांग्रेस अनुशासन समिति की 2 जुलाई को होने वाली बैठक स्थगित हो गई है। इस बैठक में अनुशासनहीनता से जुड़े सामने आए मामलों पर चर्चा होनी थी, लेकिन अब बैठक स्थगित हो गई है। इसके पीछे क्या कारण रहे हैं, इसका खुलासा नहीं किया गया है। इसके साथ ही पार्टी उपाध्यक्ष, महासचिव और जिलाध्यक्षों की 4 जुलाई को आयोजित होने वाली बैठक भी स्थगित कर दी गई है।