शिक्षा के बुनियादी ढांचे पर कांग्रेस का सरकार पर घेराव, कहा… 4000 करोड़ का बजट शिक्षा पर हो रहा ख़र्च

स्कूलों में शिक्षकों की कमी, बच्चों का भविष्य अंधकार में

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

रामपुर बुशहर। किसी राष्ट्र की मजबूती के लिए शिक्षा की अहम भूमिका होती है परंतु हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का बुनियादी ढांचा प्राथमिक शिक्षा चरमरा कर रह गया है। अध्यापको  व प्रध्यापको की चल रही है भारी  कमी ।जिससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। यही हाल मिडिल हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों का भी है।

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भाजपा का एक बिंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी स्कूलों में अध्यापकों की कमी को लेकर चिंतित लगता है। यह बात करते हुए रामपुर विधानसभा क्षेत्र युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षा का बुनियादी ढांचा प्राथमिक स्कूल होते है पर शिक्षकों की कमी देख कर कल के देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों के भविष्य पर ही प्रश्न चिंह ख़डा हो रहा है। भंड़ारी ने कहा कि आखिर विधायकों, मंत्रियों, उच्चाधिकारियों व सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों मैं शिक्षा ग्रहण क्यों नही करते। क्या उनको सरकारी स्कूलों की पढाई पर विश्वास नही।

   भंड़ारी ने कहा यदि सरकार विधायकों, मंत्रियों, उच्चाधिकारियों व सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के बच्चे को सरकारी स्कूलों मैं पढाई करना सुनिश्चित करे तो सरकारी स्कूलों के हालातों में सुधार आएगा। भंड़ारी ने स्कूलों में योगा और नैतिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने की आवश्यकता ओर बल दिया।