बीजेपी के राज में सामाजिक असुरक्षा के दौर में पहुंचा देश – राणा

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

हमीरपुर। झूठे झांसों में आकर जनादेश देने की गलती कर चुकी जनता अब अताताई सत्ता से परेशान हो चुकी है। अब देश और प्रदेश की जनता को कांग्रेस के कार्यकाल याद आ रहे हैं। जिनमें सामाजिक सुरक्षा के लिए कांग्रेस ने लगातार काम किया है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने  कही है। राणा ने कहा कि अब बीजेपी ने केंद्र सरकार के अधीन आने वाले 49 लाख कर्मचारियों को समय से पूर्व रिटायरमेंट का तुगलकी फरमान सुनाया है। समय से पूर्व रिटायरमेंट पर केंद्र के इस फरमान पर कर्मचारियों की नींदें हराम हो चुकी हैं। केंद्र सरकार के एक आदेश ने सभी मंत्रालयों और विभागों के 49 लाख सरकारी कर्मचारियों को समय से पूर्व जबरन रिटायरमेंट का फरमान दिया है। इनमें वह कर्मचारी व अधिकारी शुमार हैं जिन्होंने अपने सेवाकाल के तीन दशक पूरे कर लिए हैं। केंद्र के इस फरमान से हिमाचल प्रदेश के भी लाखों परिवार जो सरकार के आदेश के बाद खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं, परेशान हो उठे हैं।

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कर्मचारियों की मानें तो सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को आदेश दिया है कि समय से पूर्व रिटायरमेंट देने का अधिकार सरकार के पास है। इसलिए समय से पूर्व अब कर्मचारियों को जबरन रिटायर होना होगा। सरकार ने इस तुगलकी फरमान में जनहित का हवाला देकर कहा है कि संबंधित कर्मचारियों को अग्रिम तीन महीनें का वेतन देकर रिटायर किया जाता है। कई मामलों में उन्हें तीन महीने पहले लिखित नोटिस देने का भी नियम है। राणा ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह वही सरकार जिसने चुनाव से पहले हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वायदा किया था, लेकिन सत्ता में आते ही बीजेपी सरकार ने लगभग दो करोड़ नौकरियां छीनी हैं और अब रही-सही कसर कर्मचारियों व अधिकारियों को जबरन रिटायर करने का आदेश सुनाकर पूरी कर दी है।

उन्होंने कहा कि करदाताओं के धन का प्रबंधन जनहित में करके सामाजिक सुरक्षा को कायम करना सरकारों का राज धर्म होता है, लेकिन  बीजेपी सरकार जनता से लगातार खिलवाड़ करते हुए नागरिकों को सामाजिक असुरक्षा के माहौल में धकेल रही है। अगर यही आलम रहा तो देश में बेरोजगारी व अराजकता का बोलबाला बढ़ेगा और देश का लोकतंत्र लगातार खतरे में पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हैरानी यह है कि सरकार सामाजिक सुरक्षा की बजाय सत्ता के दम पर देश को बाजार की तरह चला रही है। जिसमें पूंजीपतियों की लगातार पैरवी करती हुई बीजेपी की सत्ता नागरिकों के हितों को पूंजीपतियों के हाथों बेच रही है।

सत्ता से पहले जो लोग देश में काला धन वापिस लाकर देश को खुलहाल बनाने की डींगें हांकते थे अब उन्होंने सत्ता में आते ही देश को बेचने का काम शुरू किया है। जिस कारण से देश की सामाजिक सुरक्षा पूरी तरह खतरे में पड़ी है। कोविड-19 काल में महामारी व महंगाई से जूझ रहे लोग हिटलरशाही सरकार की मनमानी झेलने को बेबसी में लाचार हैं और समूचा देश अब बेरोजगारी व कंगाली के दौर में पहुंच रहा है। राणा ने कहा कि अब देश की जनता बीजेपी को जनादेश देकर पछता रही है व चुनाव का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि अजब प्रचलन में जहां देश के पूंजीपति दुनिया के बड़े अमीरों में शुमार हो रहे हैं, वहां देश की अधिकांश जनता कंगाली के दौर में पहुंच चुकी है।