अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में बैंकर्स की जिला स्तरीय समीक्षा कमेटी एवं जिला परामर्शदात्री कमेटी की बैठक आयोजित

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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सोनीपत जनवरी। अतिरिक्त उपायुक्त अंकिता चौधरी की अध्यक्षता में लघु सचिवालय प्रथम तल स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी) व जिला स्तरीय समीक्षा कमेटी की बैठक आयोजित हुई। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ने जिला के जमा, अग्रिम तथा शासकीय योजनाओं के लक्ष्यों को पूर्ण करने के संबंध में विस्तार से चर्चा करने के साथ-साथ विभिन्न स्वरोजगार एवं उद्यमी योजनाओं के ऋण आवेदनों की स्वीकृति एवं वितरण की बैंकवार समीक्षा की।

अतिरिक्त उपायुक्त ने बैठक में बैंकों के ऋण जमा अनुपात, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड, हरियाणा महिला विकास निगम, केसीसी लोन, पीएम फसल बीमा योजना, पीकेसीसी, पीएम स्वनिधि, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना, पीएम मुद्रा योजना सहित मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत बैंकों में भेजे गए आवेदनों की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

उन्होंने सभी बैंक के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनहित में प्रदेश सरकार की योजनाओं के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को दिए जाने वाले ऋण आवेदनों पर सहानुभूति पूर्वक प्राथमिकता से आवेदनों का निस्तारण करें। साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी बैंक अकारण किसी आवेदन को लंबित ना रखते हुए निर्धारित समय में वित्तीय और भौतिक लक्ष्य को पूर्ण करें।

बैठक में अंकिता चौधरी ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स (पीएम स्वनिधि) योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के आवेदनों पर बैंकर्स के स्तर पर हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अंत्योदय के उत्थान के उद्देश्य के साथ शुरू की गई उपरोक्त दोनों योजना प्रदेश व केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना है। इनमें मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत एक लाख रुपए की वार्षिक आय से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के सामाजिक व आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने के लिए 18 विभाग प्रयासरत है। वहीं आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रेहड़ी व फड़ी लगाने वाले लोगों को अपना कारोबार खड़ा करने में मदद करने के उद्देश्य से पीएम स्वनिधि स्कीम लाई गई थी जिसमें सडक़ किनारे ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वाले, फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें लगाने वाले, हॉकर्स आदि इस योजना के तहत छोटे लोन ले सकते हैं। ऐसे में बैंकिंग स्तर पर ऋण आवेदनों की मंजूरी मे देरी इन दोनों योजनाओं के उद्देश्यों को प्रभावित कर रही है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में सरकार द्वारा प्रायोजित स्कीमों में सहयोग ना करने वाले बैंकों को चिन्हित किया जा रहा है। उन्होंने जिला में बैंकों द्वारा ऋण आवेदनों पर बेवजह की जा रही देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वे जल्द ही इस विषय में मुख्यालय को पत्र लिखेंगे कि भविष्य में इन बैंकों को ब्लैकलिस्ट कर सरकार द्वारा पोषित किसी भी योजना में शामिल ना किया जाए। उन्होंने सभी बैंकर्स का आह्वान करते हुए कहा कि सभी बैंक सरकार द्वारा प्रायोजित स्कीमों के आवेदनों पर प्राथमिकता से कार्य करते हुए तय समय में उनका निपटान करें। अतिरिक्त उपायुक्त ने बैठक में नाबार्ड द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए तैयार की गयी सम्भाव्यतयुक्त ऋण योजना पुस्तक का भी विमोचन किया।

इस दौरान बैठक में नगराधीश डॉ० अनमोल, एलडीओ आरबीआई शालीनी जैन, एलडीएम सोनीपत जगजीत सिंह, डीडीएम नाबार्ड जगतार सिंह, एसीपी सोनीपत जगजीत सिंह, कोर्डिनेटर केवीके जगदीशपुर हरेन्द्र सिंह, गांव अटेरना से कंवल सिंह चौहान सहित जिला के सरकारी व गैर सरकारी बैंकों के प्रतिनिधियों तथा संबंधित सरकारी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया।