बागवानी और वानिकी के विकास में नौणी विश्वविद्यालय की भूमिका पर वेबिनार आयोजित 

 

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो। 

सोलन: विगत 50 वर्षों में हिमाचल में बागवानी एवं वानिकी के विकास में डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी की भूमिका विषय पर आज विश्वविद्यालय द्वारा एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का आयोजन एन॰ए॰एच॰ई॰पी इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान (आईडीपी) के तहत हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर किया गया।

विश्वविद्यालय के तीन कॉलेजों के बीएससी (ऑनर्स) बागवानी, वानिकी और जैव प्रौद्योगिकी के अंतिम वर्ष के 345 से अधिक छात्रों सहित विवि के कुलसचिव संदीप नेगी और अन्य वैधानिक अधिकारियों ने वेबिनार में भाग लिया। डॉ. केके रैना, प्रधान अन्वेषक आईडीपी ने छात्रों का स्वागत किया और उन्हें हिमाचल प्रदेश के इतिहास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए विश्वविद्यालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में भी बताया।

अतिथि वक्ता, अनुसंधान निदेशक डॉ. रविंदर शर्मा ने विश्वविद्यालय के इतिहास और राज्य में बागवानी और वानिकी के विकास पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। डॉ. शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के प्रसार से राज्य के किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने न केवल मानव संसाधन के विकास के माध्यम से योगदान दिया है, बल्कि अनुसंधान और विस्तार गतिविधियां किसानों की आय को बढ़ाने और राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

उन्होंने कहा कि विगत 50 वर्षों में विश्वविद्यालय फलों, सब्जियों,फूलों और वन वृक्ष प्रजातियों के अनुसंधान और शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। उन्होंने विश्वविद्यालय के भविष्य के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर काबू पाने पर भी जोर दिया। डॉ. शर्मा ने छात्रों से विश्वविद्यालय के ब्रांड एंबेसडर की भूमिका निभाने और कृषक समुदाय को नवीनतम कृषि तकनीकों के प्रसार में मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने सफलता प्राप्त करने के लिए कृषि में रोबोटिक्स और ए॰आई॰ आदि जैसे आधुनिक उपकरणों को अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।