कर्मचारियों के समर्पण भाव से कार्य करने से ही 3000 करोड़ रुपये से भी अधिक की वृद्धि हुई है: अनुराग ठाकुर

ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को स्‍मरण करते हुए कहा, ‘सहकारिता से समृद्धि’

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

 

शिमला: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (केसीसीबी) को घाटे से उबर कर मुनाफे में आने के अभूतपूर्व बदलाव पर बधाई दी है। महज चार साल में लगभग 46 करोड़ रुपये का घाटा उठाने वाले बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 में 87 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। मंत्री महोदय ने इस बात पर अत्‍यंत प्रसन्नता व्यक्त की कि यह इस बैंक द्वारा अर्जित किया गया अब तक का सर्वाधिक मुनाफा है।

ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस विजन को दोहराया कि सरकार सहयोग की भावना को ‘आजादी का अमृतकाल’ की भावना के साथ मिलाने के अपने प्रयासों में अडिग है। मंत्री महोदय ने स्‍मरण करते हुए यह उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि सहकारी समितियां बाजार में प्रतिस्पर्धी बन जाएं एवं उन्‍हें समान अवसर मिले और सहकारी समितियों पर लागू करों में कमी उसी लक्ष्य की ओर एक अहम कदम है। बैंक की उल्लेखनीय उपलब्धि ‘सहकारिता से समृद्धि’ के मूल मंत्र को आगे बढ़ाएगी।

 

मंत्री महोदय ने पिछले चार वर्षों में इस बैंक के शानदार विकास की सराहना की और कहा कि बैंक ने विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत ग्राहकों के नामांकन में व्‍यापक वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने इस बैंक के सभी 1,400 कर्मचारियों को बधाई दी, जिनके द्वारा बैंक के 17 लाख से अधिक ग्राहकों के प्रति समर्पण भाव से कार्य करने से पिछले चार वर्षों में 3000 करोड़ रुपये से भी अधिक की प्रभावशाली वृद्धि हुई है।

 

कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (केसीसीबी) के बारे में

केसीसीबी को वर्ष 1920 में पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किया गया था और उसी वर्ष मार्च महीने में उसका परिचालन शुरू हो गया था। वर्तमान में इस बैंक की 26 शाखाएं हैं और इसका मुख्यालय धर्मशाला में है। पिछले चार वर्षों के दौरान इस बैंक ने विभिन्न संकेतकों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। बैंक के निवेश में 2324 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है जबकि आरक्षित निधि में 26 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में शुद्ध लाभ बढ़कर 87.53 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि 31 मार्च 2018 को 4.55 करोड़ रुपये था।