आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता देवेन्द्र बुशैहरी युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी एवं पूर्व सैनिक विभाग की एक संयुक्त पत्रकार वार्ता के आयोजन के दोरान बताया कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि होने के साथ साथ वीरभूमि के नाम से भी विख्यात है। यहां के युवाओं का पहला सपना सेना में भर्ती हो कर अपनी मातृभूमि की रक्षा करना रहा है। पिछले दो विश्वयुद्धों से लेकर देश की आज़ादी के पश्चात् अब तक लड़े गए सभी युद्धों में प्रदेश के सैनिकों ने देश-विदेश में अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया है,इस क्रम में मंडी जिला के शहीद मेजर सोमनाथ शर्मा को श्रीनगर की रक्षा करते हुए जान कुर्बान करने पर परमवीर चक्र (मरणोपरांत) से अलंकृत किया गया था।उसके पश्चात तीन और परमवीर चक्र व अनेक शीर्ष वीरता पदक भी हिमाचल प्रदेश के रणबांकुरों के नाम हैं। हिमाचल एक छोटा सा पहाड़ी राज्य होने के पश्चात भी देशभर में सेना में अपने कौशल के कारण सदैव अग्रणी रहा है।
परन्तु केन्द्र की भाजपा सरकार ने जून 2022 में एक विसंगति पूर्ण सेना भर्ती योजना अग्नीवीर लागू कर यहां के ही नहीं बल्कि देश भर युवाओं के लाखों युवाओं के भविष्य को ग्रहण लगा दिया है। नवीन अग्नीवीर भर्ती योजना से पूर्व दो शताब्दियों पुरानी भर्ती योजना के अन्तर्गत उन डेढ़ लाख युवाओं को शारीरिक व मेडिकल परीक्षण उत्तीर्ण करने के बावज़ूद भी केन्द्र की भाजपा सरकार ने उन्हें सेना में नौकरी नहीं लगाया गया। जबकि इन युवाओं ने फ़ीस भी भरी, कोचिंग पर खर्च किया, कड़ी मेहनत कर पसीना बहाया, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। जब उन्होंने अपनी आवाज़ उठनी चाही तो पुलिस द्वारा बल प्रयोग करवाया गया,केस तक दर्ज हुए,यह कुछ वर्ष पूर्व पूरे देश ने भी देखा। जब कहीं न्याय नहीं मिला तो उन्होंने हार न मानते हुए गांधीवादी निति अपनाते हुए दुःखी होकर निर्णय लिया कि अब शांतिपूर्ण आन्दोलन का रास्ता ही बचा है।
परिणाम स्वरूप अन्त में उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से अपने हक़ के लिए इन युवाओं ने बिहार के चम्पारण जिले से दिल्ली तक 1100 किलोमीटर की सत्याग्रह यात्रा बरसात, सर्दी गर्मी,भूख प्यास झेलते हुए पूरी कर दिल्ली पहुंचे। फासीवादी सरकार ने उनकी इस यात्रा के किसी भी समाचार को किसी मीडिया चैनल पर प्रसारित, प्रकाशित तक नहीं होने दिया।
लेकिन जब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सैनिक विभाग के चेयरमैन कर्नल रोहित चौधरी (सेवानिवृत्त)को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इन युवाओं से सम्पर्क कर उनकीआपबीती सुन उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के नायक कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करवाई ।इन गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाले युवाओं ने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अपने साथ हुए अन्याय का ज़िक्र किया।
देश के युवाओं की यह हालत देखकर भाजपा सरकार के अन्याय के जवाब में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जी ने इन लाखों युवाओं को उम्मीद की एक नई किरण दिखाते हुए उनकी लड़ाई ‘सड़क से संसद तक’ तब तक लगातार लड़ने का विश्वास दिलाया, चाहे इसके लिए कानून की शरण में भी जाना पड़ा तो भी कांग्रेस पार्टी पीछे नहीं हटेगी। इसी कड़ी में आज हिमाचल प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में भी इन युवाओं की न्याय की गुहार के लिए आवाज़ बुलन्द करते हुए अनेक लोकसभा क्षेत्रों में एक संयुक्त पत्रकार वार्ताएं आयोजित की गई हैं । इसमें हिमाचल युवा कांग्रेस अध्यक्ष निगम भण्डारी व कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग उपाध्यक्ष संसदीय क्षेत्र शिमला सुरेश कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए अग्नीवीर योजना से प्रभावित लाखों युवाओं को विश्वास दिलाया कि वह तथा सभी पूर्व सैनिक इन युवाओं के साथ खड़े हैं।
गत् दिवस जन्तर मन्तर पर भी अखिल भारतीय कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग के चेयरमैन व भूतपूर्व सैनिकों ने इन युवाओं के साथ मिलकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जिसमें हज़ारों की संख्या में इन युवाओं व उनके परिवारों ने भी हिस्सा लिया और अपने जवान बच्चों के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार को न्याय देने की आवाज़ बुलन्द की। उल्लेखनीय है कि निगम भण्डारी,अध्यक्ष युवा कांग्रेस हिमाचल ने कहा कि विधानसभा चुनावों से पूर्व भी उन्होंने प्रदेश के इन सभी युवाओं के साथ सहयोग करते हुए कांगड़ा से एक रोज़गार यात्रा आरम्भ की, धरना, प्रदर्शन किया था तो प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने उन्हें भी प्रताड़ित कर लाठीचार्ज किया, एफआईआर दर्ज कराई। परन्तु युवा कांग्रेस हिमाचल प्रदेश अब चुप नहीं बैठने वाली और इस आन्दोलन को देशभर में चलाने का आह्वान करेगी। उनके इस धर्मयुद्ध में अखिल भारतीय कांग्रेस के पूर्व सैनिक विभाग, युवा मज़बूती के साथ खड़े रहेंगे।
इसके अतिरिक्त कुछ माह पूर्व जब पंजाब के एक युवा अग्नीवीर सैनिक शहीद हुए तो उस शहीद अग्निवीर के पार्थिव शरीर को बिना किसी सैनिक सम्मान से प्राईवेट गाड़ी व बिना वर्दी पहने सैनिकों के माध्यम से चुपचाप शहीद के गांव छोड़ दिया गया, क्या भाजपा का यही सेना प्रेम व शहीदों के प्रति रवैया है।यह पूरा देश देख रहा है।
अग्नीवीर योजना किसी भी तरह से न सेना के,न देश के न ही हमारे युवाओं के हित में है।एक आरटीआई से चौंकाने वाली बात सामने आई है कि लाखों युवाओं का मोह अब सेना में भर्ती होने से भंग होने लगा है। यदि ऐसा होता रहा तो सेना में योग्य सैनिक भर्ती नहीं होंगे।कारण यह है कि न तो इसमें पहले जैसी अब सुविधाएं हैं और चार साल बाद 75% अग्नीवीर प्रशिक्षुओं को सेना से नाममात्र लाभ देकर वापिस घर भेज दिया जाएगा।
अतः इसे तुरंत प्रभाव से समाप्त करने में ही देश की भलाई है।