आदर्श हिमाचल ब्यूरो
Ads
हमीरपुर। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक रूप से देश खोखला हो रहा है। जाति, धर्म व मजहब के नाम पर जहर घोलकर तथा विषमताएं फैलाकर जनता को भड़काने का काम किया जा रहा है। देश में परिस्थितियां उस कहावत की तरह बनाई जा रही हैं कि माल भी अपना जाए और चोर भी आप कहलवाए, मतलब जिसका नुक्सान हो रहा है, उसे ही चोर साबित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसान 3 सप्ताह से आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार देश के अन्नदाता से बात करने की बजाय चंद चहेते उद्योगपतियों की कठपुतली बनकर उन्हें अपमानित कर रही है। विश्वगुरू भारत में पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकार की जनविरोधी नीतियों से परेशान होकर संत सुसाइड कर रहे हैं, वो भी हिन्दुत्व पर अपना हक जताने वाली भाजपा के राज में ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियां बनी हैं।
उन्होंने कहा कि इससे बड़ी विडंबना भला क्या हो सकती है कि भारतीय सेना के जवानों से लेकर पुलिस अधिकारी अपने किसान परिजनों को सड़कों पर ठिठुरती ठंड में आंदोलन करता देखकर नौकरी छोड़कर उनका साथ देने का दंभ भर रहे हैं। फिर भी सरकार अहंकार में डूबी है और घमंड से चूर-चूर है, जबकि अपने हक की लड़ाई के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे किसान मर रहे हैं। किसानों को खत्म करने का मसौदा तैयार करने वाली सरकार को याद रखना चाहिए कि इस आग में झुलसकर पूरा देश तबाह हो रहा है तथा इन आग की लपटों से नफ़रत फ़ैलाने वाली भाजपा भी बच नहीं पाएगी।
उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वर्तमान में इकोनामी तबाह हो चुकी है। सरकारी व गैर सरकारी सैक्टर में नौकरियां खत्म हो रही हैं। कंपनियां दिवालिया हो रही हैं। ऐसे में किसान ही देश की वो रीढ़ हैं जोकि जनता को अन्न देकर संभाल सकती है, लेकिन सरकार इस मुश्किल घड़ी में किसानों व कृषि को भी खत्म करने पर तुली है। उन्होंने कहा कि जब किसान कृषि बिल के विरोध में हैं तो इसे लाने की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि ऐसी क्या मजबूरी है कि किसानों पर कृषि बिल थोपा जा रहा है। आखिर सरकार किसे फायदा पहुंचाना चाहती है।