आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। राजधानी शिमला में स्थित होटल बालजीज (Hotel Baljees) के पास टूटे लोहे के जंगले किसी बड़ी दुघर्टना की ओर इशारा करते नजर आ रहे है। जी हां, इस सड़क मार्ग पर आए दिन हजारों की तादाद में वाहनों का आना-जाना लगा रहता हैं। इस भीड़ भाड़ की चकाचैंध में इस मार्ग से ताराहाॅल तक सामान के साथ चलना तो दूर बलिक खाली पैदल चलना भी बेहद कठिन हैं। पैदल चलने वाले लोगों को यही डर लगा रहता हैं कि न जाने वह कब किसी हादसे का शिकार हो जाएं। इसमें सबसे बड़ी लापरवाही जिला प्रशासन की भी देखने को मिल रही है। प्रशासन की ओर से यहां पर न तो कोई पैदल चलने के लिए रास्ता बनाया गया हैं और न ही यहां काफी समय से टूटे पड़े लोहे के जंगलों को ठीक करवाया गया है। ऐसे में न केवल लोगों को बल्कि यहां से गुजरने वाले हजारों वाहनों के भी गिरने का खतरा भी यहां बना रहता हैं। लेकिन प्रशासन इस ओर कोई सुध नहीं ले रहा है।
स्थानीय निवासी व हिमाचल प्रदेश हाईकार्ट के वकील देवेन भट्ट का कहना हैं कि ऊपरी शिमला के लिए इसी मार्ग से होकर ही सभी वाहन दिन में हजारों की संख्या में गुजरते है और आजकल पर्यटन सीजन शुरू होते ही हजारों की संख्या में पर्यटक कुफरी घूमने के लिए भी यहीं से होकर जाते हैं जिस वजह से इस मार्ग पर वाहनों की और भी ज्यादा भीड़ हो गई हैं क्योंकि यह मुख्य मार्ग है।
आजकल सर्दियों के समय में अधिक ठंड होने से इस मार्ग पर पानी जम जाता हैं तथा यहां फिसलन बन जाती हैं जिससे लोगों को पैदल चलने में काफी दिक्कतें पेश आती हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर कोई सुध नहीं ले रहा है। देवेन भट्ट ने प्रशासन से मांग की हैं कि इस सड़क को चौड़ा कर पैडेस्ट्रिसल जोन में बनाया जाएं और टूटे लोहे के जंगले को भी ठीक किया जाएं। ताकि लोगों को पैदल चलने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े।