राजकीय स्नातक शिक्षक संघ ने विभाग की प्रक्रिया पर उठाए सवाल

शिक्षक संघ ने की सरकार से व्यवस्था को बदलकर अपने स्तर पर तैयार करने की मांग

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

मंडी। हिमाचल प्रदेश राजकीय स्नातक शिक्षक संघ ने विभाग की उस प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाते हुए विरोध व्यक्त किया है, जिसके अंतर्गत प्रदेश भर के टीजीटी शिक्षकों को वरिष्ठता निर्धारण (सीनियोरिटी नंबर) व विभागीय कन्फर्मेशन के लिए स्वयं अप्लाई करना पड़ता है। इससे शिक्षक एक स्कूल से दूसरे स्कूलों से अपना सेवा रिकार्ड लाने में ही सदैव उलझे रहते हैं। राजकीय कला स्नातक  अध्यापक संघ (टीजीटी आर्ट्स एसोसिएशन) के राज्य अध्यक्ष सुरेश कौशल व महासचिव ओम प्रकाश ने विभाग की इस व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि शिक्षक द्वारा समस्त रिकार्ड विभाग को सौंपते हुए यह कार्य विभागीय दायित्व बन जाता है कि वह स्वयं विभाग में कार्यरत शिक्षकों की वरिष्ठता व कन्फर्मेशन निर्धारण गैर शिक्षक वर्ग के माध्यम से करे।
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उन्होंने कहा कि शिक्षक नेताओं ने गत दिवस अपनी राज्य कार्यकारिणी की वर्चुअल मीटिंग कर प्रस्ताव पारित कर प्रदेश के टीजीटी कैडर की इस प्रचलित व्यवस्था को बदल कर पारदर्शी व व्यवहारिक वरिष्ठता की टेंटेटिव सूचियां और कन्फर्मेशन विभाग द्वारा अपने स्तर पर तैयार करने की मांग की है, जिससे कि शिक्षकों को इस हेतु खुद अप्लाई करने के बजाय इसे जांचने के अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि इससे स्कूल, शिक्षक व विभाग का अनावश्यक पत्राचार व समय की भी सूचियां व कन्फर्मेशन लिस्ट बनाई जाए।
ज्ञात हो कि प्रदेश के इस लगभग 26 हजार के कैडर के शिक्षक प्रारंभिक शिक्षा विभाग में जब चुने जाते हैं या नियमित होते हैं, तो उनकी शिक्षा, ज्वाइनिंग समय व स्थान, कैटेगरी और सेवा रिकार्ड आदि का अक्षरशः वैध कागजात सहित रिकार्ड स्कूल में सेवा पंजिका में, ई-सर्विस बुक, उपशिक्षा कार्यालयों व निदेशालय को आवश्यक रूप से प्रेषित करना सुनिश्चित किया जाता है, जिसे एक क्लिक के माध्यम से कहीं से भी विभागाध्यक्ष देख सकते हैं।
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