आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिंदू धर्म में चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन राम भक्त, पवन पुत्र, हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। देशभर में आज हनुमान जयंती का त्योहार मनाया जा रहा है। हनुमान जयंती चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है. हनुमान जयंती को पवन पुत्र के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. देशभर में भगवान हनुमान के हजारों मंदिर हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला जाखू में बना भगवान हनुमान का मंदिर बेहद ऐतिहासिक होने के साथ भक्तों की आस्था का प्रतीक है।
राजधानी शिमला के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर जाखू में हनुमान जयंती पर डेढ़ क्विंटल का रोट चढ़ाया वही हनुमान जयंती पर जाखू मदिर में पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अपनी धर्म पतनी के साथ मदिर में पूजा अर्चना की। मंदिर के मुख्य पुजारी वेद प्रकाश शर्मा ने कहा कि हनुमान जयंती पर सुबह 4:00 बजे मंदिर के कपाट खोले गए उसके बाद हनुमान जी का शृंगार दिल्ली से मंगवाएं कमल, जैसमीन और गुलाब के फूलों से किया गया।
वही जाखू मंदिर में सुबह हवन भी किया गया जिसमे शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा ने हवन में आहूतिया डाली। साथ ही इस अवसर पर मानस संकीर्तन मंडल की ओर से सुंदरकांड का पाठ भी किया गया उनहोंने कहा कि हिमालय की ओर जाते हुए भगवान हनुमान की नजर राम नाम जपते हुए ऋषि यक्ष पर पड़ी. इस पर हनुमान यहां रुककर ऋषि यक्ष के साथ भेंट की और आराम किया। भगवान हनुमान ने वापस लौटते हुए ऋषि यक्ष से भेंट करने का वादा किया, लेकिन वापस लौटते समय भगवान हनुमान को देरी हो गई. समय के अभाव में भगवान हनुमान छोटे मार्ग से चले गए। ऋषि यक्ष भगवान हनुमान के न आने से व्याकुल हो उठे। ऋषि यक्ष के व्याकुल होने से भगवान हनुमान इस स्थान पर स्वयंभू मूर्ति के रूप में प्रकट हुए।