हिमाचल अभिभावक संघ शिमला ने फीस के लिए प्रताड़ित बच्ची व परिवार के लिए मांगा सरकार से न्याय

हिमाचल प्रदेश अभिभावक संघ शिमला कार्यकारिणी सदस्य
हिमाचल प्रदेश अभिभावक संघ शिमला कार्यकारिणी सदस्य

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला। राजधानी  के एक स्कूल में पांचवी कक्षा की छात्रा को फीस के लिए प्रताडि़त किए जाने संबंधी समाचार का हिमाचल प्रदेश अभिभावक संघ ने आलोचना करते हुए कड़ा संज्ञान लिया है। वीरवार को शिमला में संघ की जिला इकाई की बैठक में इस तरह से किसी छोटी सी बच्ची को मानसिक तौर पर वार्षिक  फीस के लिए  प्रताड़ित करने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कोरोना काल में हिमाचल सरकार ने फीस माफ़ करने के आदेश भी जारी किये हैं। ये सभ्य समाज में निंदनीय घटना है | सदल्यों ने कहा कि इन निजी स्कूलों के मालिकों को ना तो हमारे देश के  “कन्या  बचाओ  कन्या  पढ़ाओ  योजना”  का सुध है और ना ही भारत को भविष्य में विश्व पटल पर विश्व गुरु बनाने का कोई खाका है। इस तरह तो लगता है कि इनका एकमात्र लक्ष्य हमेशा अधिक से अधिक शुद्ध लाभ ही कमाना है।

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हिमाचल प्रदेश अभिभावक संघ शिमला ने समाचार पत्रों में इस खबर के बाद छपने के बाद एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में  शिमला कार्यकारिणी के सदस्य क्रमशः रमेश कुमार ठाकुर-अध्यक्ष, आचार्य सी एल शर्मा-सचिव,   हरी शंकर तिवारी-सलाहकार , डॉक्टर संजय-मुख्य संरक्षक,  कुलदीप सिंह -कोषध्यक्ष, जीतेन्द्र यादव-उपाध्यक्ष,  कुसुम शर्मा , हमिंदर धौटा , रीता चौहान,  प्रतिभा,  सुरेश वर्मा ,  हेमा राठौर, ज्ञान चन्द, अम्बिर सहजटा,  प्रियंका तंवर  एवं कर्यकारिणी के अन्य सदस्यों ने एक स्वर से मांग की है कि  शिमला प्रशासन , शिक्षा निदेशालय और प्रदेश सरकार इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और अतिशीघ्र निजी स्कूल की मानसिक प्रताड़ना से पीड़ित बच्ची एवं परिवार को राहत प्रदान करें।

इस सन्दर्भ में हमारा यह भी कहना है कि इन निजी स्कूलों पर न केवल निर्भरता कम करें बल्कि इनके हाल ही में उजागर हुए फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र  जैसे मामले और कई अनियमितता एवं सरकारी स्कूलों को वास्तविक सशक्तता देने के लिए निजी स्कूल फीस नियामक जैसे ठोस कानून अतिशीघ्र हमारे प्रदेश के प्रजातंत्र के मंदिर में अतिशीघ्र पास करके ना केवल लागु करें बल्कि हमारे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था, हमारे प्रदेश की साक्षरता दर की तर्ज पर नई शिक्षा नीति 2020 का पूर्ण लाभ प्राप्त करते हुए सभी केंद्रीय नियुक्तियों में भागीदारी बढ़ा सके और शीर्ष राज्यों में स्थान हासिल कर सकें । विशेषकर  संघ लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग की नियुक्तियों में ।   प्रदश अभिभावक संघ के मीडिया प्रभारी पावन मेहता ने ये जानकारी देते हुए कहा कि स्कूल प्रबंधन व प्रिंसिपल के ऊपर एफआईआर दर्ज की जाए और बच्ची का सारा खर्चा स्कूल मैनेजमेंट उठाएं।