HRTC कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन, जाने क्या है इनकी प्रमुख मांगे

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शिमला : हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समन्वय समिति के आहवान पर आज मंगलवार को परिवहन कर्मचारियों ने एचआरटीसी मुख्यालय शिमला में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर चिन्ता व्यक्त करते हुए रोष प्रकट किया.

संयुक्त समन्वय समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि आन्दोलन के दूसरे चरण में लम्बित मांगों को मनवाने के लिए संयुक्त समन्वय समिति के तत्वावधान में औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के अंतर्गत परिवहन कर्मचारी दिनांक 11-10-2021 से प्रत्येक यूनिट में प्रतिदिन गेट मीटिंग करेंगे तथा 18-10-2021 को निगम के कर्मचारी एक दिन के काम छोड़ो आन्दोलन पर रहकर अपने अपने कार्य का बहिष्कार कर निगम प्रबंधन के खिलाफ रोष प्रकट करेंगे. आंदोलनात्मक कार्यवाही को बाध्य करने की सारी जिम्मेवारी निगम प्रबंधन की होगी.

HRTC कर्मचारियों की प्रमुख मांगे :

  • यात्री परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया जाए. निजी रूट परमिट देने पर पूर्ण रोक लगाई जाए. निगम की समय सारणी को प्रभावित करने वाले समानान्तर निजी रूट परमिटों की CWP-7295/2012 एवं COPC-130/2019 में माननीय उच्च न्यायलय हि० प्र० द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार साक्षा की जाये तथा नियमों के खिलाफ दिय गए परमिटों को रद्द किया जाए. निगम द्वारा संचालित सभी रूटों के परमिट लिए जाएँ. सभी प्रकार के वाहनों का अवैध संचालन रोका जाए. राज्य परिवहन निति को अक्षरशः लागू किया जाए.
  • पेंशन के लिए प्रदेश सरकार के बजट में प्रावधान किया जाए. 15-05-2003 से बन्द की गई पेन्शन सुविधा बहाल की जाए. पेंशनरों तथा कर्मचारियों के सभी देय वितीय लाभ तुरन्त जारी किए जाए तथा भविष्य में सरकारी घोषणा के साथ ही दिये जाएँ. देरी से किये गये प्रत्येक भुगतान पर ब्याज दिया जाए. भविष्य निधि ट्रस्ट से खर्च की गई करोड़ों रुपये की राशि तुरंत जमा की जाए.
  • भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये .
  • पीस मील कर्मचारियों को एकमुश्त अनुबन्ध पर लाया जाए. अनुबन्धित वॉशर बॉय को नियमित किया जाए. अनुबन्ध का कार्यकाल पूर्ण कर चुके सभी कर्मचारियों को
    निर्धारित समय से नियमित किया जाए. 6. चालको को वरिष्ठ चालक का पदनाम व वेतनमान दिया जाए. 01-10-12 के बाद नियुक्त चालकों का पूर्व की तरह 9880/- रु. आरंभिक वेतन बहाल किया जाए.
  • स्टोर स्टाफ को पंजाब पद्धति पर मिनिस्ट्रियल स्टाफ में समायोजित किया जाए. बुकिंग क्लर्क को पंजाब पद्धति पर उप निरीक्षक का पदनाम व वेतनमान दिया जाए तथा निरीक्षण स्टाफ का नोर्म 0.16 से बढ़ा कर 0.40 किया जाए.
  • 2006 से पहले लगे कर्मचारियों को नियमितिकरण का एक समान लाभ दिया जाए. 9. परिचालको को आरंभिक वेतन एवं ACP स्कीम का लाभ दिया जाए. 20 वर्षों के सेवाकाल के उपरान्त मिलने वाली दो विशेष वेतन वृद्धियां 10 वर्षों के अन्तराल पर दी जाए.
  • चालकों-परिचालकों ड्यूटी का आंकल मोटर परिवहन कामगार अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अनुसार किया जाए. बिना टिकट यात्रियों को दण्ड पर बल दिया जाये ताकि यात्रियों को टिकट लेने के लिए बाध्य किया जा सके.
  • चालको-परिचालकों को रात्रि भत्ता व अतिरिक्त समय की बकाया राशी का तुरन्त भुगतान किया जाए एवं पूर्व की भान्ति प्रतिमाह दिया जाये.
  • सभी वर्गों में स्टाफ की कमी को पूरा किया जाए. भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में 12. सभी वर्गों में स्टाफ की कमी को पूरा किया जाए. भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में कर्मचारी संगठनों की सहमती से संशोधन किया जाए. कर्मशाला कर्मचारियों के हितों के विरुद्ध किये गए संशोधन को बदला जाए. सभी वर्गों की पदोन्नतियां पद खाली होने पर शीघ्र सुनिश्चित की जाए. सभी वर्गों की वरिष्ठता सूची जारी की जाए.
  • ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर का ग्रेड पे संशोधित किया जाए एवं बुकिंग क्लर्क, केशियर, जूनियर ऑडिटर एवं सीनियर ऑडिटर की पदोन्नति सुनिश्चित की जाए.
  • बुकिंग काउन्टरों को आउटसोर्स न किया जाए, वैट लीजिंग स्कीम को बंद किया जाए क्योंकि इसके परिणाम नकारात्मक रहे हैं तथा PPP मोड़ पर बन रहे बस अड्डो में HRTC की बसों से एंट्री फीस न ली जाए.
  • कर्मशालाओं की मुरम्मत तथा रखरखाव कारखाना अधिनियम में निर्धारित मापदंड के अनुसार की जाए.
  • वर्दी राशि को 3000रु. वार्षिक किया जाए. धुलाई भत्ता 250 रु. मासिक किया जाए. साथ ही  बिना जाँच के किसी भी शिकायत पर कार्यवाही न की जाये.
  • दिल्ली, चंडीगढ़ एवं हरिद्वार के कार्यालयों को और सुदृढ़ किया जाये एवं परिचालको को उचित विश्राम गृह की व्यवस्था की जाए.
  • Kith & Kin के लम्बित मामलों का तुरन्त एकमुशत निपटारा किया जाए. कोविड-19 के कारण मृत हुए कर्मचारियों के आश्रित को तुरन्त नौकरी प्रदान की जाए.
  • चालको परिचालकों के साथ आए दिन हो रहें लड़ाई झगड़ों को देखते हुए मेडीपरसन एक्ट को HRTC में भी लागू किया जाये.
  • कोविड-19 की स्थिति सामान्य होने पर बढ़ा हुआ बस किराया जनहित में वापिस लिया जाए.