आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। ग्राम पंचायत खंगटेड़ी के उप प्रधान रवि रावत ने कहा कि सरकार ने पेंशनधारकों की उम्र तो सत्तर साल से साठ साल कर दी है लेकिन इसके लिए जरूरी आय के पैमाने में कोई बदलाव नहीं किया है। सरकार ने पेंशन लेने की लिए न्यूनतम आय का पैमाना सालाना 35 हजार निर्धारित किया है, लेकिन दिक्कत यह है कि प्रशासन की तरफ से 35 हजार आय का प्रमाण पत्र केवल बीपीएल लोगों को ही प्रदान किया जा रहा है। इस कारण प्रदेश के बुजुर्गों को अपनी पेंशन लगवाने में असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के इस मापदंड के कारण बुजुर्गों को पेंशन लगवाना नामुमिकन साबित हो रहा है।
रवि रावत ने सरकार से मांग की है कि इस मंहगाई के दौर में सालान 35 हजार आय प्रमाण पत्र के स्थान पर आय सीमा को 35 हजार से एक लाख तक बढ़ाने की कृपा करें ताकि वृद्ध लोगों को पेंशन लगवाने में असुविधाओं का सामना न करना पड़े।
रावत ने कहा कि किसी भी पंचायत में बीपीएल धारकों की संख्या सरकार निर्धारित करती है और पंचायतों में बीपीएल धारकों के लावा अन्य गरीब लोग भी रहते हैं, जिन्हें आईआरडीपी में शामिल करना मुस्किल साबित होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ तो साठ साल तक की उम्र के वृद्ध व्यक्तियों को पेंसन लगवाने का वादा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा न्यूनतम आय प्रमाण पत्र पर उनके इस वादे को पूरा करने के रास्ते में रोड़ा बन रहा है। यह मापदंड सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। रवि रावत ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक लोग पेंशन प्राप्त कर सकें तो जल्द से जल्द आय प्रमाण पत्र की सीमा 35 हजार सालाना से बढ़ाकर एक लाख तक करें।