किन्नौर: बीते दिनों निगुलसरी के दरकते पहाड़ों ने ना जाने कितने लोगों को अपने आगोश में ले लिया. जिसके बाद से लगतार पहाड़ दरकने का सिलसिला जारी है. इसी दिशा में लगतार पहाड़ से पत्थर को गिरने से रोकने के लिए और भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना न हो इस दिशा में स्थानीय प्रशासन ने एक सख्त कदम उठाया है. प्रशासन ने सोमवार को हाइवे को बंद कर, पहाड़ी पर चढ़कर कमजोर चट्टानों को नीचे गिराने का काम किया है, ताकि संभावित हादसे को टाला जा सका.
निगलुसरी के पहाड़ी से गिरते पत्थरों से खतरा बरकरार था. नीचे हाइवे पर वाहनों की आवाजाही लगतार जारी थी और फिर से कोई बड़ा हादसा होने की आशंका थी. इसी को देखते हुए प्रशासन ने सोमवार को सुबह 9 बजे से शाम छह बजे तक बंद कर, खुद से कमजोर चट्टानों को गिराने का कार्य चलाया. साथ ही एनएच-5 पर वाहनों की आवाजाही भी इस दौरान बंद रखी. जिसकी सुचना उपायुक्त आबिद हुसैन ने लोगों को पहले ही दे दी थी. सोमवार शाम छह बजे के बाद मार्ग पर वाहनों की आवाजाही फिर सुचारू कर दी गई है.
सोमवार को नेशनल हाईवे प्राधिकरण के एक्सईएन रामपुर किन्नौर केएल सुमन और कनिष्ठ अभियंता मोहन मेहता की मौजूदगी में सुबह 9 से शाम 6 बजे तक प्राधिकरण के 15 मजदूरों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर पहाड़ी पर चढ़कर संभावित क्षेत्रों से ढीले बोल्डरों और चट्टानों को युद्धस्तर पर कार्य कर गिराया. प्राधिकरण के मजदूरों ने विपरीत परिस्थितियों में कार्य कर पहाड़ी से बने जोखिम को कम कर दिया है. जनजातीय जिले की 75 पंचायतों के हजारों लोग खतरों के साये में सफर करने को मजबूर थे. यही नहीं यहां आने वाले पर्यटकों को भी जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा था.
जिला प्रशासन किन्नौर ने एनएच प्राधिकरण को सुरक्षा के दृष्टिगत पहाड़ी पर ढीली चट्टानों को गिराने के निर्देश दिए थे और चट्टानें गिराने के लिए सोमवार का दिन तय किया गया था. एनएच प्राधिकरण के मजदूरों ने जान जोखिम में डालकर पहाड़ी के संभावित स्थानों से ढीली चट्टानों को गिराया और इससे कल्पा, पूह और निचार खंड के हजारों लोगों को आने वाले दिनों में यहां से सफर करना खतरों भरा नहीं रहेगा.