
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। प्रदेश को सेब राज्य का दर्जा प्राप्त है। यहां सेब बागवानों से धोखाधड़ी को रोकने के लिए यहां विशेष तौर पर एक एसआईटी का गठन किया गया है, बावजूद इसके बागवानों के साथ धोखाधड़ी और ठगी की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही। ताजा मामले में ऊपरी शिमला के 21 बागवानों ने अपने साथ 39 लाख की ठगी की शिकायत दर्ज करवाई है। यह ठगी उनके साथ कमीशन एजेंट के रूप में बिचौलियों की तिकड़ी ने की है।
पूर्व मुख्य अभियंता और प्रमुख सेब उत्पादक देवेंद्र चौहान ने शिमला से जारी में बताया गया है कि धोखाधड़ी करने वालों में बिहार के जिला गया के मारनची गांव निवासी सुचित कुमार, प्रदीप कुमार उर्फ पंकज रांटा और शशि नेगी उर्फ शाही महात्मा दोनों शिमला जिले की तहसील रोहड़ू के बिजोरी (रेंटारी) की निवासी हैं, ये तीन लोग शामिल हैं।
शिकायत में कहा गया है कि उपरोक्त तीनों व्यक्तियों की तिकड़ी ने उन्हें कमीशन एजेंट और सेब व्यापारी दिए। 21 किसानों की ग्रेडिंग और पैकेजिंग इकाइयों को चालू किया और सेब की फसल खरीदने के बाद उन्हें धोखा दे दिया?। साजिश रचने वाले बिचौलियों ने कुछ स्थानीय एजेंटों को कमीशन देने के लिए उन्हें भुगतान किया जडो सफल रहा जबकि वास्तविक बागवानों के साथ भुगतान के नाम पर धोखा किया गया। बिचौलिए प्रदीप कुमार ने इन बागवानों को पोस्ट पेड चेक भी जारी किया। जब बागवान इन चेकों के भुगतान के लिए बैंक पंहुचे तो ये चेक बाउंस हो गए। इसके बाद बागवानों ने प्रदीप कुमार से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन पहले उसने फोन नहीं उठाया जबकि बाद में फोन लागातर स्विच आफ आ रहा। ठगे गए किसानों ने स्थानीय एजेंटों से संपर्क करने की कोशिश की, जो उनका भुगतान करने में अब अपनी असमर्थता जता रहे हैं। इन स्थानीय एंजेटों का कहना है कि उपरोक्त तीनों व्यक्ति उनके संपर्क में नहीं है औक उन्हें इनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है।
इस धोखे के बाद तो बागवान सीधे सड़क पर आ गए हैं क्योंकि सेब बेचकर आने वाली रकम उनकी सालभर की मेहनत का फल और आजीविका का साधन थी। ऐसे कोविड के कठिन समय में इस तरह की धोखाधड़ी से बागवानों को बहुत अधिक धक्का पहुंचा हैं क्योंकि उनके पास इसके अलावा कोई अन्य आय तका स्त्रोत भी नहीं है। इससे न केवल उनके परिवार सीधे प्रभावित हुए हैं बल्कि सेब सीजन में उनके बागीचों में काम करने वाले मजदूरों औन अन्य लोगों का भुगतान करने में परेशानी पेश आ रही है। देवेंद्र चौहान ने कहा कि उपरोक्त तीनों व्यक्तियों के खिलाफ प्रभावित बागवानों ने अपनी शिकायत जुब्बल थाने में दर्ज करवाई है। जबकि इन लोगो ने जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र के अन्य किसान-बागवानों से भी अपील की है कि अगर कोई अन्य व्यक्ति है जिसके साथ इन तीनों ने ठगी की है, वे भी सामने आएं। ये तीनों आरोपी इन क्षेत्रों में काफी सक्रिय थे और भी संभावना है कि इस क्षेत्र के कुछ अन्य बागवान भी उनकी ठगी का शिकार हो सकते हैं।

शिकायत करने वालों में कोहलाड़ा, सिरठी, पुराण जुब्बल, रामपुरी, क्यारी, नेहनार, मिहाना गाँवों से जुड़े सेब उत्पादक शामिल हैं। इन लोगों ने संयुक्त रूप से शिकायात दर्ज करवाई है। इस संदर्भ में 19 सितंबर, 2020 को पुलिस स्टेशन जुब्बल में एक एफआईआर भी दर्ज कर धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाने की मांग की है।
ये लोग हुए है ठगी का शिकार
इन लोगों ने सरकार से इस मामले में एक एसआईटी का गठन करने और उनका पैसा वापिस दिलाने का आश्वासन भी मांगा है। जानकारी के अनुसार, सेब बागवान जगदीश शर्मा ने 4.20 लाख रुपये में, रामानंद ने 2.90 लाख रुपये, हुमानंद ने 2.24 लाख रुपये, करतार सिंह और कुलदीप कुमार 2.40 लाख रुपये, हरिश कुमार 2.37 लाख रुपये, हरीश कुमार ने 2.09 लाख और दलीप सिंह ने 1.60 लाख रुपये, और रोशनी देवी ने 1.56 लाख रुपये, दविंदर चौहान ने रु 1.12 लाख और एक लाख रुपये से कम के पांच अन्य किसान इस तिकड़ी की ठगी का शिकार हुए हैं।