आदर्श हिमाचल ब्यूरो
दिल्ली। दुनिया में कोरोना वायरस के खात्मे के लिए वैक्सीन की खोज भी की जा रही है। इस बीच इंटास फार्मा देश की पहली प्लाज्मा थेरेपी वैक्सीन के लिए एक महीने में ह्यूमन ट्रायल की शुरुआत करने जा रही है। कंपनी का दावा है कि इस वैक्सीन के इस्तेमाल के बाद मरीज को कोविड-19 के लिए प्लाज्मा थेरेपी देने की जरूरत नहीं होगी। इंटास मेडिकल एंड रेग्युलेटरी अफेर्स के हैड डा. आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि देश में कोरोना की बिमारी के लिए इस तरह की यह पहली दवा बनाई जा रही है। यह पूरी तरह से स्वदेशी है।
इस दवाई हाइपरिम्युन ग्लोब्युलिन को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) की ओर से कोविड-19 के इलाज के लिए ह्यूमन ट्रायल की अनुमति मिल चुकी है। इसके लिए गुजरात और देश की अन्य कोविड स्पेशलाइज हॉस्पिटल के साथ क्लीनिकल ट्रायल किए जाएंगे। डा. चतुर्वेदी का कहना है कि कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, इसमें अंदाजन 300 एमजी प्लाज्मा दिया जाता है। हालांकि इसका मरीज पर कैसा असर होता है, वो अभी भी स्पष्ट नहीं है, जहां हाइपरिम्युन ग्लोब्युलिन 30 एमजी डोज ही किसी भी कोविड मरीज के लिए काफी है। यह अब तक के ट्रायल में साबित हो गया है। डा. चतुर्वेदी का यह भी कहना है कि अगले एक महीने के अंदर इस दवा का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो जाएगा। ये दवा ह्यूमन प्लाजा से ही बनी है, इस कारण इसका नतीजा एक महीने के अंदर सामने आ जाएगा।