जाह्नवी, रिज़ा, तुषार आनंद और कशिश में से एक को मिलेगा बाल मुख्यमंत्री का पद  

बाल विधायकों में मुख्यमंत्री पद पर नहीं बनी सहमति – अब जनता के वोट और विधायक मिलकर करेंगे तय 

जाह्नवी, रिज़ा, तुषार आनंद और कशिश में से एक को मिलेगा बाल मुख्यमंत्री का पद
जाह्नवी, रिज़ा, तुषार आनंद और कशिश में से एक को मिलेगा बाल मुख्यमंत्री का पद
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र के लिए मुख्यमंत्री के दावेदारों का मुकाबला अब रोचक दौर में पहुंच गया है।।सोशल मीडिया पर मिले जनता के  वोट और बाल विधायकों के समर्थन से मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा शुरूआती दौर में इस पद के लिए 9 नाम आगे आए थे । अंतिम चरण के लिए 4 दावेदार, कसौली के तुषार आनंद,    रिज़ा शेख,जाहन्वी और कशिश चौहान के नाम हैं।।खबर लिखने तक किसी भी नाम पर सहमति नही बन पाई है।
डिजिटल बाल मेला के फाउंडर जान्हवी शर्मा ने बताया कि रिज़ा शेख,तुषार आंनद, कशिश और जाहन्वी में से जिस भी दावेदार को सोशल मीडिया पर और बाल विधायकों का समर्थन सबसे ज्यादा मिलेगा, उसे ही मुख्यमंत्री घोषित किया जाएगा।  गौरतलब है कि एलआईसी और डिजिटल बाल मेला द्वारा आयोजित  बाल विधानसभा सत्र हिमाचल में आयोजित किया जा रहा है जिसमें 5 राज्यों के 68 बच्चे विधानसभा में बच्चों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
चार दावेदारों में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलेगा वहीं उप – मुख्यमंत्री के लिये चार दावेदारों ने अपने नाम सामने रखे हैं। आज कैबिनेट में मंत्रियों के लिये बच्चों के सुझावों को शामिल किया जायेगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र  विश्व ‘बाल श्रम निषेध दिवस’ पर आयोजित किया जा रहा है। बच्चों की राजनीतिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये इस सत्र का आयोजन किया गया  है। बाल विचारों को नीति निर्माण में स्थान प्रदान कराना इसका मकसद है। बच्चों के मुददो/ विषयों को उनके द्वारा प्रस्तुत किये जाने से मौलिकता और नवीनता को जगह मिलती है। दुनिया के कुछ देशों में बच्चे राजनीतिक प्रतिनिधित्व हासिल कर चुके हैं।
हमारे देश में भी नयी पीढ़ी में राजनीतिक जागरुकता बढ़ाने के लिये यह ‘सत्र’ विधानसभा भवन में आयोजित किया जा रहा है। हमारे देश में ‘युवा संसद’ के ज़रिये बच्चों को सुनने का अवसर पहले भी मिलता रहा है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि विधानसभा भवन में इसका आयोजन बच्चों के विचारों को गंभीरता से लेने की प्रतिबद्धता बताता है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के तत्वाधान में डिजिटल बाल मेला द्वारा संचालित विधानसभा बाल सत्र बच्चों की आवाज़ मुखर करने का एक प्रयास है। ‘डिजिटल बाल मेला’ कोरोना के मुश्किल काल में शुरु किया गया एक नवाचार है जिसका संचालन फ्यूचर सोसायटी कर रही है। फ्यूचर सोसायटी पिछले 16 सालों से बच्चो, युवाओँ और महिलाओं की समान भागीदारी के छोटे छोटे प्रयास कर रही है। राजस्थान विधानसभा में 14 नवंबर 2021 को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के तत्वाधान में विधानसभा बाल सत्र का आयोजन किया गया था जिसके मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला थे।
डिजिटल बाल मेला कोरोना काल में शुरु किया गया एक नवाचार है। ‘’बच्चों की सरकार कैसी हो’’ यह सवाल बच्चों से पूछा गया और बच्चों ने ही इसका जवाब दिया। 12 जून को ‘विधानसभा बाल सत्र’ में जो विषय रखे जायेंगे वो सब बच्चों द्वारा ही उठाये गये विषय हैं। बच्चे जो अपने आस – पास की परिस्थितियों को देखने के बाद महसूस करते हैं उन विषयों को नीति निर्माण में शामिल करने का प्रयास है ऐसे बाल सत्र। इसमें शामिल होने वाले 68 बच्चे 68 स्कूल्स का प्रतिनिधित्व करते हैं। हिमाचल प्रदेश की 43 विधानसभा क्षेत्रों के 63 बच्चे चुने गये। वहीं 5 राज्यों से पांच बच्चों का चयन हुआ है। इसमें 40 लड़कियां और 28 लड़के बाल विधायक के रुप में शामिल हो रहे हैं
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