आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के पूर्व वाइस चेयरमैन व भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नवीन शर्मा ने जारी प्रैस नोट में कहा कि हिमाचल में सुख की सरकार ने जब से प्रदेश में सत्ता संभाली है तब से हिमाचल प्रदेश क़ानून व्यवस्था की हालत बद से बदतर हो गई है मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के गृह जिलों की हालत दयनीय हो गई है । हैरानी की बात ये है कि माफिया और चोर दिनदहाड़े घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं पहले ये अपराधी घरों में घुस कर नकदी व गहनों को ही चुराते थे परंतु अब मुख्यमंत्री के गृह जिले में लोगों द्वारा पशुशाला में बंधे हुये पशु भी चोरी होने लग पड़े हैं यह अत्यंत शर्मनाक है ।
नवीन शर्मा ने कहा कि खासकर सीमान्त जिलों मेें घट रही गोलीकाण्ड, डकैती व हत्या की घटनाएं यह साबित करती हैं कि प्रदेश सरकार व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम साबित हुई। नवीन शर्मा ने सरकार और प्रशासन पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले ऊना में प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में चली गोली की घटना अत्यंत चिंतनीय है और प्रदेश की पुुलिस प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़े करती है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश मेें रेत-माफिया और ड्रग माफिया सरकार व पुलिस के संरक्षण में फल-फूल रहा है खनन माफिया को संरक्षण देने के लिए सरकार ने प्रदेश के अधिकतर क्रशर बंद कर दिए हैं जिससे माफिया अधिक दाम रेत बजरी के लोगों से वसूल रहे हैं आम जनता को भारी परेशानी हो रही है प्रदेश के विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं और यह सब सरकार के संरक्षण में कार्यान्वित हो रहा है । उसके कारण अपराधी प्रवृति के लोगों के हौंसले बुलन्द हैं। कानून की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
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नवीन शर्मा ने कहा कि कुछ माह पूर्व ऊना जिला के सन्तोषगढ़ में पुलिस कर्मियों को सट्टेबाजों द्वारा बन्दी बनाने की घटना तथा ऊना मुख्यालय के साथ लगते बहडाला में गोंलीकाण्ड की घटनाएं प्रदेश की कानून व्यवस्था की पोल खोलती है।औद्योगिक क्षेत्र बद्दी और चम्बा की घटनाएं भी प्रदेश में बढ़ते अपराधीकरण व पुलिस की नाकामी को उजागर करती है। ऊना के घालुवाल में घटित घटना के आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है। सीमान्त जिलों और औद्योगिक क्षेत्रों फिरोती व लूटपाट की घटनाएं भी आये दिनों बढ़ रहीं है, जो चिंता का विषय हैं। प्रदेश में माफियाओं और अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गये हैं कि वह सरेआम दिन-दहाडे़ ऐसी घटनाओं को अंजाम देकर सुरक्षित निकल जाते हैं। पुलिस राजनैतिक दबाव के कारण चुप हैं।
नवीन शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 10 माह में कानून व्यवस्था का दिवाला निकल गया है। पुलिस प्रशासन निकम्मा साबित हो रहा है। माफियाओं के हौंसले बुलन्द हैं। ड्रग माफिया और रेत- माफिया को पुलिस का संरक्षण मिलता है तभी उनके हौसलें बुलंद है। सीमान्त जिले गुण्डागर्दी के अड्डे बनते जा रहे हैं, जो चिन्तनीय हैं।