किन्नौर-रामपुर से नही मिली लीड तो तीन सौ साल पुराने अंतरराष्ट्रीय लवी मेले को भाजपा सरकार ने कर दिया दरकिनार: विक्रमादित्य सिंह

शिमला ग्रामीण विधायक विक्रमादित्य सिंह (फाइल फोटो )
शिमला ग्रामीण विधायक विक्रमादित्य सिंह (फाइल फोटो )

 

कहा, सत्ता में आये तो करेंगे स्वर्ण आयोग का गठन, नियमों के खिलाफ काम कर रहे अधिकारियों की करेंगे न्यायिक जांच

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का आयोजन न करने पर कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य ने सवाल खड़े किए है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर रामपुर से भेदभाव करने के आरोप लगाए है। शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि लवी का मेला अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मेला है प्रदेश में अन्य जगहों पर मेलो का आयोजन किया जा रहा है लेकिन उप चुनावो में मिली हार के चलते लवी मेले को राजनीति की भेंट चढ़ाया गया है।

लवी मेला तीन सौ साल पुराना मेला है और यहाँ रामपुर ही नही बल्कि किन्नौर सहित अन्य जगहों से व्यापारी आते है लेकिन इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर के लवी मेले का आयोजन कोरोना का बहना बता कर केवल स्थानीय व्यपारियों को ही व्यापार करने की इजाजत दी है जबकि उसी दिन रेणुका मेले का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है और  मुख्यमंत्री रेणुका मेले में शिरकत कर रहे है और लवी मेले में न तो राज्यपाल न मुख्यमंत्री और न ही कोई मंत्री पहुंचा, जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है।

उन्होंने कहा कि उप चुनावो में रामपुर किन्नौर से लीड न मिलने से ही लवी मेले को इस बार सरकार ने दरकिनार किया है   जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। इसको लेकर जल्द राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि उप चुनावो में जहा जहा बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है उन क्षेत्रों के साथ सरकार भेदभाव कर रही है।

वही विक्रमादित्य अधिकारियों को भी नियमो के दायरे में रह कर काम करने की नसीहत दी । उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी राजनीतिक आकाओ के  इशारों पर काम कर रहे है। प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को उप चुनावो में अपना समर्थन दे दिया है और अब छे महीने बाद ये सरकार भी जाने वाली है। ओर अभी जो भी अधिकारी निमों से बाहर जा कर कार्य कर रहे है सत्ता में आने पर इसकी न्यायिक  जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपने दायरे ओर नियमो के तहत कार्य करना चाहिए न कि राजनीतिक आकाओ के इशारे पर काम करना चाहिए।

इसके अलावा विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर सवर्ण आयोग के गठन की बात की ओर कहा कि वे किसी समाज या वर्ग के खिलाफ नही है । प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ही अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया था और यदि अब सवर्ण समाज आयोग की गठन की मांग कर रहा है तो सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और यदि ये सरकार आयोग का गठन नही करती है तो कांग्रेस के सत्ता में आते ही सवर्ण आयोग का गठन करेगी।

वही विक्रमादित्य सिंह ने लोकसभा उप चुनाव में प्रतिभा सिंह की जारी की गई ऑडियो की कांग्रेस अध्यक्ष से जांच की मांग की ओर कहा कि ये ऑडियो चार साल पहले की है इस समय ये ऑडियो जारी की गई है। ये ऑडियो किस मंशा से जारी की गई है इसकी कांग्रेस जांच करे।