45 विक्रय केंद्रों पर किसानों को उपदान पर बांटा जा रहा मक्की का बीज: डॉ. गौतम    

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मशोबरा क्षेत्र में मक्की की बिजाई करते किसान
मशोबरा क्षेत्र में मक्की की बिजाई करते किसान

 आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

शिमला। इस बार मई माह में भारी बारिश होने पर  मशोबरा ब्लॉक के निचले क्षेत्रों में किसानों द्वारा मक्की की बुआई का कार्य आरंभ कर दिया गया है । कृषि विभाग शिमला ने किसानों को उन्नत किस्म के मक्की का बीज उपलब्ध करवाने के लिए 45 से अधिक विक्रय कें्रद जिला में  खोले  है । उप निदेशक कृषि शिमला डॉ अरविंद गौतम  के अनुसार जिला के प्रत्येक विकास पर 3 से 4 केंद्र खोले गए है ताकि किसानों को आसानी से बीज उपलब्ध हो सके । कहा कि प्रथम चरण में जिला में 168 क्ंिवटल मक्की का बीज बांटा जा रहा है और मांग होने पर अतिरिक्त बीज उपलब्ध करवाया जाएगा ।

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कहा कि  किसानों को के-25 मक्की का बीज उपदान पर 50 रूपये, स्टार-33 किस्म का बीज 65 रूपये और कंचन किस्म का बीज भी 60 रूपये प्रतिग्राम उपलब्ध करवाया जा रहा है । जबकि कोरोना संकट के चलते बसें बंद होने के कारण  किसान विक्रय केंद्र पर पहूंच ही नहीं पा रहे हैं और अधिकांश लोग गत वर्ष का रखा मक्की का बीज से ही बुआई की जा रही है । लिहाजा कोरोना संकट के चलते किसानों का रूझान पारंपरिक फसलों की तरफ ज्यादा बढ़ रहा है । जिला कृषि अधिकारी शिमला डॉ मोहिन्द्र भवानी का कहना है कि गत वर्ष के दौरान करीब तीन सौ क्ंिवटल मक्की का बीज किसानों को उप दान पर उपलब्ध करवाया गया था जिसमें मक्की की प्रमुखतः किस्म बी-52, 5992, के-25 गोल्ड और बायो-9220 शामिल  थी  । बताया कि जिला में इस वर्ष  करीब 35 हजार क्ंिवटल मक्की के उत्पादन की उमीद है जोकि पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक  होगी  ।

डॉ मोहिन्द्र भवानी ने बताया कि शिमला जिला  में 12319 हैक्टेयर भूमि पर 120485 मिट्रिक टन खरीफ फसलों का उत्पादन होता है जिसमें सर्वाधिक मक्की की फसल शामिल हैं । उन्होने बताया कि विभाग द्वारा किसानों को शिमला मिर्च, खीरा, घीया, बीन, टमाटर, पशुओं के लिए चारा के बीज के अतिरिक्त पॉवर, टिल्लर, स्प्रे पंप, चार काटने की मशीन, पानी के टब इत्यादि कृषि उपकरण भी किसानों को  सबसीडी पर उपलब्ध करवाए जाते हैं।