आदर्श हिमाचल ब्यूरो
धर्मशाला: प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचे तथा समाज का हर एक व्यक्ति इन योजनाओं की जानकारी रखे, इसके लिए ‘‘जनभागीदारी से सुशासन हिमाचल का महा क्विज़‘‘ नाम का एक ऑनलाईन क्विज़ आरम्भ किया है । इस क्विज़ में हिमाचल प्रदेश का कोई भी नागरिक 25 जुलाई 2022 तक भाग ले सकता है । क्विज़ के विजेताओं को मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा । आज का यह कार्यक्रम भी इसी पहल का एक भाग है ताकि सरकार की योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक नागरिकों तक पहुचाई जा सके तथा उन्हें इस महाक्विज़ में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा सके ।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी आज सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा आयोजित ‘जनभागीदारी से सुशासन राउंड 1’ के तहत महिला सशक्तिकरण क्विज़ में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपनी विलक्षण प्रतिभा के बल पर जीवन में अनेक बाधाओं का दृढ़ता के साथ सामना करते हुए ऊॅंचे प्रशासनिक एवं संवैधानिक पदों पर आसीन हैं तथा बखूबी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही हैं ।
अपने-अपने कार्यक्षेत्र में महिलाएं त्वरित एवं प्रभावी निर्णय लेकर हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर एक अलग पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आज मुझे ऐसा कोई क्षेत्र नहीं दिखता, जहां महिलाओं की सहभागिता नहीं है। यहां तक कि, कोविड-19 महामारी के दौरान भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आशा वर्करज़ का योगदान सराहनीय रहा है ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस बजट में बिना आय सीमा के वृद्धावस्था पैंशन के लिए आयु सीमा 70 से घटाकर 60 वर्ष की गई है। वर्तमान कार्यकाल में बिना आय सीमा के वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा 80 से घटाकर 60 वर्ष की गई है। 60 वर्ष या इससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को अपै्रल, 2022 से 1700 रुपए मासिक वृद्धावस्था पेंशन प्रदान की जाएगी। उन्होंने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की लड़कियों के विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शगुन योजना एक अप्रैल 2021 से लागू की है ।
इस योजना के अन्तर्गत 31000 रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है । योजना के अन्तर्गत वित्त वर्ष 2021-22 में 5308 लड़कियों के विवाह के लिए 16 करोड़ 45 लाख 48 हजार रुपए स्वीकृत किए गए । ऐसी लड़कियां जिनके पिता की मृत्यु हो चुकी है या फिर किसी गंभीर बीमारी के कारण बेड रिडन है तथा आजीविका कमाने में असमर्थ हैं, उनके विवाह के लिए मुख्य मन्त्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत 51000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, बशर्ते उनकी वार्षिक पारिवारिक आय 50 हजार रुपए से अधिक न हो। योजना के अन्तर्गत गत वित्त वर्ष में 3175 लड़कियों के विवाह के लिए 16 करोड़ 10 लाख 22 हजार रू0 स्वीकृत किए गए।
सरवीण चौधरी ने कहा कि बेटी है अनमोल योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवार में जन्मी दो बेटियां को 21000 रुपये प्रति बालिका की दर से जन्म उपहार राशि प्रदान की जा रही है जिसे बालिका के नाम बैंक या डाकघर में जमा करवाया जा रहे हैं । योजना के अन्तर्गत वित्त वर्ष 2021-22 में 30851 लड़कियों के पक्ष में 9 करोड़ 5 लाख 45 हजार रुपए स्वीकृत किए गए । बेटी बचाओ बेटी पढा़ओ योजना के अन्तर्गत लड़कियों की सुरक्षा एवं शिक्षा को सुनिश्चित किया जा रहा है ।
प्रधानमंत्री मात्रृ वंदना योजना के अन्तर्गत ऐसी सभी गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं का, जो केन्द्र सरकार या राज्य सरकार या सार्वजनिक उपक्रमों के साथ नियमित रोजगार में नहीं हैं या जो किसी कानून के अर्न्तगत समान लाभ प्राप्त नहीें कर रही हैं, को प्रथम बच्चे के जन्म के दौरान 5000 रुपए की राशि तीन किश्तों में प्रदान की जाती है । इसके अतिरिक्त पात्र महिला को 1000 रुपए जननी सुरक्षा योजना के अर्न्तगत स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी प्रदान किए जाते हैं ।
इस अवसर पर निदेशक, महिला एवं बाल विकास रूपाली ठाकुर, अतिरिक्त उपायुक्त गन्धर्वा राठौढ़, उप निदेशक उच्च शिक्षा रेखा कपूर, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास रणजीत सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी अशवनी शर्मा, एमडी कॉर्ड एनजीओ क्षमा मैत्रे सहित काफी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।
इसके उपरांत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने गत सायं धर्मशाला में हुई निजी बस की दुर्घटना में घायलों का क्षेत्रीय अस्पताल में जाकर कुशलक्षेम पूछा और अस्पताल प्रशासन को उपचाराधीन मरीजों को हर सम्भव सहायता प्रदान करने के लिए कहा।