आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)एवं निदेशालय जेल एवं सुधारक सेवाएं, जेल प्रशासन, हिमाचल प्रदेश पुलिस के समन्वय एवं सहयोग से बीते 02 फरवरी को मॉडल सेंट्रल जेल, कंडा, जिला शिमला के 400 प्रिज़न इनमटेस (Prison Inmates) एवं पुलिस अधिकारियों के लिए मेगा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित किया गया।उक्त कार्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभगियों को बैंकिंग, वित्तीय प्रबंधन, कौशल विकास, फाइनेंशियल वैलनेस, फाइनेंशियल डिसप्लिन, साइबर एवं वित्तीय फ्रॉड से सुरक्षा इत्यादि विषयों पर गूढ़ जानकारी प्रदान की गई। प्रिज़न इनमेट्स (Prison Inmates) में कौशल विकास और फाइनेंशियल डिसप्लिन विकसित करने के उद्देशय से इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया ताकि समाज में जुर्म की दर में कमी आ सके। प्रिज़न इनमेट (Prison Inmate) जेल से बाहर निकलने पर सार्थकता के साथ जीवन यापन कर सकता है।
आर.एस. अमर, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, शिमला एवं एस.आर. ओझा, पुलिस महानिदेशक (निदेशालय जेल एवं सुधारक सेवाएं) कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। उक्त कार्यक्रम में एस.के.यादव, बैंकिंग लोकपाल, आरबीआई एवं पीताम्बर अग्रवाल, उप महाप्रबंधक एवं सुशील ठाकुर, अधीक्षक कारागार भी उपस्थित थे। आर.एस.अमर एवं एस. आर. ओझा ने अपने संबोधन में कैदियों को आय अर्जित करते हुए कौशल विकास, बचत के लाभ, बजट बनाने के लाभ, बीमा सुरक्षा योजनाओं, निवेश के अवसर एवं आवश्यकता एवं डिजिटल बैंकिंग के लाभ एवं इसमें बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया।कौशल विकास एवं सफल वित्तीय प्रबंधन की जानकारी से कैदियों के पुनर्वास में एवं जेल से रिहा होने के उपरांत अच्छा जीवन व्यतीत करने में सहायता मिलेगी।उन्होंने कैदियों को डिजिटल धोखाधड़ी से खुद को बचाने के बारे में भी सचेत किया। इसके अतिरिक्त श्री एस. के. यादव, बैंकिंग लोकपाल, भारतीय रिज़र्व बैंक, शिमला ने भारतीय रिज़र्व बैंक की“एकीकृत लोकपाल योजना 2021”के बारे में जानकारी प्रदान की।
आरबीआई शिमला द्वारा एक प्रस्तुति दी गई जिसमे वित्तीय समावेशन एवं वित्तीय साक्षरता के विभिन्न पहलुओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। वित्तीय प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं जैसे कि आवश्यकता और इच्छा के बीच अंतर, बजट, कौशल विकास की आवश्यकता,डिजिटल बैंकिंग, सामाजिक सुरक्षा और सरकार की ऋण योजनाएं आदि विषयों के बारे में जागरूक किया गया। इसके अतिरिक्त वित्तीय समावेशन और विकास विभाग, शिमला द्वारा कैदियों के वर्तमान में वित्तीय समावेशन स्थिति के बारे में स्टडी के बारे में जानकारी देते हुए विभिन्न प्रकार की वित्तीय समावेशन से संबंधित क्विज़ भी आयोजित की गई और वित्तीय प्रबंधन से संबंधित बारीकियों को बताया गया। कार्यक्रम के दौरान पेशेवर थिएटर ग्रुप एवं कैदियों द्वारा पृथक रूप से वित्तीय साक्षरता नाटिकाओं का आयोजन किया गया, जिसमें बचत के लाभ, धोखाधड़ी के तौर-तरीकों से बचने के उपाय, समय पर ऋण के पुनर्भुगतान के लाभ, आदि प्रकरणों का मंचन किया गया।कार्यक्रम के दौरान वित्तीय साक्षरता सामग्री सभी प्रतिभागियों को वितरित की गई। प्रतिभागियों के लिए एक वित्तीय साक्षरता प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया जिसमें सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में सुशील ठाकुर, अधीक्षक, कारागार, जेल प्रशासन द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के वित्तीय साक्षरता पहल की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए उक्त कार्यक्रम की सराहना की गई।