प्रदेश में मानसून के कहर, जिला शिमला में सबसे अधिक 391 बिजली ट्रांसफार्मर अभी भी बाधित 

मौसम विभाग के मुताबिक 4 अगस्त तक खराब रहेगा मौसम, आज और 2 अगस्त के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी 

मौसम अलर्ट (सांकेतिक तस्वीर)
मौसम अलर्ट (सांकेतिक तस्वीर)

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला। हिमाचल में मानसून ने अपना रूद्र रूप दिखा दिया है। भारी बारिश के कारण प्रदेश में काफी नुकसान हो चुका है जिसमे कई लोगों की जाने जा चुकी है तो बादल फटने से कई लोगों के मकान में बह गए है। इतना ही नहीं कई नदियां. उफान पर आ चुकी है और कई मवेशी भी बह गए है। राजधानी  की यदि बात की जाए तो सबसे ज्यादा जिला शिमला में 177 व कुल्लू में 123 सड़कें अभी भी  बाधित हैं। राज्य में 632 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप पड़े हैं।

 

शिमला जिले में सबसे अधिक 391, मंडी 115 व कुल्लू में 120 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं। इसी तरह राज्य में 100 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हैं।  रामपुर उपमंडल में शुक्रवार देररात से जारी बारिश से कई जगह पर भूस्खलन होने से मकान खतरे की जद में आ गए हैं। चुहाबाग से लेकर खनेरी तक नेशनल हाईवे पर जगह-जगह पहाड़ी से भूस्खलन हुआ है। कई इलाकों में बिजली भी गुल है।  रामपुर के नजदीक कल्याणपुर में भूस्खलन से कई मकानों को खतरा पैदा हो गया है।

 

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मौसम विभाग ने  प्रदेश के कई भागों में आज  भी भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 30 जुलाई से मौसम में कुछ सुधार की संभावना है। हालांकि, 2 अगस्त के लिए फिर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश में कई भागों में 4 अगस्त तक मौसम खराब बना रह सकता है। शुक्रवार रात को रामपुर शिमला में 72.6, कोटखाई 43.4 और कटौला मंडी में 41.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

इस बार मानसून में 24 जून से 28 जुलाई तक प्रदेश में 5536.15 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। 184 लोगों की जान गई है। 211 लोग जख्मी हुए हैं। बाढ़ से 699 मकान ढह गए, जबकि 7093 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस दौरान भूस्खलन की 71 और अचानक बाढ़ की 51 घटनाएं सामने आई हैं। सरकार के अनुसार नुकसान का आंकड़ा 8000 करोड़ से अधिक पहुंचने का अनुमान है।