पर्वतीय इकोसिस्टम और जलवायु परिवर्तन पर हॉलीडे होम में पर्यावरण विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग ने कार्यशाला का आयोजन

Early morning at Loch Duich in the Highlands of Scotland with low lying clouds and mountain views

शिमला: दुनिया भर में आज जलवायु परिवर्तन का मुद्दा वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है| माउंटेन इकोसिस्टम अर्थात पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र जलवायु परिवर्तन के असमय बदलाव के लिए अत्यधिक संवेदनशील है तथा पर्वतीय पर्यावरण को प्रभावित करता है| जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को दर्शाने में पर्वतों की विशेष भूमिका होती है| हिमालय पारिस्थितिकी तंत्र में लगभग 51 मिलियन लोग पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि करते हैं और कृषि में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से प्रभावित होते हैं| पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विकास ने पूरे हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है l वैज्ञानिकों का मानना है कि पर्यावरण की क्षति के साथ तापमान में वृद्धि ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने का कारण है| ग्लेशियर मीठा जल उपलब्ध कराने वाले तथा मानव को जल की आपूर्ति कराने वाले महत्वपूर्ण जलाशय है|

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ललित जैन, निदेशक, पर्यावरण विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग हिमाचल प्रदेश तथा सदस्य सचिव हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिम्कॉस्ट) ने बताया कि हिमकॉस्ट 30 जून, 2022 को होटल होलीडे होम शिमला में एक दिवसीय कार्यशाला, विषय “जलवायु परिवर्तन एवं पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र पर निति निर्माताओं एवं प्रशासन के उच्च अधिकारियों के ज्ञानवर्धन (Sensitization) का आयोजन करने जा रहा है| यह कार्यशाला हिम्कोस्ट में स्थित स्टेट जलवायु परिवर्तन केंद्र शिमला तथा दिवेचा जलवायु परिवर्तन केंद्र (आई०आई०एस०सी० बेंगलुरु) संयुक्त रूप से करा रहे हैं । इस कार्यशाला का उद्घाटन प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग हिमाचल प्रदेश) द्वारा किया जाएगा।

ललित जैन ने बताया कि इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता प्रोफेसर अनिल कुलकर्णी, विशिष्ट वैज्ञानिक, दिवेचा केंद्र, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस बेंगलोर, डॉ० आर० कृष्णन, निदेशक, भारतीय उषण कटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) पुणे (महाराष्ट्र), डॉ० आर ० एस० रावत, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् देहरादून, डॉ० जे०सी० राणा, कंट्री डायरेक्टर, जैव विविधता अंतर्राष्ट्रीय अलायंस (एशिया क्षेत्र) भारत स्थित कार्यालय, नई दिल्ली तथा डॉ० लाल सिंह, हिमालयन रिसर्च ग्रुप, शिमला जलवायु परिवर्तन मुदो पर अपने विचार रखेंगे| उन्होंने बताया कि अपूर्व देवगन, सदस्य सचिव (हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदुषण बोर्ड शिमला) ने अपनी इजरायल यात्रा तथा वहां पर किये जा रहे जलवायु परिवर्तन के परिपेक्ष में अपने विचार साँझा करेंगे | डॉ० एस० एस० रंधावा, मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी, हिम्कोस्ट, शिमला कार्यशाला के दौरान हिमालयी बर्फ और ग्लेशियरों पर किए गए कार्यों पर हाल ही में किये गए कार्यों को साझा करेंगे।