विशेषर नेगी
रामपुर/ शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के दत्तनगर में किन्नौर और शिमला जिला के बागवानी विभाग के अधिकारियों व बागवानों के लिए बागवानी विकास परियोजना की और से लगाया गया शिविर। जिस में विभिन्न उच्च तकनीकोंएवं आधुनिक सेब उत्पादन अथवा मार्केटिंग संबंधी जानकारी दी गई। इस दौरान न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों ने बताया की उनके द्वारा सुझाई तकनीक से हिमाचल प्रदेश में सेब पैदावार पांच मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर से 55 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर करने में प्रारंभिक सफलता मिली है। शिविर के दौरान बागवानी उत्पादन एवं विविधीकरण, बागवानी उत्पादों का मूल्य संवर्धन व कृषि आधारित व्यवसाय को बढ़ावा देने तथा कृषि उपज मंडियों का विकास तथा परियोजना प्रबंधन जैसे बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस दौरान बताया गया कि परियोजना के अंतर्गत बुनियादी ढांचे का निर्माण कैसे किया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में विदेशो से करीब 45 आधुनिक वैराइटीज ले जा चुकी है जो जल्द और अधिक पैदवार देने में सक्षम
है। इस दौरान बागवानी विभाग के उपनिदेशक कर्म सिंह वर्मा ने बताया कि सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण दूर दराज के बागवानों तक आधुनिक एवं नवीनतम तकनीकों को पहुंचाया जाए जिस से बागवानों की आर्थिक स्थिति
सुदृढ़ की कर उनकी उन के फसल के लिए उत्तम मार्केटिंग की व्यवस्था हो।
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डॉ कुशाल सिंह मेहता विषय विशेषज्ञ एवं टेक्निकल एक्सपर्ट ने बताया कि आज की जो एक दिवसीय कार्यशाला है ,उस में जिला शिमला किन्नौर के बागवानों एवं अधिकारियों को एक छत के नीचे अधिक से अधिक जानकारियां
उपलब्ध कराया जा सके। इसमें धरती देश की तकनीकी विदेश की स्लोगन लेकर विभाग आगे बढ़ है। इस शिविर में विदेशी तकनीकी विशेषज्ञ भी यहां आए हैं और जानकारियां उपलब्ध करा रहे हैं। इस साल सरकार द्वारा जो किलो के
हिसाब से सेब बेचने का लक्ष्य रखा है। उस बारे भी रणनीति बनेगी। मौसम बदलाव से कैसे निपटा जाए विशेषज्ञों द्वारा बताया जायेगा।
न्यूजीलैंड के एक्सपर्ट डॉ रश्मि ने बताया जब उन्होंने ने बागवानी विकास परियोजना के तहत हिमाचल के बागवानों के बीच जाना शुरू किया ,तब बागवानों की सोच थी की पेड़ बड़े होने चाहिए। अगर पेड़ बड़े होंगे तो फल ज्यादा आएगा। लेकिन उन्होंने हाई डेंसिटी वाले सेब पौधों को प्रमोट करने का प्रयास किया। तब एक हेक्टेयर में करीब 1700 पौधे लगाए जाते थे अब लोगों ने उनके मार्गदर्शन से हाई डेंसिटी के पौधे लगाकर परिवर्तन जारी है। प्रोजेक्ट के तहत पिछले चार-पांच सालों से बागवानों को नई तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे थे जिस में सफलता मिलने लगी है।
डॉक्टर माइक नेल्सन न्यूजीलैंड के बागवानी विशेषज्ञ ने बताया वे पौधे के न्यूट्रिशन के बारे में पिछले चार-पांच वर्षों से भारतीय किसानों को सुझाव दे रहे हैं। और अब परिणाम काफी सुखद आ रहे हैं। हाई ड़ेनेस्टी के प्लांट लगाने से उत्पादन भी बढ़ है फसल भी जल्दी मिल रही है ।