ऑनलाइन उद्धघाटन मात्र राजनैतिक स्टंट: जुब्बल नावर कोटखाई कांग्रेस

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
जुब्बल। जिस तरह से आनन-फ़ानन में जुब्बल नावर कोटखाई क्षेत्रों में आधे- अधूरे कार्यो के ऑनलाइन उद्घघाटन करवाए जा रहे हैं इससे साफ़ ज़ाहिर होता हैं कि नरेंदर बरागटा को आभास हो गया है कि भविष्य यह मौक़ा शायद उन्हें दोबारा मिलने वाला नही हैं।
यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल नावर कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, पूर्व जिला परिषद सदस्य लायक राम औस्टा, रमेश चौहान, गुमान सिंह, रमेश सावंत, देवेंद्र नेगी, सहीराम शर्मा, मेघराज धांगटा प्रताप चौहान, राविन्दर चौहान, राकेश (नीटू), राकेश सावंत, उमेश धारू, कमलेश ठाकुर व युवा नेता कपिल ठाकुर ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कही।
*1) रावतन पुल कांग्रेस की देन*
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर के अथक प्रयासों से रावतन में ₹2.66 करोड़ रुपये की लागत से पुल ढाई वर्ष पूर्व बनकर तैयार हो चुका था और वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई थी। इसका श्रेय पूर्व कांग्रेस सरकार को जाता हैं जबकि मुख्यमंत्री से इस पुल का उद्धघाटन जनता को ग़ुमराह करने के लिए करवाया गया ।
*2) कुपड़ी नाला-देवरी खनेटी व बघेड़ी-भढ़ेच सड़क कांग्रेस की देन*
इसी प्रकार कुपड़ी नाला-देवरी खनेटी सड़क को चौड़ा व स्तरोन्नत करने के लिए पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने ₹9.82 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करवाई थी और इसके टेन्डर भी आज से 4 वर्ष पूर्व कांग्रेस कार्यकाल में हो चुके थे इसका कार्य प्रगति पर हैं।
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वर्तमान विधायक द्वारा मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर कुपड़ी-नाला – देवरी खनेटी सड़क का शुभारंभ करवाया जाना हास्यस्पद हैं। उन्होंने कहा की घयाल-खनेटी और नावर को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कोटखाई-खनेटी सड़क के बारे में क्षेत्रवासियों को मालूम है कि किस व्यक्ति ने कुपड़ी-नाला के समीप कार्य में बाधा पहुंचाई जिसके चलते आज तक उक्त जगह में सड़क चौड़ी नही हो पाई ।
गौरतलब हैं कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल (2013-2017) में ढांचागत विकास को गति देने के लिए केंद्रीय सड़क निधि के तहत जुब्बल -कोटखाई को ₹30 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करवाई थी जबकि वर्तमान विधायक पिछले ढाई वर्षो में पूरे विधानसभा क्षेत्र के लिए एक फूटी-कौड़ी तक स्वीकृत नहीं करवा पाएं। बघेड़ी-भढ़ेच संपर्क के लिए पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर के अथक प्रयासों से ₹2.35 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करवा कर निर्माण कार्य भी प्रारंभ किया जा चुका था । लेकिन श्रेय लेने के लिए वर्तमान विधायक द्वारा आधी-अधूरी सड़क का उद्धघाटन करवाया गया।
उन्होंने कहा कि पिछले ढाई वर्षो में नरेन्दर बरागटा सड़कों के क्षेत्र में एक नई योजना स्वीकृत नही करवा पाएं जबकि इसके विपरीत उपरी शिमला की जीवन रेखा ठियोग-हाटकोटी सड़क योजना जिसका निर्माण कार्य कांग्रेस कार्यकाल में युद्धस्तर पर चला हुआ था वर्तमान विधायक ने सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद कार्य पर रोक लगा दी।
*3) विद्युत नियंत्रण उप केंद्र को स्थानांतरित करना और सावड़ा कुड्डू विद्युत परियोजना का श्रेय लेने की कोशिश करना*
कोटखाई क्षेत्र के प्रगतिनगर व चमैन में विद्युत संबधी समस्याओं से निपटने के लिए पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने वर्ष (2014-15) में CAPEX योजना के अंतर्गत 22 केवी विद्युत नियंत्रण उप केंद्र के लिए क्रमशः ₹3.57 करोड़ व ₹2.95 करोड़ की राशि स्वीकृत करवाई थी। चमैन में 22 केवी विद्युत नियंत्रण केंद्र का कार्य मुक्कमल हो चुका हैं जिसका उद्धघाटन मुख्यमंत्री से करवाया गया जबकि कांग्रेस कार्यकाल में प्रगतिनगर में देवगढ़, गुम्मा, हिमरी,पुड़ग और बलसन क्षेत्र की पंचायतों के लिए स्वीकृत 22 केवी विद्युत नियंत्रण उपकेंद्र को नरेन्दर बरागटा ने अपने निवास स्थान के समीप स्थानांतरित कर बड़े क्षेत्र को मिलने वाली सुविधा से वंचित कर दिया।
उन्होंने कहा कि पब्बर नदी पर बनने वाली 111 मेगावाट की महत्वाकांक्षी सावड़ा कुड्डू विद्युत परियोजना व अन्य छोटी पन विद्युत योजनाओ को राष्ट्रीय वितरण प्रणाली से जोड़ने के लिए ₹45 करोड़ की लागत से 220/66 KV की क्षमता से विद्युत उप केंद्र का निर्माण किया जाना हैं। उन्होंने कहा कि सावडा कुड्डू परियोजना कांग्रेस की बड़ी उपलब्धि हैं इसका शिलान्यास पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में एशियन विकास बैंक के माध्यम वर्ष 2005 में किया गया था, भाजपा सरकार का इसमें कोई भी योगदान नही रहा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवगढ़ का भवन भी पूर्व कांग्रेस सरकार की देन हैं।
*4) सीए स्टोर का स्तरोन्नत कांग्रेस की देन*
गुम्मा में पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा विश्व बैंक से वित्तपोषित 1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट के अंतर्गत ₹17 करोड़ की लागत से गुम्मा में सीए स्टोर को स्तरोन्नत किया जा रहा हैं जिसका श्रेय पूर्व कांग्रेस सरकार को जाता हैं। इसके विपरीत नरेन्दर बरागटा ने एपीड़ा के निदेशक रहते हुए वर्ष 2016 में पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्वीकृत खड़ापत्थर, अणु और बाघी के सीए स्टोर को रदद् करवाने का काम किया।
सितम्बर, 2012 में चुनावी फायदे के लिए प्रगतिनगर में फल प्रस्करण केंद्र का शिलान्यास किया गया था जिसकी विधायक ने आज तक सुध नही ली। इसी प्रकार सेब से शराब बनाने की फ़ैक्टरी खोलने के लिए 20 वर्ष पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से प्रगतिनगर में शिलान्यास करवा कर लोगों को गुमराह किया गया था,उन्होंने कहा कि विधायक जनता को बताए कि उस योजना का क्या हुआ? उन्होंने विधायक से पूछा कि वे बताए प्रगतिनगर में सेब से केचुआ खाद कब तक बनकर तैयार होगी?
*5) पेयजल योजनाएं अधर में लटकी*
इसी तरह जिन पेयजल योजनाओं का उद्घघाटन करवाया जा रहा है ये सभी पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल की स्वीकृत योजनाएं हैं। उन्होंने जहां विधानसभा क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल योजनाओं की स्वीकृति का स्वागत किया और साथ ही विधायक से पूछा कि वे बताएं कि सत्ता में आते ही NRDWP के तहत जुब्बल-कोटखाई में ₹ 8 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं के टेंडर रद्द क्यों किए गए? इसी तरह BRICS के माध्यम से वित्तपोषित 194 गांवो को जोड़ने वाली ₹39 करोड़ की महत्वाकांक्षी पब्बर उठाऊ पेयजल योजना के टेन्डर पिछले ढाई वर्षो में आवार्ड नही हुए।
इसके विपरीत नरेंद्र बरागटा द्वारा वर्ष 2008 में ₹52 करोड़ की लागत से बनने वाली 11 उठाऊ सिंचाई योजनाओं की जुब्बल-नावर-कोटखाई में जगह-2 आधारशिला रखी गई थी जिसमें लगभग 666 टैंक बनाए गए जो कि भारी अनिमितताओं के चलते आज जर्जर हालत में हैं ।
*6) कोरी घोषणाएं*
पूर्व में धूमल सरकार के कार्यकाल (2008-2012) में जुब्बल-नावर-कोटखाई में नरेन्दर बरागटा ने ₹1600 करोड़ की कोरी घोषणाओं के साथ उद्धघाटन व शिलान्यास करवाएं गए थे जिसमें कोई भी योजना आज तक धरातल में नही दिखी। इसी वजह से वर्ष 2012 में हिमाचल के मंत्रियों में सर्वाधिक मतों के अंतर से हारे थे। इसी तरह वर्तमान विधायक जुब्बल-नावर-कोटखाई में पुराना इतिहास दोहराकर ₹270 करोड़ के शिलान्यास कर परिहास का पात्र बन रहे हैं। अब स्वयं विधायक नरेन्दर बरागटा भी निश्चित रूप से भूल चुके होंगे कि किन-2 योजनाओं के शिलान्यास किए और लोगों में भी इन योजनाओं को लेकर संशय बना हुआ हैं।
*7) काम अधूरे*
ऑनलाइन उद्घघाटन स्थल से कुछ मीटर की दूरी पर विकास भवन कोटखाई 13 वर्षों से जबकि आईटीआई टिक्कर पिछले 10 वर्षो से निर्माण कार्य पूरा होने की बाट जोह रहे हैं जबकि इनके शिलान्यास नरेन्दर बरागटा ने स्वयं किये थे। इसी प्रकार जुब्बल बाज़ार को जोड़ने वाला पुल अब तक उद्धघाटन के लिए तैयार हो जाता यदि वर्तमान विधायक इसका कार्य न रोकते।
*8) सरकार विकास कार्यो की राशि ले रही हैं वापिस*
उन्होंने कहा कि वर्तमान विधायक के उदासीन रवैये के चलते विकास खंड जुब्बल कोटखाई की पंचायतों के विकास के लिए स्वीकृत ₹50 लाख रुपए की राशि जिला प्रशासन द्वारा वापिस ले ली गई हैं और अब जो कांग्रेस कार्यकाल के समय लोक निर्माण विभाग के पास विकासात्मक कार्यो के लिए अव्ययित राशि (Unspent Money) हैं उस पर भी भाजपा सरकार की गिद्धदृष्टि बनी हुई हैं।
*9) कोरोना के नाम से उगाही*
उन्होंने कहा कि मंदिरों व ठेकादारों से राजनैतिक दबाव से कोरोना महामारी के नाम से उगाही की गई राशि को भाजपा कार्यकर्ताओं की देन बता कर झूठा श्रेय लेने के लिए ढ़िढोरा पीटा जा रहा हैं जबकिअसली दानकर्ताओं के नाम सार्वजनिक करने में संकोच किया गया । उन्होंने कहा कि जुब्बल-नावर-कोटखाई की जनता से भाजपा के लोग कोरोना के नाम से धन इक्कठा कर रहे है जबकि नई राजनैतिक ज़मीन तलाशने के लिए शिमला शहर में मास्क बांटे जा रहे हैं।
 
10) नाकामियों की बौखलाहट:
उन्होंने कहा कि वर्तमान विधायक ढाई वर्ष की नाकामियों को छुपाने के लिए मानसिक संतुलन खो बैठे हैं जिससे अनाप-शनाप बयानबाज़ी कर रहे हैं। राजनैतिक द्वेष के चलते ईमानदार अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं। आगामी पंचायत के चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री को गुमराह कर आधे-अधूरे ऑनलाइन उद्धघाटन व शिलान्यास कर वर्तमान विधायक जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।
 

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