तीन चरणों में होगा हिमाचल में पंचायत चुनाव, नहीं होगी शैक्षणिक योग्यता जरूरी

पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में पहली बार उम्मीदवारों का डाटा प्रोफाइल किया जाएगा तैयार

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता जरूरी नहीं है। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के साथ स्थानीय निकाय का कार्यक्रम जारी होने में भले ही समय लगेगा, लेकिन प्रदेश निर्वाचन आयोग के स्तर पर इसके लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। चुनाव में सभी 12 जिलों में 21 हजार वार्ड सदस्यों का चुनाव होगा। आयोग के निर्देश पर चुनाव को लेकर मतदाता सूचियों का नवीनीकरण शुरू हो गया है।
निर्वाचन आयोग इस वर्ष के अंत में नवंबर व दिसंबर में चुनाव करवाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। निर्वाचन आयोग के सचिव सुरजीत सिंह राठौर ने बताया कि चुनाव तीन चरणों में होगा। आम तौर पर लाहुल घाटी में बर्फबारी होने की वजह से इस क्षेत्र में पंचायत चुनाव देरी से होते हैं। रोहतांग सुरंग में वाहनों की आवाजाही शुरू होने की स्थिति में आयोग लाहुल घाटी में भी एक साथ चुनाव करवाने की संभावनाओं को तलाश सकता है।
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प्रदेश में मौजूदा पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल 23 जनवरी 2021 को समाप्त हो रहा है। इससे पहले नई पंचायतों का गठन होना है। पंचायती राज कानून के प्रावधानों के तहत आयोग चुनाव को टाल नहीं सकता। स्थानीय निकायों का कार्यकाल 18 जनवरी 2021 को समाप्त हो रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग दोनों ही चुनाव साथ-साथ करवाएगा। पंचायत चुनाव में करीब एक लाख उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। निर्वाचन आयोग को पंचायत चुनाव के लिए इससे अधिक मतदान पत्र छापने होंगे। इसमें पंचायत प्रधान, उपप्रधान वार्ड सदस्य, जिला परिषद व बीडीसी सदस्यों के लिए वोट पड़ेंगे। पंचायत चुनाव में मतदान पत्र का इस्तेमाल होगा, जबकि स्थानीय निकाय चुनाव ईवीएम से होंगे।
आयोग के सचिव सुरजीत सिंह का कहना है कि आवश्यकता के मुताबिक दूसरे राज्यों से भी ईवीएम मंगवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में पहली बार उम्मीदवारों का डाटा प्रोफाइल तैयार किया जाएगा। एनआइसी के सहयोग से आयोग इसे तैयार कर रहा है। डाटा प्रोफाइल में उम्मीदवारों को लेकर तमाम जानकारी रीयल टाइम में उपलब्ध होगी। इसका मतलब है कि नामांकन पत्र भरने के साथ ही आयोग की वेबसाइट पर पहुंचते ही लोगों को उम्मीदवारों से लेकर तमाम जानकारी मिलेगी। चुनाव 2011 की जनगणना के आधार पर होंगे। पंचायती राज विभाग पंचायतों को लेकर आरक्षण रोस्टर जारी करेगा। चुनाव के मद्देनजर प्रशिक्षण का कार्य प्रारंभ हो गया है।
 

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