उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी उड़ान मेले का आयोजन किया जा रहा है जो महिला सशक्तिकरण को बढ़वा देने के लिए एक अत्यंत सरहानीय पहल है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आजीविका की दृष्टि से शिमला में लिफ्ट के समीप शिमला हाट का भी निर्माण किया जायेगा जहाँ पर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने उत्पादों की विक्री करेंगी।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि नाबार्ड की देश के कोने-कोने तक करोड़ों लोगों में आशा, साहस और सृजनशीलता जगाने की अपनी परंपरा पर गर्व है। भारत में ग्रामीण विकास के क्षेत्र नाबार्ड की भूमिका अभूतपूर्व कृषि कुटीर उद्योग और ग्रामीण उद्योगों के विकास के लिए ऋण प्रवाह को सुविधाजनक बनाने और विकास को बढ़ावा देने के अधिदेश के साथ भारत सरकार ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना एक शीर्षस्थ विकास बैंक के रूप में की गई। नाबार्ड का लक्ष्य है कि सतत और न्यायसंगत कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए सहभागी वित्तीय और गैर हस्तक्षेपों वित्तीय, नवाचारों, प्रौद्योगिकी और संस्थागत विकास के माध्यम से समृद्धि हासिल करना है।
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नाबार्ड अपनी वित्तीय विकासात्मक और पर्यवेक्षी भूमिका के आधार पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लगभग हर पहलू को छू रहा है| इनसे पुनर्वित्त सहायता प्रदान करना, ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण, जिला स्तर की ऋण योजना तैयार करना, ऋण लक्ष्यों को प्राप्त करने में बैंकिंग उद्योग को मार्गदर्शन और प्रेरित करना, सहकारी बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की निगरानी करना, सुदृढ़ बैंकिंग प्रथाओं को विकसित करना, ग्रामीण विकास के लिए नई परियोजनाओं को डिजाइन करना, भारत सरकार की विकास योजनाओं को लागू करना, हस्तशिल्प कारीगरों को प्रशिक्षण देना एवं उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए एक विपणन मंच प्रदान करना आदि शामिल हैं।
इस दिशा में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय-शिमला द्वारा स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह एवं कृषक उत्पादक संघ के उत्पादों के प्रदर्शन के लिए इस तीन दिवसीय उड़ान मेला का आयोजन किया जा रहा हैं। हिमाचल राज्य के विभिन्न जिलों के पहाड़ी मसाले, दालों, शहद, अखरोट, मशहूर उनी हैंडलूम जैसे शॉल, टोपी एवं मफलर जो ग्रामीण महिलाओं द्वारा हाथ से तैयार किये जाते हैं, इस प्रदर्शनी में उपलब्ध रहेंगे।
नाबार्ड इस प्रदर्शनियों के माध्यम से स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूहों एवं कृषक उत्पादक संघ को अपने उत्पादों की बिक्री कर अपनी आय में वृद्धि करने का एक अवसर प्रदान कर रहा है। नाबार्ड उड़ान मेला 2023 में विभिन्न जिलों से कुल 20 स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूहों एवं कृषक उत्पादक संघों से 40 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।
इस प्रदर्शनी में चम्बा जिला से हैंडलूम उत्पाद जैसे की शॉल, मफलर, पहाड़ी टोपी, केसर, शहद आदि, सिरमौर जिला से मसाले, अचार, दालें आदि, कांगड़ा जिला से जूट के उत्पाद, हैंडमेड साबुन, बैग आदि, मंडी जिला से मंडला आर्ट, मंडी का देशी घी आदि तथा सोलन जिला से सेनेटरी पैड, धूप-बत्ति, अनारदाना आदि उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है।