350 छात्राओं के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़, अविभावकों ने जताया रोष

 दो सालों से खाली पड़े गणित के अध्यापक के पद को भरने की मांग

 दो सालों से खाली पड़े गणित के अध्यापक के पद को भरने की मांग

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
आनी। उपमंडल मुख्यालय आनी स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय आनी में शुक्रवार को शिक्षा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पूर्ण ठाकुर सहित सभी पदाधिकारियों, सदस्यों, अविभावकों और स्कूल के प्रधानाचार्य खेम चन्द जामवाल और सभी अध्यापकों ने भाग लिया।
इस मौके पर  विद्यालय प्रबन्धन समिति की प्रासंगिकता, शिक्षा के विविध आयाम,शिक्षक एवं अभिभावक की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पूर्ण ठाकुर ने इस अवसर पर स्कूल प्रबंधन समिति की वार्षिक गतिविधियों पर प्रकाश डाला। अविभावकों ने दो वर्षों से गणित का अध्यापक न होने के कारण स्कूल की करीब 350 छात्राओं के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ के प्रति रोष जताया है।
उनका कहना है कि सरकार की व्यवस्था के अनुसार करीब दो वर्षों पहले स्कूल के गणित के अध्यापक ( टीजीटी नॉन मेडिकल )  को बीआरसी के पद पर तैनात कर दिया गया था। जबकि स्कूल में गणित के अध्यापक का पद खाली हो गया है।
उन्होंने स्कूल में जल्द रिक्त पड़े गणित के अध्यापक के पद को भरने की भी सरकार से मांग की है। वहीं विनोद कुमार नें कहा कि वर्तमान परिपेक्ष में  छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय और घर दोनों स्थानों में सही रूप से उसका दिशा निर्देश और संरक्षण हो इस कार्य के लिए सभी शिक्षकों एवं अभिभावकों को समन्वय बनाकर कड़ी के रूप में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों का पहला गुरु घर पर उनकी माता पिता और दूसरा गुरु विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं होती है। इसलिए छात्र छात्राओं के व्यक्तित्व, चारित्रिक एवं शैक्षिक विकास में अभिभावकों और शिक्षक शिक्षकों को आपसी समन्वय बनाकर कार्य करना होगा तभी वर्तमान पीढ़ी के युवा छात्र छात्राओं का सर्वांगीण विकास संभव है। विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य दशा और दिशा बनाने के लिए बचपन से उनके माता-पिता की भूमिका अहम होती है ।घर का पारिवारिक माहौल स्वच्छ होना चाहिए।
वर्तमान समय में युवा छात्र छात्राओं के द्वारा इंटरनेट ,मोबाइल, टीवी सीरियल के गलत उपयोग के कारण बहुत हद तक चारित्रिक पतन हुआ है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बाधक सिद्ध हुई है ।इसे रोकना अत्यंत जरूरी है, इसे रोकने के लिए बच्चों के दैनिक दिनचर्या में उपयोग होने वाले भड़काऊ वस्त्र के पहनावे पर शुरू से नियंत्रण रखना होगा, साथ ही बच्चों के गलत संगति ना हो इसका ध्यान रखना जरूरी है। विद्यालय में छात्रों के बनाये गए हाउस के प्रतिनिधियों ने अपने बहुमुल्य सुझाव रखे, जिस पर अध्यापकों ने अमल करने की हामी भरी और विद्यार्थियों के बहेतर शिक्षण के लिए विद्यालय स्तर पर प्रतिस्पर्धा हेतु कक्षावार ग्रुप बनाये जाएंगे।
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