आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश में बहुचर्चित फर्जी डिग्री घोटाले में हिमाचल पुलिस मानव भारती विश्वविद्यालय के अध्यक्ष के पास अपार संपति को लेकर आयकर विभाग से मद्द मांगी है।
हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुण्डू ने मुख्य आयुक्त आयकर, शिमला के साथ आरोपी की सम्पति, उसके आय के स्त्रोतों इत्यादि की जांच करने के लिये मामला उठाया गया है। यह जानकारी पुलिस अधीक्षक कानून व व्यवस्था डाॅ. खुशहाल शर्मा ने आज यहां दी।
उन्होंने बताया कि इस सन्दर्भ तीन आपराधिक मामले विभिन्न धाराओं में भारतीय दंण्ड संहिता के अन्तर्गत थाना धर्मपुर, जिला सोलन में पंजीकृत किए गये हैं। उपरोक्त मामलों की जांच हिमाचल पुलिस के एक विशेष अन्वेषण दल द्वारा की जा रही है। अन्वेषण से पाया गया है कि मानव भारती विश्वविद्यालय ने इसकी स्थापना के बाद से उम्मीदवारों को बड़ी संख्या में फर्जी ड़िग्रियां जारी की और उसकेे बदले उनसे भारी संख्या में पैसे लिये।
उन्होंने बताया कि मानव भारती चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वामित्व में मानव भारती विश्वविद्यालय की स्थापना मानव भारती विश्वविद्यालय (स्थापना और विनियमन) अधिनियम 2009 के अनुसार की गई थी। मानव भारती चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष राज कुमार राणा हैं व उनकी पत्नी अशोनी कंवर, पुत्री सुश्री आईना राणा ट्रस्ट के न्यासी हैं। इसी ट्रस्ट के तत्वावधान में वर्ष 2013 में माधव विश्वविद्यालय, राजस्थान की स्थापना भी की गई थी। जांच के दौरान, पाया गया है कि राज कुमार राणा द्वारा हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और अन्य स्थानों पर भारी मात्रा में चल व अचल संपत्ति अर्जित की गई है, जिसके लिये धनराशि फर्जी डिग्री जारी करके प्राप्त की गई है।
उन्होंने बताया कि राणा का परिवार अर्थात् उनकी पत्नी, पुत्र और पुत्री वर्तमान में आस्ट्रेलिया में रह रहे हैं। फर्जी डिग्रियों के अतिरिक्त अपराध के वित्तीय पहलुओं की जांच करना आवश्यक है, जिसके लिए अपराध से संबंधित वित्तीय लेनदेन इत्यादि का मूल्यांकन आयकर विभाग द्वारा किया जाना चाहिए। क्योंकि राज कुमार राणा द्वारा भारी मात्रा में चल व अचल सम्पति अर्जित की गई है तथा राजस्थान में एक नये विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।