लोक निर्माण मंत्री ने चायली–धारकुफर से बियुंट संपर्क सड़क का किया उद्घाटन

  हिमाचल पथ परिवहन की बस को भी हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज 7 करोड़ की लागत से निर्मित चायली–धारकुफर-बियुंट संपर्क सड़क का उद्घाटन किया । इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल पथ परिवहन की बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर परिवहन सुविधा की शुरुआत भी की।  ग्रामीणों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सड़कें जीवन की भाग्य रेखाएं है सड़कों के बिना क्षेत्र का विकास संभव नहीं है विकास को आगे बढ़ाने के लिए हर गांव को सड़क सुविधा से जोड़ना वर्तमान सरकार का मुख्य लक्ष्य है ।
 उन्होंने कहा कि चायली–धारकुफर-बियुंट संपर्क सड़क जिसका आज शुभारंभ किया गया है यह सड़क पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 वीरभद्र सिंह तथा पूर्व विधायक सोहनलाल की देन है जिनके प्रयासों से इस सड़क को नवार्ड में डाला  गया और सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने  के उपरांत 10 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत कर सड़क का निर्माण कार्य करवाया गया है । उन्होंने कहा कि अभी बियुट गांव तक बस सुविधा उपलब्ध करवाई गई है आगे सड़क का निर्माण कार्य जारी है और शीघ्र ही इस सड़क को कडेची गांव से होते हुए टभोग सड़क से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि  चायली–धारकुफर-बियुंट संपर्क सड़क का एक साल के भीतर मेटलिंग कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। उन्होनें कहा कि जब यह सड़क पूर्ण हो जाएगी तो शिमला से देवीधार के लिए इस सड़क के माध्यम से बहुत कम समय लगेगा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के 15 महीने के छोटे से कार्यकाल में शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए अबतक 170 करोड़ की राशि स्वीकृत की जा चुकी है जिसमे सड़कों के निर्माण के साथ- साथ पेयजल, कम वोल्टेज समस्या निवारण तथा पंचायत क्षेत्र के विकास कार्य करवाएं जाएंगे । उन्होनें कहा कि ग्रामीणों की भावना को देखते हुए इस क्षेत्र की विभिन्न सड़कों को आपस मे मिलाने के लिए भी कार्य योजना तैयार की जाएगी । उन्होनें कहा कि छः करोड़ से निर्मित की जा रही शारडा से पनेहल सड़क का 3 करोड़ खर्च कर आधा कार्य कर लिया गया है और शेष निर्माण कार्य जारी है ।

इसी तरह बटोल- भूंग सड़क के लिए 40 लाख रूपये की राशि स्वीकृत कर दी गई है ।
उन्होंने कहा कि बमोत के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को शीघ्र ही अपग्रेड कर दिया जाएगा जबकि सुन्नी हस्पताल को 50 बिस्तरों से बढ़ाकर सौ बिस्तरों का हस्पताल करने के लिए सरकार द्वारा स्वीकृति दे दी गई है।
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