आदर्श हिमाचल ब्यूरो
हमीरपुर। जिला हमीरपुर में कुपोषण की समस्या को पूरी तरह खत्म करने तथा प्रत्येक बच्चे का सही पोषण सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्त हेमराज बैरवा की विशेष पहल पर 3 वर्ष तक की आयु के सभी शिशुओं को देसी घी एवं रागी के लड्डू दिए जाएंगे। जिला के विभिन्न ब्लॉकों के आंगनवाड़ी केंद्रों में शुक्रवार से अत्यंत पौष्टिक गुणों से भरपूर लड्डुओं का वितरण आरंभ कर दिया गया।
उपायुक्त ने बताया कि सामान्य शिशुओं को ये लड्डू सप्ताह में एक बार और कुपोषित बच्चों को दो बार दिए जाएंगे।
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उन्होंने कहा कि बाल कुपोषण एक गंभीर समस्या है और इसके स्थायी समाधान के लिए हमें छोटे बच्चों के आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि कई बार पर्याप्त भोजन देने के बावजूद कई बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इन बच्चों के माता-पिता को आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की जानकारी ही नहीं होती। उपायुक्त ने बताया कि हमारे कई पारंपरिक व्यंजन और मोटे अनाज से बनने वाले व्यंजन पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। रागी के लड्डू भी इन्हीं में से एक है। इसके पौष्टिक गुणों को देखते हुए ही जिला में बच्चों को इनके वितरण की पहल की गई है।
उपायुक्त ने बताया कि 3 वर्ष तक के सभी बच्चों तथा तीन से पांच वर्ष के कुपोषित बच्चों को देसी घी में बने रागी के लड्डू उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा 6 माह से 1 वर्ष तक के बच्चों को रागी का चूरमा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लड्डू और चूरमा की सामग्री सीधे स्थानीय किसानों से प्राप्त की जा रही है तथा इन्हें तैयार करवाने में महिला स्वयं सहायता समूहों की मदद भी ली जा रही है, ताकि इस विशेष मुहिम से स्थानीय लोगों को भी आय हो सके। महिला स्वयं सहायता समूहों को होटल प्रबंधन संस्थान हमीरपुर में पारंपरिक पौष्टिक व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। उधर, सुजानपुर के सीडीपीओ कुलदीप सिंह चौहान, नादौन के संजय गर्ग और टौणीदेवी की सीडीपीओ सुकन्या कुमारी ने बताया कि क्षेत्र के आंगनवाड़ी केंद्रों में रागी के लड्डुओं और चूरमा का वितरण शुक्रवार से आरंभ कर दिया गया है।