सुरक्षित होली के टिप्स

शहनाज़ हुसैन

शिमला । गर्मियों के  सबसे पसन्दीदा त्यौहार होली का आगाज़ शुरू हो गया है / होली त्यौहार की औपचारिक शुरुआत बरसाना से   हो चुकी है / होली का त्यौहार भारतीयों  के दिलों में खास जगह रखता है / इस पावन त्यौहार को  सदियों से हम एक दूजे के साथ  रंग खेलकर मानते आये हैं / पुराने समय में होली खेलने में आर्गेनिक रंगों का प्रयोग किया जाता था जिससे बालों और त्वचा में निखार आ जाता था तथा प्रकृतिक रंगो से  सेहत  पर भी सकारात्मक प्रभाब पड़ता था / लेकिन पिछले कुछ सालों से जहां यह त्यौहार बैश्विक स्तर पर मनाया जाने लगा है बहीं दूसरी ओर आर्गेनिक रंगों की जगह केमिकल रंगों ने ले ली है जिनके उपयोग से बालों , त्वचा और सेहत चौपट हो जाती है / “बुरा न मानो होली है ” कहकर युबाओ की टोलियां   पिचकारी ,गुव्वारोँ ,डाई  वा  गुलाल में  बाजार में बिकने बाले   जिन रंगों   का प्रयोग करते हैं उनमें   माइका ,लेड जैसे   हानिकारक रसायनिक   मिले होते हैं    जिससे बाल तथा त्वचा रूखी एवं बेजान हो जाती है , बल झड़ना शुरू हो जाते हैं तथा त्वचा में जलन एवं खारिश शुरू हो जाती है //  हालाँकि कुछ लोग होली के रंगों से बचने के लिए अपने आपको घरों तक ही सिमित रखते हैं लेकिन मेरा यह मानना है की रंगो से बचने की बजाय आपको कुछ साबधानियों के साथ इस त्यौहार का भरपूर मज़ा लेना चाहिए /

सबसे पहले मेरी सलाह है की छह माह से कम आयु के बच्चों को  केमिकल युक्त  रंगों से जरूर बचाएँ क्योंकि उनकी त्वचा काफी नाज़ुक होती है और उनकी प्रतिरोधक क्षमता भी काफी कमज़ोर होती है जिसके चलते केमिकल युक्त रंग उन्हें ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं / लेकिन अपने बेबी को होली के त्यौहार के प्रीतात्मक रूप में लाल चन्दन का टीका लगाना मत भूलिए क्योंकि यह उसकी पहली होली है /अक्सर होली खेलती बार हम अपनी आँखों की सुरक्षा की परबाह कम ही करते हैं  जोकि कई बार घातक साबित हो जाती है 

होली खेलती बार कॉन्टैक्ट लेंस उपयोग में मत लाइए क्योंकि कॉन्टैक्ट लेंस के माध्यम से रंग आपकी आँखों में जा सकते हैं और आप रंगों के संक्रमण का शिकार हो सकते हैं / कॉन्टैक्ट लेंस की बजाय आप सनग्लास / गॉगल्स का इस्तेमाल कीजिये जिससे रंग आपकी आँखों में न जा सके / होली खेलती बार अपनी आँखों  को बार बार रब  न करें इससे आप संक्रमण का शिकार हो सकते हैं और कोई छोटा मोटा संक्रमण होगा तो यह बढ़ सकता है /
होली खेलने जाती बार पूरी बाजू के कपड़े पहनिये जिससे आपकी त्वचा रंगों के सीधे सम्पर्क में न आये / होली खेलने से जाने से पहले त्वचा के खुले अंगों को मॉइस्चराइज जरूर करें क्योंकि इससे  रंग आपकी त्वचा  के छिद्रों के माध्यम से अन्दर तक नहीं जा सकेंगे और आपको रंगों को छुड़ाने में भी आसानी होगी 
अगर आप किसी साँस सम्बन्धी परेशानी से जूझ रहे हैं तो भीड़ से दूर रहें और अपने निकट सम्बन्धियों या परिबार के सदस्यों के साथ ही होली मनाएं /
होली का त्यौहार ज्यादातर खुले आसमान में खेला जाता है जिससे सूर्य की गर्मी से भी त्वचा पर विपरित प्रभाव पड़ता है। खुले आसमान में हानिकाक यू.वी. किरणों के साथ-साथ नमी की कमी की वजह से त्वचा के रंग में कालापन आ जाता है। होली खेलने के बाद त्वचा निर्जीव बन जाती है। 
होली के पावन त्यौहार में अपनी त्वचा की रक्षा केे लिए होली खेलने से 20 मिनट पहले त्वचा पर 20 एस.पी.एफ. सनस्क्रीन का लेप कीजिए। यदि आपकी त्वचा पर फोडे़, फन्सियां आदि है तो 20 एसस.पी.एफ. से ज्यादा दर्ज की सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए। ज्यादातर सनस्क्रीन में माइस्चराईजर ही विद्यमान होता है। यदि आपकी त्वचा अत्याधिक शुष्क हैं तो पहले सनस्क्रीन लगाने के बाद कुछ समय इंतजार करने के बाद ही त्वचा पर माइस्चराईजर का लेप करें। 
आप अपनी बाजू तथा सभी खुले अंगों पर माईस्चराइजर लोशन या क्रीम का उपयोग करें।
होली खेलने से पहले सिर में बालों पर हेयर सीरम या कंडीशनर का उपयोग करें। इससे बालों को गुलाल के रंगों की वजह से पहुंचने वाले सुखेपन से सुरक्षा मिलेगी तथा सूर्य की किरणों से होने वाले नुकसान से भी बचाव मिलेगा। 
आजकल बाजार में सनस्क्रीन सहित हेयर क्रीम आसानी से उपलब्ध हो जाती है। थोड़ी से हेयर क्रीम लेकर उसे दोनों हथेलियों पर फैलाकर बालों की हल्की-हल्की मालिश करें। इसके लिए आप विशुद्ध नारियल तेल की बालों पर मालिश भी कर सकते है। इससे भी रसायनिक रंगों से बालों को होने वाले नुकसान को बचाया जा सकता है।
होली के रंगों से नाखूनों को बचानें के लिए नाखूनों पर नेल वार्निश की मालिश करनी चाहिए। होली खेलने के बाद त्वचा तथा बालों पर जमें रंगों को हटाना काफी मुश्किल कार्य है। उसके लिए सबसे पहले चेहरे को बार-बार साफ निर्मल जल से धोएं तथा इसके बाद कलीजिंग क्रीम या लोशन का लेप कर लें तथा कुछ समय बाद इसे गीले काटन वूल से धो डाले। आंखों के इर्द गिर्द के क्षेत्र को हल्के-हल्के साफ करना न भूलें। क्लीजिंग जैल से चेहरे पर जमें रंगों को धुलने तथा हटाने में काफी मदद मिलती है। अपना घरेलू क्लीनजर बनाने के लिए आधा कप ठण्डे दूध में तिल, जैतून, सूर्यमुखी या कोई भी वनस्पति तेल मिला लीजिए। काटन वूल पैड को इस मिश्रण में डूबोकर त्वचा को साफ करने के लिए उपयोग में लाऐं। शरीर से रसायनिक रंगों को हटाने में तिल के तेल की मालिश महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। इससे न केवल रसायनिक रंग हट जाऐंगे बल्कि त्वचा को अतिरिक्त सुरक्षा भी मिलेगी। 
तिल के तेल की मालिश से सूर्य की किरणों से हुए नुकसान की भरपाई में मदद मिलती है। नहाते समय शरीर को लूफ या वाश कपड़े की मदद से स्क्रब कीजिए तथा नहाने के तत्काल बाद शरीर तथा चेहरे पर माइस्चराईजर का उपयोग कीजिए। इससे शरीर में नमी बनाए रखने में मदद मिलेगी।
यदि त्वचा में खुजली हेै तो पानी के मग में दो चम्मच सिरका मिलाकर उसे त्वचा पर उपयोग करें तथा इससे खुजली खत्म हो जाऐगी। इसके बाद भी त्वचा में खुजली जारी रहती है तथा त्वचा पर लाल चकत्ते तथा दाने उभर आते है तो आपकी त्वचा को रंगों से एलर्जी हो गई तथा इसके लिए आपको डाक्टर से आवश्यक सलाह मशवरा जरूर कर लेना चाहिए। बालों को साफ करने के लिए बालों में फंसे सुखे रंगों तथा माईका को हटाने के लिए बालों को बार-बार सादे ताजे पानी से धोते रहिए। इसके बाद बालों को हल्के हर्बल शैम्पू से धोएं तथा उंगलियों की मदद से शैम्पू को पूरे सिर पर फैला लें तथा इसे पूरी तरह लगाने के बाद पानी से अच्छी तरह धो डालिए।
बालों की अंतिम धुलाई के लिए बियर को अन्तिम हथियार के रूप में प्रयोग  किया जा सकता है। बीयर में नीबूं का जूस मिलाकर शैम्पू के बाद सिर पर उडेल लें। इसे कुछ मिनट बालों पर लगा रहने के बाद साफ पानी से धो डालें।
होली के अगले दिन दो चम्मच शहद को आधा कप दही में मिलाकर थोड़ी सी हल्दी में मिलाए तथा इस मिश्रण को चेहरे, बाजू तथा सभी खुले अंगों पर लगा लें। इसे 20 मिनट लगा रहने दें तथा बाद में साफ ताजे पानी से धो डालें।  इससे त्वचा से कालापन हट जाएगा तथा त्वचा मुलायम हो जाएगी। होली के अगले दिनों के दौरान अपनी त्वचा तथा बालों को पोषाहार तत्वों की पूर्ति करें। एक चम्मच शुद्ध नारियल तेल में एक चम्मच अरण्डी का तेल मिलाकर इसे गर्म करके अपने बालों पर लगा लीजिए। एक तौलिए को गर्म पानी में भीगों कर पानी को निचोड दीजिए तथा तौलिए को सिर पर लपेट लीजिए तथा इसे 5 मिनट तक पगड़ी की तरह सिर पर बंधा रहने दीजिए। इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराईए इसे खोपड़ी पर तेल को जमने में मदद मिलती है। एक घण्टा बाद बालों को साफ ताजे पानी से धो डालिए।
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