निलंबित कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा गेट पर किया हंगामा, मुकेश बोले, घटना के मास्टरमाइंड है जयराम

प्रदेश विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे हुए निलंबित कांग्रेस विधायक
प्रदेश विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे हुए निलंबित कांग्रेस विधायक

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला। बजट सत्र के दूसरे दिन सोमवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य गेट पर विपक्ष के निलंबित पांच विधायकों ने जमकर हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में सभी विधायक विधानसभा परिसर में जमीन पर बैठ गए। सुरक्षाकर्मियों के कड़े पहरे के बीच यहां सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। राज्य सरकार के खिलाफ पर्चे भी लहराए गए। इस दौरान दिवंगत विधायक सुजान सिंह पठानिया का चित्र रखकर उन्हें पुष्पांजलि भी अर्पित की गई।

सदन की कार्यवाही दोपहर 2:00 बजे शुरू हुई लेकिन कांग्रेस विधायक करीब 12:30 बजे ही विधानसभा के मुख्य गेट पर इकट्ठा हो गए। कार्यवाही शुरू होते ही निलंबित विधायकों को छोड़कर अन्य सदस्य भीतर चले गए। सदन में विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सभी विधायकों से शांतिपूर्ण तरीके से कार्यवाही में शामिल होने की अपील की। सदन में आठ दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि दी गई जबकि पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की पत्नी संतोष शैलजा के देहांत पर भी शोक व्यक्त किया गया।

नेता प्रतिपक्ष के स्थान पर आशा कुमारी ने सीएम जयराम ठाकुर के बाद शोकोद्गार प्रस्ताव पढ़ा। शोकोद्गार करीब पौने दो घंटे तक चला तो प्रश्नकाल नहीं हो पाया, पर मंत्रियों की ओर से सवालों के जवाब सदन के पटल पर रखे गए। राज्य विधानसभा की कार्यवाही के  अगले दिन के लिए स्थगित होने के बाद आशा कुमारी और अन्य कांग्रेस विधायक दोबारा बाहर मुकेश अग्निहोत्री के साथ बैठ गए।

घटनाक्रम के मास्टरमाइंड हैं मुख्यमंत्री: मुकेश 

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हुए घटनाक्रम के मास्टरमाइंड मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हैं। सीएम अपनी पुलिस टीम के साथ आए और धक्के लगाने लगे। विपक्ष के सदस्यों को मालूम हुआ कि सीएम के इशारे पर यह ही सब कुछ हुआ है। इससे पहले विधानसभा के गेट के पास स्वर्गीय सुजान सिंह पठानिया की फोटो लगाकर निलंबित सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।  मुकेश ने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज विपक्ष को पहले बता देते कि राज्यपाल पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ेंगे।

पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने अभिभाषण नहीं पढ़ा था और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। यह रिवायत नहीं रही है। राज्यपाल की आड़ लेकर सरकार अपना काम चला रही है। राज्यपाल का अभिभाषण खत्म होते ही राष्ट्रगान होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।  एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा नेता पहले दिन से कह रहे हैं कि नेता प्रतिपक्ष को हटाया जा रहा है। चर्चा यह भी होती रहती है कि मुख्यमंत्री को हटाकर धूमल को लाया जा रहा है। यह नाकाम सरकार है और अपने चुनावी वादे पूरे नहीं कर सके। सरकार ने पुरानी परंपराओं को तोड़ा।