कर एवं आबकारी विभाग ने उद्योगों से वसूले 1.26 करोड़

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

आदर्श हिमाचल सोलन (परवाणू) :

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राज्य कर एवं आबकारी विभाग परवाणू ने कर चोरी करने वाले उद्योगों पर दबिश देकर सरकारी कोष में 1 .26 करोड़ जमा किए। संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर की अध्यक्षता में सोलन बड़ी सिरमौर के विभिन्न उद्योगों में दबिश देकर जीएसटी चोरी सम्बंधित दस्तावेज काबिज किए। इस दौरान कुछ उद्योगों ने मौके की नज़ाकत को देखते हुए तुरंत जीएसटी जमा करा दी। एक माह में ऐसे मामलों से सरकार के खजाने में विभाग द्वारा लगभग एक करोड़ छब्बीस लाख रुपये जमा कराए गए हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए जीडी ठाकुर ने बताया कि जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी व सूत्रों द्वारा दी जानकारी के आधार पर उद्योगों में दबिश दी गई।

 

जीएसटी वसूली के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया। दबिश के दौरान जांच में पाया गया कि विभिन्न उद्योगों द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट को जीएसटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के विरुद्ध उपयोग किया गया है। उद्योगों ने ऐसे-ऐसे करदाताओं द्वारा जारी किए गए बिल्लों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले लिया है जिनके जीएसटी पंजीकरण को सम्बंधित अधिकारी ने फर्जी होने के कारण पंजीकरण की तिथि से निरस्त कर दिया है। जीएसटी अधिनियम के अनुसार फर्जी सप्लायरों द्वारा जारी किए गए, बिलों के आधार पर लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट को सरकारी कोष में जमा करवाना पड़ता है। इस आधार पर यह कार्यवाही की गई है तथा सभी उद्योगों को समय से जीएसटी जमा करवाने को कहा गया है।

 

उन्होंने बताया कि 383 .12 करोड़ के फर्जी बिलों-बिलों के आधार पर गलत इनपुट टैक्स उद्योगों द्वारा विभिन्न वर्षों में लिया गया है। इससे सरकार को लगभग 86 करोड़ का चूना ऐसे उद्योगों ने लगाया है। ठाकुर ने बताया कि इस मामले में लेड, दवाओं, लोहे, बैटरी, टेक्सटाइल व पैकेजिंग मटीरियल से सम्बंधित उद्योगों के खिलाफ कार्यवाही की गई है तथा कुछ उद्योगों को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी गई है उसके पश्चात नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि उद्योग समय से जीएसटी जमा नहीं करवाते तो उनके खिलाफ जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जाएगी।