आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित परियोजना का लाभ पहुंचाने के लिए बागवानी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जमीनी स्तर पर कार्य करें ताकि लघु व सीमांत बागवानों को इसका लाभ मिल सके। राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने यह बात आज विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित परियोजना के तहत आयोजित चार दिवसीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के लिए राज्य कृषि प्रबंधन प्रसार एवं प्रशिक्षण संस्थान मशोबरा में आयोजित कार्यशाला के दौरान कही। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 25 प्रगतिशील बागवान और 30 विभागीय प्रशिक्षक भाग ले रहे हैं।
मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि बागवानों को बागवानी से संबंधित नवीनतम तकनीक प्रदान करने के लिए खंड और पंचायत स्तर पर परियोजना के तहत जागरूकता शिविर आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित परियोजना प्रयोगशालाओं तक सीमित न रहे बल्कि बागवानों को लाभ पहुंचे, इसका प्रयास किया भी किया जाएगा। न्यूजीलैंड के साथ बागवानी के क्षेत्र में तकनीक के आदान प्रदान के लिए भी सरकार विचार करेगी ताकि प्रदेश के बागवानों को इसका लाभ मिल सके। न्यूजीलैंड सरकार के साथ प्रदेश के बागवानों की एक्पोजर वीजिट करवाने की दिशा में भी कदम बढ़ाया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में न्यूजीलैंड से आए बागवानी विशेषज्ञ डॉ. स्टेफ, डॉ. माइक, ड़. जैक और डॉ. डेविड ने भी प्रगतिशील बागवानों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार बागवानों के हितों को सुरक्षित करने के लिए प्रयासरत है। वर्तमान प्रदेश सरकार बागवानों के हित में हर संभव कदम उठाएगी। इस कार्यक्रम में मुख्य संसदीय सचिव (कानून, संसदीय मामले एवं बागवानी) मोहन लाल ब्राक्टा भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे। उन्होंने मंत्री जगत सिंह नेगी का स्वागत किया। इस मौके पर प्रशिक्षकों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम में संयुक्त सचिव बागवानी विक्रम नेगी, परियोजना निदेशक सुदेश मोक्टा, बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के शोधकर्ता संजीव चौहान सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।