शिमला: प्रशिक्षित बेरोजगार एएनएम ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार को प्रशिक्षित बेरोजगार एएनएम (ANM) ने विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें रोजगार दिया जाए. उनका आरोप है कि वह 1990 से प्रशिक्षण कर बैठे हैं, लेकिन अब तक उन्हें रोजगार नहीं मिला है.
प्रशिक्षित बेरोजगार एएनएम संघ के उपाध्यक्ष सुदर्शना ने बताया कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. उनकी 5 साल में एक बार पोस्ट निकलती है और उस पर भी बीएससी नर्सिंग को लगा दिया जाता है. जब बीएससी नर्सिंग की पोस्ट आती है तो वहां चली जाती है. यह सिलसिला चला रहता है, लेकिन जिन्होंने एएनएम का प्रशिक्षण किया है उन्हें रोजगार नहीं दिया जा रहा है.वीडियो.उनका कहना है कि प्रदेश में इस समय 7000 के लगभग प्रशिक्षित एएनएम है जो रोजगार की तलाश में है लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा. जिस कारण काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. उन्हें अपना घर भी देखना पड़ता है. सुदर्शना ने कहा की सरकार कहती है की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लेकिन जब बेटी पढ़कर प्रशिक्षण ले लेती है तो उसे बेरोजगारी का मुंह देखना पड़ रहा है.उन्होंने कहा कि कोरोना काल में एएनएम का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों में चाहे बच्चों का टीकाकरण हो या अन्य काम एएनएम ही करती है. बावजूद इसके सरकार पोस्ट नहीं भर रही है. उन्होंने मांग की है की सरकार प्रशिक्षित बेरोजगार एएनएम को रोजगार उपलब्ध करवाएं.सुदर्शना ने कहा कि वह 2 दिन से सरकार से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनसे नहीं मिल रहा. उन्होंने कहा कि वह आज सुबह से ही चौड़ा मैदान में धरना कर रहे हैं लेकिन सरकार उनसे बात करने को ही तैयार नहीं है. इससे सभी बेरोजगार मायूस हैं. उनका कहना है कि सरकार उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाएं नहीं तो मजबूरन उन्हें सड़कों पर उतर कर आंदोलन करना पड़ेगा.