आदर्श हिमाचल ब्यूरो
ऊना, जिला ऊना के स्वयं सहायता समूहों के लिए आज यहां डीआरडीए सभागार में एक प्रशिक्षण एवं जागरुकता शिविर लगाया गया। जिसमें सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूहों को आत्मनिर्भरता व सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की जानकारी दी।
दीन दयाल उपाध्यक्ष ग्रामीण कौशल योजना की जानकारी देते हुए उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी डीआरडीए संजीव ठाकुर ने बताया कि इसका उद्देश्य ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए कौशल प्रदान करना और न्यूनतम मजदूरी या ऊपर नियमित वेतन प्रदान करने वाली नौकरियां प्रदान करना है। इसके पात्र 15 से 35 आयु वर्ग के गरीब युवा हैं, जबकि विकलांगों, महिलाओं व अन्य कमजोर वर्ग के लिए आयुसीमा 45 वर्ष है। इसके अलावा गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार, अन्तोदय अन्न योजना व बीपीएल परिवार और वह परिवार जिसका सदस्य एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूह का सदस्य है, पात्र होंगे।
परियोजना के तहत 70 प्रतिशत प्रशिक्षित लाभार्थी को विभिन्न क्षेत्रों में निश्चित रोजगार देने की गारंटी है। लाभार्थी को 3 से 12 माह के निःशुल्क प्रशिक्षण के साथ-साथ मुफ्त छात्रावास की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्ननयन योजना का उद्देश्य किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादक सहकारिताओं को सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन को मजबूत बनाकर एक संगठित आपूर्ति श्रृंखला के साथ एकीकरण करके आर्थिक एवं तकनीकी सहायता देकर मजबूत करना है। इस योजना के तहत प्रत्येक एसएचजी के सदस्य को वर्किंग कैपिटल तथा छोटे औजारों की खरीद के लिए 40 हजार रूपये प्रारंभिक पूंजी उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा ट्रेेनिंग व हैंड-होल्डिंग सहायता प्रदान की जाएगी।
संजीव ठाकुर ने बताया कि जिला ऊना में किसान उत्पादक संगठनों व स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गये उत्पादों को सोमभद्रा ब्रांड का नाम दिया गया है।
उन्होंने सभी से आह्वान किया कि इस ब्र्रांड के तहत तैयार किये जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता न किया जाए ताकि मार्किट में आपके ब्रांड की मजबूत मांग रहे। उन्होंने क्षेत्रीय मेले के दौरान विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाई गए स्टाल के बारे में भी उनके अनुभव को सांझा किया।