• कांग्रेस को अपने प्रदेशाध्यक्ष पर ही विश्वास नहीं
• राठौर के नेतृत्व में कमजोर हुई कांग्रेस को दूसरी बार नहीं मिल रहे उम्मीदवार
• राठौर बताएं कि कोरोना काल में कांग्रेस में किसने बनवाए फर्जी बिल
• सरकार से श्वेत पत्र मांगने से पहले कांग्रेस की भ्रष्टाचारी परंपरा को देखें
• जयराम सरकार ने तो कोविड संकट में भी रुकने नहीं दिए विकास के काम
• उपचुनाव में हार सुनिश्चत देख बौखला गया विपक्ष
शिमला: प्रदेश भाजपा ने हमलावर होते हुए कहा है कि उपचुनावों में हार सामने देख कांग्रेस नेता अनाप-शनाप बयानबाजी में जुट गए हैं. भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री एवं मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल ने कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें राठौर ने प्रदेश सरकार से श्वेत पत्र मांगा है. उन्होंने राठौर से पूछा कि पिछले साल कोरोना संकट और लॉकडाउन के समय मास्क एवं सेनेटाइजर के नाम पर किसने फर्जी बिल बनाकर कांग्रेस हाईकमान को भेजे. उन्होंने यह भी कहा कि राठौर के नेतृत्व में कांग्रेस इतनी कमजोर हो गई है कि पार्टी के नेता चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं. यही वजह है कि राठौर अपनी नाकामी को छिपाने और अपने पद को बचाने के लिए कुछ भी बयान दे रहे हैं.
जम्वाल ने कहा कि जब पूरे प्रदेश में जयराम सरकार ने हरेक लोगों को मास्क और सैनेटाइजर वितरित किए थे तो कांग्रेस ने करोड़ों के मास्क एवं सेनेटाइजर किसे और कहां-कहां बांटा गया. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल कांग्रेस के नेताओं ने तो राठौर के नेतृत्व में अपनी ही पार्टी के अंदर भ्रष्टाचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. यह कांग्रेस नेताओं की सदियों से चल रही परंपरा है कि वे अपने घर भी को नहीं छोड़ते हैं.
राठौर ने कमजोर कर दी है कांग्रेस
जम्वाल ने कहा कि पिछली बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो तत्कालीन मुख्यमंत्री से लेकर उनके सहयोगी मंत्री और सीपीएस भ्रष्टाचार में संलिप्त थे. आज जब उपचुनाव में सभी सीटों पर फिर से भाजपा के पक्ष में जीत की लहर चल रही है तो कांग्रेस के नेता चुनाव लड़ने से भाग रहे हैं. यह दिखाता है कि राठौर के नेतृत्व में कांग्रेस कितनी कमजोर हो गई है. राठौर के प्रदेशाध्यक्ष रहते ही 2019 में भी कांग्रेस के बड़े नेताओं ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था और अब उपचुनाव में भी यही हाल देखने को मिल रहा है. ऐसे में अपनी नाकामी से ध्यान भटकाने के लिए राठौर ऊल-जुलूल बयान दे रहे हैं.
भाजपा प्रदेश महामंत्री ने राठौर को कोरोना काल के दौरान जयराम सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों पर नजर दौड़ाने को कहा. उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया महामारी से लड रही थी तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल में विकास कार्यों को रुकने नहीं दिया. आज हर विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों के विकास कार्य हो रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उपचुनाव में हार सामने देख आज कांग्रेस पूरी तरह से बौखला चुकी है.
नौकरियों की बात अपने नेताओं से पूछें राठौर
जम्वाल ने कहा कि वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में ही क्लास थ्री और क्लास फोर के पदों पर बाहरी राज्यों के लोगों के प्रवेश का रास्ता साफ हुआ था. उन्होंने कहा- आज कुलदीप सिंह राठौर बाहरी राज्यों के लोगों को नौकरी देने की बात कर रहे हैं जबकि उन्हें अपनी तत्कालीन सरकार में रह चुके मंत्रियों से पूछना चाहिए कि कितने पदों पर भाई-भतीजावाद से भर्तियां की गईं. यहां तक कि हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक में बाहरी राज्यों के लोगों को नियुक्ति दी थी.
जिला में आत्महत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां ग्राम पंचायत सेहल की 32 वर्षीय विवाहिता विनीता ने जहर निगल कर मौत को गले लगा दिया. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. सुसाइड पत्र में विनीता ने अपनी मर्जी से जहर खाने का जिक्र किया है. जानकारी के मुताबिक महिला के पति अर्जुन ने पुलिस को बयान दिया है कि बुधवार रात जब विनीता किसी से फोन पर बात कर रही थी तो उसने उसका फ़ोन जब्त कर लिया था. जिसके बाद विनीता ने जहर खा लिया. आशंका जाहिर की जा रही है कि इस घटना के पीछे प्रेम संबंध हो सकते हैं. पुलिस ने मृतका की बहन ममता से भी पूछताछ की है. पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है. मामले की छानबीन की जा रही है.