आदर्श हिमाचल ब्यूरो:-
शिमला। हिमाचल प्रदेश में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के अंतर्गत आज इस यात्रा की IEC गाड़ियां लाहौल स्पीति, मंडी व कुल्लू जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी देने पहुंची। आज “विकसित भारत संकल्प यात्रा” जिला लाहौल स्पीति के युरनाथ व केलंग पंचायत में केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी दी गयी। विभागिय अधिकारियों ने केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की दी जानकारी। इसी प्रकार कुल्लू विकास खंड के शिलीराजगिरी व खड़ीहार पंचायत में कार्यक्रम हुए । वहां पर भी विभागिय अधिकारियों ने केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की दी जानकारी। करसोग उपमंडल की ग्राम पंचायत भंथल व भडारणू में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया।ग्रामीणों को केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही लाभार्थियों ने उन्हें मिले लाभ से भी अवगत करवाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया।
मंडी के सराज विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत बुंग रैलचौक में भी IEC वेन पहुंची व कार्यक्रम आयोजन के अंतर्गत स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगाया गया। सराज विधानसभा क्षेत्र के बुंग रैलचौक में विकसित भारत यात्रा के वाहनों के जरिए सरकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाई गई | सिरमौर जिला के सात विकास खंडों की 14 पंचायतों में भी यह कार्यक्रम आयोजित किए । केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं की स्थानीय लोगों ने जानकारी हासिल की। इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा स्थानीय लोगों को केन्द्रीय योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई और इन योजनाओं के लाभार्थियों से भी संवाद किया गया है। राष्ट्रव्यापी “विकसित भारत संकल्प यात्रा” की शुरुआत 15 नवम्बर की गई। यह यात्रा हिमाचल के सभी जिलों के ग्रामीण इलाकों में निकाली जा रही है। भारत विकास संकल्प यात्रा के वाहन विभिन्न ग्राम पंचायतों से होकर गुज़रेगे। इस यात्रा का उद्देश्य उन लोगों तक पहुंचना है जो सरकारी योजनाओं से वंचित हैं ।
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साथ ही यात्रा का उद्देश्य लोगों में स्वच्छता सुविधाएं, आवश्यक वित्तीय सेवाएं, बिजली कनेक्शन, एलपीजी सिलेंडर, स्वच्छ पेयजल, गरीबों के लिए आवास, खाद्य सुरक्षा, उचित पोषण, स्वास्थ्य योजना इत्यादि जैसी कल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाना और इनका लाभ वंचितों को प्रदान करवाना है इस अभियान में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में नामांकन; छात्रवृत्ति योजनाएं; वन अधिकार स्वामित्व: व्यक्तिगत और सामुदायिक भूमि; वन धन विकास केन्द्र: स्वयं सहायता समूहों को संगठित करने जैसी विशिष्ट चिंताओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।