जब सरकारें ही देश के खिलाफ करनें लगें साजिश तो फिर देश के हितों की रक्षा करेगा कौन? : राणा

राजेंद्र राणा
राजेंद्र राणा
आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
हमीरपुर। राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि देश और प्रदेश की तबाह हो चुकी अर्थव्यवस्था व विकराल हो चुकी बेरोजगारी के असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए देश की संसद व प्रदेश की विधानसभा में सत्तासीन सरकारें बहुमत का दुरुपयोग करते हुए अपनी जिम्मेदारी व जवाबदेही से बचती हुई नौटंकी करने में लगी हैं। सत्ता को झूठ के दम पर बाजार की तरह चलाने वाली बीजेपी ने लोकतंत्र पर से लोगों का भरोसा उठाया है। राणा ने कहा कि अब तो यह लगने लगा है कि जिस तरह से अंग्रेजी हुकूमत ने अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी को देश में स्थापित किया था, उसी तरह से बीजेपी देश के चंद पूंजीपतियों के हवाले इस देश को करने की सुनियोजित साजिश रच रही है। राणा ने कहा कि अताताई बीजेपी की सत्ता में बहुमत के दुरूपयोग की एक नई अति हुई है, जिसमें देश और प्रदेश के आम नागरिक का कचूमर निकल रहा है। सच तो यह है कि बीजेपी ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए झूठ को देश में सच की तरह स्थापित करने का कुप्रयास किया है।
संसद में न बेरोजगारी की चर्चा हो रही है, न देश और प्रदेश के ठप्प पड़े विकास की चर्चा हो रही है। बीजेपी सत्ता तो बस अब देश के पूंजीपतियों की पैरवी करने तक सीमित हो कर रह गई है। राणा ने कहा कि अगर देश में अताताई सत्ता की इस अति को नहीं रोका गया तो देश की करंसी के कलैप्स होने का खतरा लगातार मंडराने लगा है। आम नागरिक अविश्वास की स्थिति में है। अर्थव्यवस्था के निकले जनाजे के बीच अब आम आदमी की जमा पूंजी भी सुरक्षित नहीं लग रही है। बैंक जो आम आदमी के भरोसे का प्रतीक बनाए गए थे उनका भरोसा और विश्वास सत्ता की साजिशें निगल चुकी हैं। हालांकि देश और प्रदेश में राष्ट्रवाद पर भरोसा रखने वाले बीजेपी के कुछ नेता सत्ता के धौंस और दबाव में खुद को पंगु व लाचार महसूस कर रहे हैं। लेकिन झूठ की राजनीति में भरोसा करने वाले बीजेपी के कुछ नेता अपनी राजनीतिक चौधराहट को चमकाने के लिए कार्यकर्ताओं को गुमराह करते हुए अपने कुतर्कों को सही साबित करने के लिए पुतले फुंकवाने का नाटक करने लगे हैं, लेकिन बीजेपी के हाई प्रोफाइल नेता यह न भूलें कि सत्ता के इस डबल रोल में आखिर एक दिन वह कोई भी रोल करने के काबिल नहीं बचेंगे।
क्योंकि जनादेश दे चुके देश के नागरिकों की चुप्पी का नाजायज फायदा जनता सत्ता के इन स्वार्थियों को ज्यादा देर उठाने नहीं देगी। आज आलम यह है कि देश की सत्ता की न कोई नीति बची है और न ही नीयत बची है और खुद देश के प्रति खराब नीयत रखने वाले अब दूसरों को खराब नीयत की नसीहत दे रहे हैं। बीजेपी कभी सेलिब्रिटियों का सहारा लेकर देश को गुमराह कर रही है, तो कभी देश के असली मुद्दों पर सवाल पूछने वालों को देशद्रोही ठहरा रही है। सीमाओं की सुरक्षा पर नाकाम हो चुकी बीजेपी पहले चीन के अतिक्रमण पर झूठ बोलती रही और अब जब उस झूठ का खुलासा हो चुका है तो यह कुतर्क दे रही है कि सीमा पर सेनाएं लड़ती हंै सरकार नहीं। देश और प्रदेश अराजकता की ओर बढ़ रहा है, लेकिन सत्तासीन बीजेपी देश में एक बाजार की तरह अपने कार्यालयों को सजाने व स्थापित करने में लगी है। उन्होंने कहा कि सत्ता की साजिश जब देश के हितों को निगलने पर आमादा हो जाए तो फिर देश के हितों की रक्षा कौन करेगा? आज यही बड़ा सवाल देश के नागरिकों की चिंता का सबब बना हुआ है।
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