1 अप्रैल  से 12000 करोड कर्ज लेकर, प्रदेश में सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाली बन जाएगी ये सरकार:बुटेल

शिमला। बजट सत्र: प्रदेश का विधान सभा सत्र लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां सत्र की शुरुआत से ही सदन के अंदर सत्ता और विपक्ष के बीच आपसी तल्खी देखने को मिली, तो वहीं अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बजट पेश करने के बाद, विपक्ष ने सरकार को बजट पर घेरना शुरू कर दिया है। हिमाचल विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने सरकार पर कर्ज को लेकर जमकर निशाना साधा । बुटेल ने कहा कि  4 वर्षों में 31 मार्च 2022 तक 23000 करोड का कर्ज हिमाचल सरकार ले लेगी । इसके बाद 1 अप्रैल  से 12000 करोड का कर्ज लेना चाहती है जिससे ये सरकार सब से ज्यादा कर्ज लेने वाली सरकार बन जाएगी। अगली सरकार के लिए  35 हजार करोड़ का कर ले लेगी। उन्होंने कहा कि हर बार कांग्रेस के 50 साल का राजकाज गिनाया जाता है लेकिन यह भी सच है कि इसमें से 20 साल भाजपा सत्ता में रही है उसने क्या किया। बुटेल ने कहा कि कर्ज को लेकर सीएम गलत जानकारी दे रहे हैं कि कांग्रेस ने 28 हजार करोड का कर्ज लिया जबकि पूर्व में बजट बुक में ही बताया गया कि कांग्रेस ने 18 हजार 800 करोड का लोन लिया था। वो लोन कैपिटल ग्रोथ के लिए लिया गया था मगर वर्तमान में सरकार अपने खर्च पूरे कर रही है जबकि कैपिटल ग्रोथ के लिए कुछ नहीं किया जा रहा। उन्होंने बजट को पूरी तरह से आंकडों का हेरफेर बताया और कहा कि इसमें संसाधन जुटाने का कहीं कोई जिक्र नहीं है। प्रति व्यक्ति आय को दिखाने के लिए सरकार ने अपनी जनसंख्या को ही कम दिखा दिया गया है। कृषि स्वास्थ के क्षेत्र में भी बजट की कटौती की गई। 

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सत्ता में आने से पहले 69 एनएच की घोषणा की गई जो कहीं नजर नहीं आए:बुटेल

विधायक आशीष बुटेल ने कहा कि इस बजट में लोगों को शेयरो शायरी के मनोरंजन के अलावा कुछ नहीं मिला। प्रदेश की आर्थिक बहुत खराब हो चुकी है, जनता का पेट शेयरो शायरी से नहीं भरने वाला। बुटेल ने कहा कि इसमें इन्फ्रास्टक्चर डवलपमेंट, बेरोजगारी, कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं कहा गया है। अच्छा होता कि सीएम इसमें उल्लेख करते और बताते कि इन वर्गों के लिए क्या होगा। कई ऐसी योजनाएं हैं जिनकी घोषणा की गई लेकिन धरातल पर वो कहीं नजर नहीं आई। चार साल में क्रिमिनल वेस्टेज ऑफ टाइम हुआ है। सत्ता में आने से पहले 69 एनएच की घोषणा की गई जो कहीं नजर नहीं आए। पंचायतों मंे सूचनापटट लगाए गए थे लेकिन कहीं पर भी नहीं लगाए गए। जहां पर लगे वहां पर नजर नहीं आ रहे। यह बजट पूरी तरह से निराशाजनक है।