विकास के नाम पर मोदी सरकार का डबल इंजन हुआ फेल, जनता के साथ ये कैसा खेला जा रहा है खेल: जोगटा

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एसएस जोगटा, प्रवक्ता, आम आदमी पार्टी
एसएस जोगटा, प्रवक्ता, आम आदमी पार्टी

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

शिमला। हिमाचल प्रदेश आम आदमी पार्टी ने देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की डबल इंजन वाली सरकार पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा है कि सरकार के डबल इंजन में एकाएक खराबी तो पिछले कई सालों से चल ही रही थी। लेकिन अब वो इंजन बिल्कुल बैठ ही गया है। जिसकी अब मुरम्मत होना भी असंभव है। जैसे कि उत्तराखंड के भाजपा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का इस्तीफा लेकर उनकी जगह तीरथ सिंह रावत को राज्या का मुख्यमंत्री बनाया जाना।यह अपने आप में दर्शाता है कि भाजपा शासित दूसरे प्रदेशों के साथ साथ उत्तराखंड में पिछले 3 सालों से विकास के नाम पर जनता को ठगा गया। जिस कारण वहां की जनता को हर तरह से मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था। अब जबकि उत्तराखंड में ठीक 1 साल बाद चुनाव होना तय है, क्या नए मुख्यमंत्री 1 साल में भाजपा द्वारा जनता से किए गए वायदो पर खरा उतर सकेगी?जोकि अपने आप में बिल्कुल अनिश्चित सा लग रहा है। यह सिर्फ वहां की जनता के आंखों में धूल झोंकने से ज्यादा और कुछ नही है।मोदी सरकार के डबल इंजन की कथनी और करनी में फर्क सामने दिख रहा है।

उसी तरह से हरियाणा भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री के खिलाफ विपक्ष द्वारा जिसमें सताधारी पार्टी में शामिल कुछ सदस्य भी शामिल है जिन्होंने खट्टर सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का बीड़ा उठाया है और देखने वाली बात यह होगी कि जल्द ही मनोहर लाल खट्टर को भी उत्तराखंड की भांति कभी भी चलता किया जा सकता है। क्योंकि जिस तरह से मुख्यमंत्री खट्टर द्वारा हरियाणा प्रदेश की जनता की अनदेखी की गई है।वो सार्वजनिक तोर से सर्वविदित है।उससे भी ऊपर जो अनदेखी हरियाणा के किसानों की हुई है तथा उन्हे प्रताड़ित किया गया है उसका भी हिसाब चुकता होना है।

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इसी तरह के तमाम पहलू देश और प्रदेशों खासकर भाजपा शासित प्रदेशों में देखने को आम मिल रहे हैं। निश्चित रूप से उक्त पहलू मोदी सरकार के डबल इंजन को खराब करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश आम आम आदमी के प्रवक्ता एसएस जोगटा ने आगे कहा है कि यदि हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी की अगर बात करें तो उन्होंने तो जनता के साथ किए अपने चुनावी वादों को दरकिनार करके प्रदेश की जनता को गुमराह किया है और जनता की इच्छाओं के विपरीत उनसे खिलवाड़ भी किया है। जैसे कि बढ़ती बेरोजगारी की समस्या, कमरतोड़ महंगाई के कारण पानी, बिजली, सीमेंट, गैस, पेट्रोल डीजल, महिलाओं को बसों में निशुल्क यात्रा तो छोड़ो उल्टे बसों में रिकॉर्ड तोड़ 25% किराया बड़ाया गया वो भी करोना काल के समय में।

एनपीएस की जगह ओ पी एस का प्रावधान न करना, आउट सोर्स तथा कॉन्ट्रैक्ट,आशा वर्कर,आंगनवाड़ी कर्मचारियों की उचित मांगों को अनदेखा करना, करुणामूलक आधार पर आश्रितों को बिना किसी पूर्व नीति के रोजगार मुहैया न करवाना।सरकारी डिपो से मिलने वाले राशन के दामों में वृद्धि,निजी सकूलों के मुट्ठी भर प्रबंधनों के हित में सरकार द्वारा विशेष रूप से मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर करोना काल की फीस वसूली करना इत्यादि।सरकार द्वारा जिस तरह से उक्त चीजों में बढ़ोतरी करके मिसाल कायम की गई है वो एक निंदनीय विषय साबित हुए।जिसके चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व के सारे रिकॉर्ड तोड़ डालें। इतना ही नहीं करोना कॉल में सब लोगों ने अपना अंशदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दीया।तथा प्रदेश के कर्मचारियों ने भी इस कड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए करोना काल में अपना वेतन कटवा करके जनता की सेवा में तत्पर रहे। जिसका सिला उन्हें यह मिला की मंत्री और विधायकों द्वारा क्रोना काल में जो अंशदान मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया गया था।

कर्मचारियों और अन्य को छोड़कर उन्हीं मंत्रियों और विधायकों के कटे हुए वेतन को वर्तमान में चल रहे विधानसभा सत्र में उन्हें उनका वह कटा हुआ अंशदान वापस कर दिया।। जिसका की आम आदमी पार्टी विरोध करती है।पार्टी का मानना है की बाकियों को भी उक्त राशि वापस की जाए।इस तरह की pick and choose की नीति का विरोध होगा।इतना ही नहीं मोदी सरकार की डबल इंजन वाली प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों का डीए फ्रीज करने के अलावा उनको 2016 से वेतनमान ना अदा करना। इतना सब होने के इलावा भाजपा शासित नगर निगम शिमला ने वर्तमान में अपना वार्षिक बजट पेश किया जिसमें शिमला की जनता पर 1.4. 21 से मौजूदा पानी की दरों में 10% गार्बेज के बिलों में 10% तथा बिजली की दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाने का फैसला लिया गया है। शिमला शहर की जनता को जिस तरह से उक्त वस्तुओं की दरों में बढ़ोतरी करके जनता पर बोझ लाद कर के मुख्यमंत्री क्या दर्शना चाह रहे हैं यह एक शोचनीय विषय है। उक्त बढ़ोतरी करके सरकारी नगर निगम ने जनता के साथ विश्वासघात किया है।

होना तो यह चाहिए था कि निगम वर्तमान में पानी बिजली गार्बेज की पहले से भरी दरों में कमी करते। लेकिन ऐसा न हो सका। जबकि बिजली हमारे प्रदेश के पानी से इसी धरती पर बनती है और दूसरी राज्यों को भी महंगी दरों पर बेची जाती है। उसमें से दिल्ली एक ऐसा राज्य है जो हमारे प्रदेश से बिजली पानी खरीद कर अपनी जनता को 200 यूनिट बिजली और 20000 लीटर पानी महीने में मुफ्त में मुहैया करवाती है। दूसरी ओर हमारे प्रदेश में बिजली और पानी की दरों में कमी तो क्या करनी उक्त बिजली पानी की जनता को रॉयल्टी तक नसीब नहीं हो पा रही है।ऐसी हालात के चलते तमाम वर्ग को परेशानी के आलम के इलावा और कुछ हासिल नहीं हो रहा है।
ऐसी डबल इंजन वाली सरकार जिसके मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी हैं की भी उत्तराखंड की तरह अब उल्टी गिनती शुरू होने वाली है।जनता और बीजेपी पार्टी के अंदर जिस प्रकार से मुख्यमंत्री के विरोध मैं जो विरोध के स्वर जग जाहिर हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक उसे देखते हुए भाजपा उच्च कमान ने उत्तराखंड की तर्ज पर यहां भी रणनीति बनाने की कवायद शुरू कर दी है। जल्द ही यहां की सरकार के मुख्यमंत्री के भी बदले जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।

प्रदेशआम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने सीधे-सीधे डबल इंजन वाली सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों को इस तरह बदलने की कवायद से डबल इंजन वाली मोदी सरकार खुद ही यह दर्शा रही है की उनकी सरकारें जनता से किए वायदों को अमली जामा पहनाने में नाकाम रही है।मुख्यमंत्रियों को बदलने से अब धरातल पर अब विकास को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। क्योंकि उन्होंने पिछले 3 सालों में इस बाबत कुछ नहीं किया। तो मात्र बचे हुए 1 साल में ये सब केसे मुमकिन होगा।यह देखने वाली बात होगी। इस प्रकार देश और प्रदेश की जनता का अब मोदी की डबल इंजन वाली सरकारों से मोह भंग हो गया ही। तथा भाजपा सरकारों का अब जनता से अलविदा कहने का समय आ चुका है।

वर्तमान में जिस तरह हिमाचल प्रदेश सरकार पूरी तरह से कर्ज के बोझ के तले दबी हुई है ओर अपने खुद के खर्चे कम न करके विकास को कैसे त्वजो दी जा सकती है। ये सोचने पर मजबुर कर रही ही। सरकार अब तक लगभग ₹61,527 के आसपास कर्जा ले चुकी है।जिसकी अंतिम किस्त ₹5000 और लेने को शेष रहती है।उसके बाद किसी भी स्तर से अब कर्जा नहीं मिलेगा।ऐसी स्थिति में प्रदेश का विकास कैसे संभव हो सकेगा। यह जनता सब जान रही है।जिसका जनता समय पर निर्णय भी करेगी।
शिमला से जारी एक प्रेस बयान में हिमाचल प्रदेश आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एसएस जोगटा ने मोदी की डबल इंजन वाली सरकार को एक जुमलेबाज करार दिया है। जिस डबल इंजन की भाजपा पार्टी ने चुनाव के दौरान जनता को 15 लाख जेसी रकम को प्रत्येक भारतीयों के खातो में डालने जेसी धवाई देते नहीं थकते थे। वह आज धरातल पर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। डबल इंजन के जुमलों ने जिस प्रकार देश और प्रदेशों की जनता को गुमराह किया हैं।वो आज देश की जनता के जेहन में भली भांति है।

मजे की बात तो ये ही कि मुख्य मंत्रियों को बदलने जेसी कवायद भी मात्र उन्हीं प्रदेशों में हो रही है जहां पर भाजपा शासित सरकारें विराजमान है। इससे लगता है की मोदी ने देश की जनता को गुमराह करके सत्ता हासिल की और बदले में जनता को धूल चटाने पर मजबूर कर दिया।चुनावी वादों से हठ कर मोदी देश की सार्वजनिक संपत्तियों को कॉरपोरेट सेक्टर के कुछ घरानों/ सरमायदार लोगों को बेचकर उन्हे मदद कर रही ही। किसानों का लोन माफ ना करके मोदी सरकार सरमाया दारो के भारी-भरकम कर्जो को NPA के तहत माफ करके फायदा पहुंचा रही है। देश की 1.37 करोड़ जनता भटकने की मजबुर हो रही है।हिमाचल प्रदेश के चुनाव के लिए अभी मात्र 1 साल बचा है और इस एक साल मैं जय राम को हटाकर यदि दूसरे मुख्यमंत्री को भी आना होगा तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। क्योंकि प्रदेश की जनता अब और मोदी की झूठी वाई वाई जैसी बातों में नहीं आने वाली। आज का आलम यह है की जनता भाजपा को दरकिनार करना चाहती है।जिसका समय अब आ चुका है।