डा. सतीश कुमार  को अतिरिक्त निदेशक, बागवानी विभाग पद पर पदोन्नति पर हर्ष व्यक्त करते हुए संघ ने जताया आभार

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । बागवानी सेवा संघ, हिमाचल प्रदेश की ओर से डा. सतीश कुमार जी को बागवानी विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर पदोन्नत किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की गई हैं। यह पद विगत पांच वर्षों से रिक्त चला आ रहा था, ऐसे में इस महत्वपूर्ण पद पर वरिष्ठ अधिकारी की पदोन्नति से विभाग में हर्ष एवं उत्साह की लहर है।

 

संघ के अध्यक्ष डा. रंजन शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. शमशेर नेगी, उपाध्यक्ष डा. समीर सिंह राणा, महासचिव डा. कुशाल सिंह मैहता, वित्त सचिव डा. अजय रघुवंशी, सचिव डा. जिना बनयाल, डा. राजेश भाकटा, डा. शैलजा राणा, एवं प्रेस सचिव डा. राहुल चौधरी ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर डा. सतीश कुमार जी को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि उनका यह नवीन उत्तरदायित्व विभागीय कार्यों की गुणवत्ता, पारदर्शिता और नवाचार को सशक्त बनाएगा।

 

संघ ने इस नियुक्ति हेतु हिमाचल प्रदेश सरकार, विशेष रूप से माननीय बागवानी मंत्री श्री जगत सिंह नेगी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभव और सेवा भावना को सम्मान देना विभागीय प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

डा. सतीश कुमार जी का बागवानी विभाग में दीर्घ अनुभव, तकनीकी ज्ञान, नवाचार के प्रति रुचि तथा किसानों की समस्याओं के समाधान में उनकी सक्रिय भूमिका उन्हें एक प्रभावशाली और प्रेरणादायक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करती है। उनके मार्गदर्शन में विभाग निश्चित रूप से नई ऊँचाइयों को छुएगा और प्रदेश का बागवानी क्षेत्र आर्थिक समृद्धि, तकनीकी उन्नयन तथा कृषक हित में कारगर योजनाओं की दिशा में आगे बढ़ेगा।

 

बागवानी सेवा संघ, हिमाचल प्रदेश पुनः डा. सतीश कुमार जी को बधाई देते हुए उनके स्वस्थ, सफल व यशस्वी कार्यकाल की मंगलकामना करता है।

 

सेब सीजन की तैयारियों को लेकर बैठक का आयोजन उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई ।

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 आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां बचत भवन सभागार में आगामी सेब सीजन के सफल एवं सुव्यवस्थित संचालन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सेब परिवहन, सड़कों की स्थिति, पार्किंग, मजदूरों की उपलब्धता, पैकिंग सामग्री, नियंत्रण कक्ष की स्थापना तथा संबंधित विभागों के समन्वय को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

उपायुक्त ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे सेब सीजन के दृष्टिगत सभी आवश्यक व्यवस्था समय पर सुनिश्चित करें ताकि बागवानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था एवं सुरक्षा से जुड़ी सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए।

जिला उपायुक्त ने हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरणों को सड़कों के रखरखाव और जीर्णोद्धार के लिए समय पर कार्रवाई करने को कहा।  इसके साथ ही विद्युत बोर्ड के अधिकारियों को सेब सीजन के दौरान निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा ताकि बागवानों को असुविधा न हो। 

नियंत्रण कक्ष होंगे स्थापित

उपायुक्त ने कहा कि जिला में सेब परिवहन के दृष्टिगत जिला के 5 स्थानों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। मुख्य कंट्रोल रूम फागू में स्थापित किया जाएगा, जो 15 जुलाई से आरम्भ होगा। इसके अतिरिक्त सेब सीजन के दौरान निगरानी के लिए बलग, शोघी, गुम्मा एवं कुड्डु में नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने सम्बंधित उपमण्डलाधिकारिओं को नियंत्रण कक्ष में कर्मचारियों के तैनाती करने को कहा।  इसके साथ ही उपनिदेशक बागवानी को मुख्य नियंत्रण कक्ष फागु में टेलीफोन, फैक्स, सीसीटीवी कैमरे आदि स्थापित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय रहते आवश्यकता अनुरूप जिला के विभिन्न स्थानों पर पुलिस कर्मियों की भी तैनाती की जाएगी। 

ओवरलोडिंग पर होगी सख्त कार्यवाही
उपायुक्त ने कहा कि सेब सीजन के दौरान यदि कोई भी व्यक्ति गाड़ियों में ओवरलोडिंग करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में जाएगी। उन्होंने कहा कि यह लोगों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ विषय है इस पर किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जाएगी।  
उपायुक्त ने कहा कि इस दौरान ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए उपयुक्त यातायात योजना बनाई जाएगी, ताकि यातायात संचालन में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।  कोई भी ट्रक शिमला शहर में प्रवेश नहीं करेगा तथा उन्हें ढली-मेहली बाईपास मार्ग से भेजा जाएगा। सेब से लदे ट्रालों को सुबह 5 बजे से रात 9.30 बजे तक ठियोग और शिमला के बीच पार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ठियोग की ओर जाने वाली खाली पिकअप को बेखल्टी से होकर भेजा जाएगा।
 
सभी एसडीएम मालभाड़े का करे निर्धारण
उपायुक्त ने सभी उपमण्डलाधिकारिओं को अपने क्षेत्र में मालभाड़े का निर्धारण सुनिश्चित कर उपायुक्त कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए ताकि आगामी आदेश कार्यालय से प्रेषित हो सके। दरों के निर्धारण में सड़क की स्थिति, बॉक्स की संख्या एवं डीज़ल की कीमतों को ध्यान में रखा जाए।  माल ढुलाई शुल्क को लोगों की जानकारी के लिए नियंत्रण कक्षों, नोटिस बोर्डों एवं अन्य प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिक शुल्क वसूलने पर सख्त कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।  उपायुक्त ने कहा कि इसके अतिरिक्त सभी उपमंडलाधिकारी अपने क्षेत्र में परिवहन वाहनों एवं श्रमिकों की आवश्यकता का आकलन करे, यदि इस सन्दर्भ में आवश्यक हो तो अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कार्यालय को सूचित किया जाये ताकि आगामी कार्यवाही की जा सके। 


लाइसेंस एवं पहचान पत्र होंगे जारी
उपायुक्त ने कहा कि सेब सीजन के दौरान सभी आढ़तियों को लाइसेंस जारी किये जाएंगे। उन्होंने कृषि एवं एपीएमसी को उचित सत्यापन कर ही लाइसेंस जारी करने को कहा ताकि बागवानों को धोखाधड़ी का शिकार न होना पड़े।  उन्होंने कहा कि यदि बिना लाइसेंस के कोई भी आढ़ती पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। 
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त वाहन चालकों एवं क्लीनरों के पहचान पत्र भी बनाये जाएंगे।  पिक-अप 4 पहिया वाहन के लिए आई-कार्ड शुल्क/पंजीकरण शुल्क 200 रुपये, ट्रक 6 पहिया वाहन के लिए 500 रुपये और ट्राला 6 पहिया से अधिक वाहन के लिए  1000 रूपये निर्धारित है।
मंडियों का होगा नियमित निरीक्षण  
उन्होंने सभी एसडीएम, उप निदेशक (बागवानी) और सचिव, एपीएमसी को सब्जी एवं फल मंडियों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस दौरान फल मंडियों में उचित सफाई, पर्याप्त पेयजल आपूर्ति और शौचालयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
 
इस वर्ष अधिक पैदावार का अनुमान

उपायुक्त ने कहा कि जिला शिमला में इस वर्ष गत वर्ष के मुकाबले अधिक पैदावार की उम्मीद है। गत वर्ष 1 करोड़ 62 लाख 56 हजार बॉक्स की पैदावार हुई थी, जिसमें 3 लाख 25 हजार 137 मीट्रिक टन की सेब पैदावार दर्ज की गयी थी, जो इस वर्ष अधिक होने का अनुमान है। सेब संग्रहण केन्द्र एमआईएस को एचपीएमसी द्वारा 15 जुलाई से क्रियाशील किया जाएगा। उन्होंने सेब की पेटियों, कार्टन अन्य पैकेजिंग सामग्री की दरें निर्धारित करने के लिए सभी प्रक्रिया समय पर पूरी करने को कहा। उन्होंने कहा कि बक्सों एवं कार्टन की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।  
 
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था ) पंकज शर्मा सहित सभी उपमंडलाधिकारी एवं सम्बंधित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे। 
 

पांवटा मामले में पुलिस-प्रशासन पीड़ित के बजाय आरोपी का साथ दे रहा है : जयराम ठाकुर

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला ।  नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पांवटा साहिब में जो कुछ भी हो रहा है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस जिस तरीके से पीड़ित परिवार के साथ ज्यादती कर रही है और समुदाय विशेष का साथ दे रही है वह सरासर गलत है। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पक्षपात पूर्ण है। प्रशासन पीड़ित परिवार और उनके सहयोगियों को ही प्रताड़ित करने का काम कर रहा है। प्रशासन और पुलिस का काम न्याय करना है पीड़ित का साथ देना है न कि सरकार की राजनैतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करना। पुलिस एक तरफ पीड़ित के साथ न्याय नहीं कर रही है दूसरी तरफ से उन्हें प्रताड़ित करने का प्रयास कर रही है। देवभूमि में इस तरीके के घटनाओं को हम सहन नहीं करेंगे। पुलिस पीड़ित परिवार और उनके सहयोगियों को परेशान करने के बजाय न्यायपूर्ण कार्रवाई करे।

 

जयराम ठाकुर ने कहा कि घटना के दिन से ही पुलिस का रवैया हैरानी भरा रहा है। पुलिस प्रशासन पहले दिन से ही पूर्वाग्रह से काम कर रही है। पुलिस पीड़ित परिवार के बजाय अपरहण के आरोपी के साथ खड़ी है। पुलिस आरोपी के परिवार और उनके समर्थकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है जबकि पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है। प्रशासन की इस हरकत को भाजपा सहन नहीं करेगी। एक तरफा कार्रवाई करके पुलिस सिर्फ पीड़ित परिवार को और परेशान करना चाहती है। पुलिस अपनी नाकामी छुपाने और अपने राजनैतिक आकाओं को खुश करने के लिए के लिए इस तरीके की कार्रवाई कर रही है जो स्वीकार नहीं है।

 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विभिन्न सोर्सेज के माध्यम से यह सामने आया है कि आरोपित समुदाय ने लापता लड़की का धर्म परिवर्तन भी कराया है। जो सरासर गैर कानूनी है। हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकार ने ही धर्म परिवर्तन के कानूनों को सख्त करते हुए हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 को पारित किया था। जिसमें गलत तरीके से धर्म परिवर्तन करने पर 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इतना सख्त कानून होने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई करवाई इस मामले में भी नहीं की जा रही है। इसके पीछे सिर्फ एक वजह है कि पुलिस और प्रशासन अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम कर रहा है।

 

उन्होंने कहा कि मेरी प्रशासन और सरकार से गुजारिश है कि वह इस मामले में परिवार के साथ किसी भी तरीके का पक्षपात न करे। जिससे पीड़ित को न्याय मिल सके, इस तरीके की घटनाओं पर रोक लग सके और शांति का वातावरण स्थापित हो सके।

पठानियां ने की याचिका समिति की बैठक की अध्यक्षता।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने आज अपराह्न 3:30 बजे विधान सभा सचिवालय के मुख्य समिति कक्ष में आयोजित याचिका समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में समिति सदस्य सतपाल सिंह सत्ती तथा कमलेश ठाकुर भी मौजूद थे। बैठक में समिति द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक मे कुल 49 याचिकाओं पर समिति द्वारा समीक्षा की गई तथा 13 याचिकाओं का निपटारा भी किया गया। शेष याचिकाओं पर समिति द्वारा विभागों से एक महीने के भीतर विभागीय उत्तर उपलब्ध करवाने बारे निर्णय लिया।

 

समिति ने आगामी बैठक में सचिव शिक्षा व सचिव राजस्व को बैठक में शामिल होने के लिए दिशा- निर्देश दिए तथा इन विभागों से सम्बन्घित सभी याचिकाओं पर विचार-विमर्श कर निर्णय लिए जाएँगे। कुल 49 याचिकाओं में सबसे ज्यादा विषय शिक्षा विभाग से 13, राजस्व विभाग से 9, लोक निर्माण विभाग से 6 तथा वन विभाग एवं प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड की 3-3 याचिकाएँ शामिल थी जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग, परिवहन विभाग तथा जल शक्ति विभाग की एक- एक याचिका पर भी चर्चा की गई।

राष्ट्रीय सुरक्षा – हमारी चुनौतियाँ, जिम्मेदारियाँ और योगदान

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

 

शिमला । स्पीकर्स हॉल, संवैधानिक क्लब नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में  कुसुम रॉय, पूर्व राज्यसभा सदस्य और शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव  आलोक तिवारी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा “सुरक्षा जागरूकता और राष्ट्रीय विकास” नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। पुस्तक के सह-लेखक वी के प्रसाद और पूर्व डीआईजीपी वी के शर्मा हैं।

 

 

सीआर पाटिल, केंद्रीय मंत्री, जल शक्ति, भारत सरकार, अहमदाबाद में हुई दुखदाई एयर इंडियन विमान दुर्घटना की वजह से नहीं आ सके Ihttps://aadarshhimachal.com/national-security-our-challenges-responsibilities-and-contributions/

9879 वी के शर्मा ने अपने संबोधन में उपस्थित लोगों को अर्धसैनिक बलों की भूमिका तथा वर्तमान परिदृश्य में समाज को सजग एवं सतर्क रहने की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी।

अर्धसैनिक बलों का संक्षिप्त परिचय
CRPF, BSF, ITBP, CISF, SSB, Assam Rifles – ये सभी MHA के अधीन कार्य करते हैं और भारत की आंतरिक तथा सीमा सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं। सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 33 के तहत इन अर्धसैनिक बलों को संघ के सशस्त्र बल घोषित किया है।

कर्तव्यों में सीमा सुरक्षा के अलावा संयुक्त राष्ट्र मिशन, एएनओ, आतंकवाद विरोधी, आपदा प्रबंधन, वीवीआईपी सुरक्षा, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की रखवाली, चुनाव, कानून और व्यवस्था में स्थानीय प्रशासन की मदद करना और युद्ध के मामले में सेना की मदद करना शामिल है। तोड़फोड़, जासूसी, नशीले पदार्थों की तस्करी, एफआईसीएन आदि

सुरक्षा की आवश्यकता सदियों से रही है
यह हमारे मन में छिपे शैतान के कारण उत्पन्न होती है।
मित्रों, हम जंगल में नहीं रहते, फिर भी क्यों हमें सुरक्षा की आवश्यकता महसूस होती है?
इसका कारण है — अज्ञात का भय और FOMO (Fear of Missing Out)।
FOMO एक सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और तकनीकी प्रभाव है, जिससे व्यक्ति सोशल मीडिया पर दूसरों की गतिविधियाँ देखकर स्वयं को अकेला, कमतर और उदास महसूस करता है।
सुरक्षा का अर्थ
सुरक्षा केवल सुरक्षा नहीं है – यह रोकथाम, तैयारी और सार्वजनिक भागीदारी है। यह परिस्थितियों का एक समूह है।

 

औद्योगिक सुरक्षा केवल कॉर्पोरेट ज़रूरत नहीं है – यह एक राष्ट्रीय अनिवार्यता है। यह देश की अर्थव्यवस्था, रणनीतिक हितों, तकनीकी नेतृत्व और इसके नागरिकों की भलाई की रक्षा करती है

भारत की सुरक्षा केवल सशस्त्र बलों या सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है; यह प्रत्येक नागरिक का साझा कर्तव्य है। एक जागरूक, ज़िम्मेदार और एकजुट आबादी आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के खतरों के खिलाफ़ एक शक्तिशाली रक्षा तंत्र है।

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नागरिक भारत की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, सशस्त्र बलों, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों को पूरक बनाते हैं। उनकी भागीदारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत बनाती है। देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नागरिकों की भूमिका का विवरण इस प्रकार है:

सुरक्षा में प्रमुख तत्व

नागरिकों की भूमिका — भारत की सुरक्षा में

1. सतर्कता और रिपोर्टिंग
• संदिग्ध गतिविधियों के प्रति सतर्कता: नागरिक स्थानीय अधिकारियों को संदिग्ध व्यक्तियों, वस्तुओं या गतिविधियों की रिपोर्ट करके सुरक्षा बलों की आँख और कान की तरह काम कर सकते हैं।
• अपराध और आतंकवाद को रोकना: समय पर सूचना देने से अपराध, आतंकवादी हमले या अन्य खतरों को रोकने में मदद मिल सकती है।

2. साइबर सुरक्षा जागरूकता
• सुरक्षित इंटरनेट अभ्यास: ऑनलाइन सतर्क रहने, गलत सूचना फैलाने से बचने और व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखने से नागरिक साइबर अपराधों को रोक सकते हैं और कमज़ोरियों को कम कर सकते हैं।
• साइबर खतरों की रिपोर्टिंग: फ़िशिंग, हैकिंग प्रयासों या फ़र्जी ख़बरों के बारे में अधिकारियों को सूचित करना राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा में योगदान देता है।

3. सामाजिक सद्भाव और एकता
• सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना: नागरिकों को नफ़रत फैलाने या सांप्रदायिक हिंसा में भाग लेने से बचना चाहिए, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करता है।
• कट्टरपंथ का विरोध करना: विशेष रूप से युवाओं के बीच, चरमपंथी विचारधाराओं का विरोध करना और उनकी रिपोर्ट करना आंतरिक खतरों से निपटने में मदद करता है।

4. आपदा की तैयारी और प्रतिक्रिया
• स्वैच्छिकता और सहायता: प्राकृतिक आपदाओं या आपात स्थितियों में, नागरिक राहत कार्य में सहायता कर सकते हैं और बचाव कार्यों का समर्थन कर सकते हैं।
• प्रोटोकॉल का पालन करना: निकासी आदेशों और आपातकालीन दिशानिर्देशों का पालन करना कुशल संकट प्रबंधन सुनिश्चित करता है।

5. राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति
• राष्ट्रीय प्रतीकों और कानूनों का सम्मान करना: राष्ट्रीय पहचान की एक मजबूत भावना देश की भलाई के लिए सामूहिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देती है।
• राष्ट्र निर्माण में योगदान: शिक्षा, आर्थिक उत्पादकता और नागरिक भागीदारी के माध्यम से, नागरिक एक लचीला और सुरक्षित राष्ट्र का निर्माण करते हैं।

6. शासन में भागीदारी
• मतदान और नागरिक जुड़ाव: एक जिम्मेदार मतदाता सुशासन सुनिश्चित करता है, जो आंतरिक स्थिरता की कुंजी है।
• अधिकारियों को जवाबदेह ठहराना: नागरिक सरकार और सुरक्षा संस्थानों से पारदर्शिता और दक्षता की मांग कर सकते हैं।

7. गलत सूचना के खिलाफ बचाव। तोड़फोड़ और गतिविधियाँ
• आलोचनात्मक सोच: दुष्प्रचार या फर्जी खबरों में न पड़ना और दूसरों को तथ्यों को सत्यापित करने में मदद करना एक सुविज्ञ समाज का समर्थन करता है। व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी।
• सोशल मीडिया का जिम्मेदाराना उपयोग: अफवाहों और भड़काऊ सामग्री के प्रसार से बचना घबराहट और अशांति को रोकने में मदद करता है।

औद्योगिक सुरक्षा किसी देश के लिए निम्नलिखित प्रमुख कारणों से अत्यंत महत्वपूर्ण है:

1. राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा

उद्योग, विशेष रूप से रक्षा, ऊर्जा, परिवहन, संचार और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संपत्ति हैं। उन पर कोई भी खतरा या हमला देश के बुनियादी ढांचे, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को बाधित कर सकता है।

2. आर्थिक स्थिरता

उद्योग जीडीपी, रोजगार और निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। औद्योगिक तोड़फोड़, चोरी, साइबर हमले या जासूसी के कारण हो सकता है:

• वित्तीय घाटा

• नौकरी में कटौती

• आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान

• निवेशकों का विश्वास खोना

3. राष्ट्रीय सुरक्षा

रक्षा उत्पादन इकाइयाँ, परमाणु ऊर्जा संयंत्र और एयरोस्पेस क्षेत्र जैसे उद्योग सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए हैं। उन्हें सुरक्षित रखने से निम्न से बचाव होता है:

विदेशी एजेंटों द्वारा जासूसी

वर्गीकृत डेटा की चोरी

महत्वपूर्ण तकनीकों का दुरुपयोग

4. आवश्यक सेवाओं की निरंतरता

बिजली संयंत्र, जल उपचार सुविधाएं, तेल रिफाइनरियां और दवा उद्योग आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं। यहां सुरक्षा भंग होने से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।

5. तकनीकी और बौद्धिक संपदा संरक्षण

प्रगति के लिए अनुसंधान एवं विकास और नवाचार महत्वपूर्ण हैं। सुरक्षा निम्न से सुरक्षा सुनिश्चित करती है:
• डेटा चोरी
• पाइरेसी
• प्रतिद्वंद्वी देशों या प्रतिस्पर्धियों को प्रौद्योगिकी लीक

6. आतंकवादी गतिविधियों की रोकथाम

आतंकवादी बड़े पैमाने पर विनाश या आर्थिक पक्षाघात का कारण बनने के लिए उद्योगों को निशाना बना सकते हैं। प्रभावी औद्योगिक सुरक्षा ऐसी घटनाओं को निम्न द्वारा रोकती है:
• निगरानी और निगरानी
• पहुँच नियंत्रण
• आपातकालीन प्रतिक्रिया तैयारी

7. साइबर सुरक्षा

आधुनिक उद्योग डिजिटल सिस्टम पर निर्भर करते हैं। साइबर सुरक्षा औद्योगिक सुरक्षा का हिस्सा है जो निम्न से सुरक्षा प्रदान करती है:
• डेटा उल्लंघन
• स्वचालित सिस्टम की हैकिंग
• महत्वपूर्ण औद्योगिक प्रक्रियाओं में व्यवधान

साइबर गिरफ़्तारी ( Digital Arrest)

8. पर्यावरण और सार्वजनिक सुरक्षा

तोड़फोड़ या लापरवाही के कारण होने वाली औद्योगिक दुर्घटनाएँ (जैसे, भोपाल गैस त्रासदी) पर्यावरणीय आपदाएँ और बड़े पैमाने पर हताहतों का कारण बन सकती हैं। सुरक्षा ऐसी त्रासदियों को रोकने में मदद करती है।

🏭 औद्योगिक सुरक्षा
1. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ – उद्योग सकल घरेलू उत्पाद, निर्यात और रोजगार में भारी योगदान देते हैं।
2. तोड़फोड़ और जासूसी के लक्ष्य – महत्वपूर्ण क्षेत्र (रक्षा, ऊर्जा, आईटी, फार्मा) अक्सर शत्रुतापूर्ण एजेंसियों द्वारा लक्षित होते हैं।
3. साइबर सुरक्षा महत्वपूर्ण है – डिजिटल बुनियादी ढांचे, डेटा और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा आवश्यक है।
4. भौतिक सुरक्षा उपाय – एक्सेस कंट्रोल, सीसीटीवी, परिधि बाड़ लगाना, गश्त और आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली महत्वपूर्ण हैं।
5. अंदरूनी खतरे का प्रबंधन – पृष्ठभूमि की जाँच, कर्मचारी निगरानी और सुरक्षा जागरूकता प्रशिक्षण महत्वपूर्ण हैं

👤 वीवीआईपी सुरक्षा
1. राष्ट्रीय स्थिरता का प्रतीक – नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने से जनता का विश्वास और सरकार की निरंतरता बनी रहती है।
2. बहुस्तरीय सुरक्षा – इसमें व्यक्तिगत अंगरक्षक, अग्रिम सुरक्षा संपर्क, काफिले की सुरक्षा और खुफिया समन्वय शामिल हैं।
3. जोखिम-आधारित दृष्टिकोण – खतरे की धारणा, स्थल की संवेदनशीलता और सार्वजनिक जोखिम के आधार पर।
4. भीड़ और कार्यक्रम प्रबंधन – रैलियों, सार्वजनिक कार्यक्रमों और विदेशी यात्राओं के दौरान उच्च-स्तरीय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
5. प्रौद्योगिकी एकीकरण – ड्रोन, बायोमेट्रिक एक्सेस, निगरानी प्रणाली का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है।

👥 आम आदमी की सुरक्षा
1. आंतरिक सुरक्षा की नींव – सार्वजनिक सुरक्षा सामाजिक सद्भाव और आर्थिक गतिविधि सुनिश्चित करती है।
2. सामुदायिक पुलिसिंग – स्थानीय लोगों की भागीदारी विश्वास का निर्माण करती है और अपराध की रोकथाम में मदद करती है।
3. आपातकालीन प्रतिक्रिया तत्परता – त्वरित पुलिस, चिकित्सा और अग्निशमन प्रतिक्रिया आवश्यक है।
4. स्मार्ट निगरानी – सीसीटीवी, यातायात निगरानी और एआई-आधारित अलर्ट का उपयोग रोजमर्रा की सुरक्षा में सुधार करता है। 5. महिला एवं बाल सुरक्षा पर ध्यान – समर्पित हेल्पलाइन, गश्त और फास्ट-ट्रैक न्याय तंत्र।

🛡️ महत्वपूर्ण बिंदुओं की सुरक्षा
1. परिभाषा – महत्वपूर्ण बिंदु राष्ट्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था या शासन (जैसे, बांध, बिजली ग्रिड, हवाई अड्डे) के लिए महत्वपूर्ण प्रमुख प्रतिष्ठान हैं।
2. उच्च खतरा क्षमता – अक्सर आतंकवादियों, साइबर अपराधियों या युद्धों के दौरान लक्षित होते हैं।
3. रणनीतिक योजना – सुरक्षा में भौतिक अवरोध, सशस्त्र तैनाती, पहुँच विनियमन और नियमित मॉक ड्रिल शामिल हैं।
4. वर्गीकृत प्रोटोकॉल – सुरक्षा योजनाएँ संवेदनशील हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अनुमोदित एसओपी का पालन करती हैं।
5. समन्वय महत्वपूर्ण है – केंद्रीय एजेंसियाँ, खुफिया जानकारी और स्थानीय सुरक्षा बल एक साथ काम करते हैं श्री वी के शर्मा ने अपने संबोधन में उपस्थित लोगों को अर्धसैनिक बलों की भूमिका तथा वर्तमान परिदृश्य में समाज को सजग एवं सतर्क रहने की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी।

अर्धसैनिक बलों के लिए सम्मान और कल्याण की आवश्यकता
• सेना के समान पेंशन
• सभी राज्यों में अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना
• अखिल भारतीय पूर्व अर्ध सैनिक कल्याण एवं समन्वय संघ को सरकार द्वारा मान्यता I

संघ का आदर्श वाक्य: “भावना से कर्तव्य ऊँचा है”
📧 ईमेल: abpasks@yahoo.com
📞 मोबाइल: 9968662007
अंत में
खुद जियो औरों को भी जीने दो… यही तो है ज़िंदगी का रास्ता, हमें वतन की शांति का वास्ता।
V K Sharma 

जय हिंद 🇮🇳

कांग्रेस के नेता को केंद्र सरकार की निंदा करने के लिए मिलती है सरकारी सैलरी : विनोद

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला । भाजपा प्रदेश के सचिव विनोद ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के मंत्री एवं मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार जो सरकारी सैलरी पर बैठ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में गलत शब्दों का प्रयोग करते हैं, इसकी भाजपा कड़ी निंदा करती है।

 

कांग्रेस पार्टी को विकास के बारे में कुछ पता ही नहीं जब उनकी सरकार सत्ता में थी तो केवल मात्र सड़कों पर रेता, रोड़ी, बजरी डाल चुनाव जीते जाते थे, पर जब से केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाली सरकार आई है तब से विकास के नाम पर चुनाव जीता जाता है और इसका पूरे हिमाचल ने एक बड़ा मॉडल देखा है जहां हमारे पास एक लाख करोड़ से अधिक की सड़के हैं।

 

उन्होंने कहा कि आज जब चंडीगढ़ से हिमाचल के अंदर आते हैं तो किसी भी कोने में चले जाओ आपको फोर लेन हाईवे मिलेंगे।
यह कांग्रेस के नेताओं को दिखता नहीं है, क्योंकि कांग्रेस के नेताओं को केवल निंदा करने के पैसे मिलते हैं।

 

उन्होंने कहा कि नया भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश की प्रगति अब सिर्फ जीडीपी जैसे आंकड़ों से तय नहीं होती, बल्कि आम लोगों को सम्मान से जीने और आगे बढ़ने के मिले अवसरों से भी होती है। इसके उदाहरण दूर-दराज के गांवों, कस्बों और शहरों में आम हैं। यह बदलाव उस नेतृत्व की बदौलत संभव हुआ, जो हर नागरिक को सशक्त बनाने में विश्वास रखता है। शुरू से ही अंत्योदय यानी पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का उत्थान हमारी प्रेरणा रहा है। पिछले 11 वर्षों में हमारी हर नीति, हर निवेश और नवाचार इसी सोच पर आधारित रहा है।

 

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह सोच चार स्तंभों पर आधारित है। पहला, ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना, जो देश को जोड़े। दूसरा, ऐसा विकास, जो सबको साथ लेकर चले। तीसरा, मैन्यूफैक्चरिंग जो लोगों को रोजगार दे। चौथा, सरकारी कामकाज को इतना आसान बनाना कि आम आदमी को ताकत मिले। पिछले 11 वर्षों में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) तेजी से बढ़ा है और 2025-26 में यह 11.2 लाख करोड़ तक पहुंच गया। यह बढ़ता हुआ निवेश सबसे अधिक बुनियादी ढांचे-फिजिकल, डिजिटल और सामाजिक में दिखता है। इसी दौरान करीब 59,000 किमी नए राजमार्ग बने और 37,500 किमी रेलवे ट्रैक बिछाए गए।

 

हाल में चिनाब और अंजी पुल का उद्घाटन हुआ, जो आधुनिक भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का प्रतीक हैं। जब वंदेभारत ट्रेन इन पुलों से होकर श्रीनगर पहुंची, तो एक यात्री ने कहा, ‘यह किसी सपने के सच होने जैसा है।’ उसकी आंखों में आंसू थे। कनेक्टिविटी अब सिर्फ सड़कों और रेल तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह डिजिटल क्षेत्र में भी फैल चुकी है। भारत का डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर दुनिया में मिसाल बन चुका है।

अहमदावाद विमान हादसे पर विधान सभा अध्यक्ष ने गहरा दु:ख प्रकट किया।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने अहमदावाद विमान हादसे पर गहरा शोक प्रकट किया है। विधान सभा अध्यक्ष ने अपने शोक सन्देश में कहा कि यह विमान हादसा दिल दहलाने वाला है जिससे आज पूरा देश दुखी है।

 

उन्होने कहा कि यह हादसा इस समय की सबसे बड़ी दुर्घटना है। गौरतलब है कि इंडियन एयर लाईन का यह विमान अहमदावाद से इंग्लैण्ड जा रहा था जिसमें लगभग 242 लोग सवार थे।
पठानियां ने दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना की है तथा शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की है।

विधान सभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने भी इस विमान हादसे पर गहरा शोक प्रकट किया है तथा दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना की है।

ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस (AIPC) हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स वर्टिकल ने गोवा में डॉक्टर पर हमले की कड़ी निंदा की: डॉ शिखिन सोनी

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस (AIPC) हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स वर्टिकल गोवा के राजीव गांधी सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे द्वारा डॉ. रुद्रेश कुत्तीकर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर हमले और उत्पीड़न की घटना की कड़ी निंदा करती है। मंत्री का घोर अपमानजनक व्यवहार और खेद की कमी हमारे राजनीति में व्याप्त अपराधबोध की संस्कृति की याद दिलाता है।

 

AIPC हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स वर्टिकल के हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष डॉ शिखिन सोनी ने गोवा का दौरा किया और गोवा पीसीसी अध्यक्ष अमित पाटकर और राष्ट्रीय प्रमुख डॉ. आदित्य रेड्डी गिलेला के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें हमने मंत्री के कार्यों की निंदा की और मांग की:

 

1. *स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे के खिलाफ तत्काल और निर्णायक कार्रवाई* उनके घोर व्यवहार के लिए, जो हमारे स्वास्थ्य प्रणाली की मूलभूत संरचना को कमजोर करता है।
2. *डॉक्टरों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम (CPA)* पूरे भारत में उनकी सुरक्षा, संरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए।

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की कुर्सी को माफी उम्मीदों से कम है। *हम स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ ठोस और प्रभावी कार्रवाई* की उम्मीद करते हैं, जिसमें उनके तत्काल इस्तीफे या बर्खास्तगी शामिल है, चिकित्सा समुदाय की गरिमा और विश्वास को पुनः बहाल किया जा सके ।

माँ, मुझे टैगोर बना दे’: शिक्षकों, सपनों और दृढ़ संकल्प को समर्पित एक भावनात्मक श्रद्धांजलि

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला– प्रसिद्ध रंगकर्मी लकी गुप्ता द्वारा प्रस्तुत भावनात्मक एकल नाटक ‘माँ, मुझे टैगोर बना दे’ ने ऑकलैंड हाउस स्कूल फॉर बॉयज़ में छात्रों और फैकल्टी को अपनी शक्तिशाली कहानी और आत्मा को छू लेने वाले संदेश से मंत्रमुग्ध कर दिया। एक घंटे के इस एकल प्रदर्शन ने न केवल छात्र और शिक्षक के बीच की शाश्वत बंधन का जश्न मनाया, बल्कि बच्चों में विशेष रूप से आभार के मूल्य को फिर से जीवित किया।

 

यह नाटक दिवंगत मोहन भंडारी की एक पंजाबी कहानी से अनुकूलित है, जो एक गरीब मजदूर परिवार के युवा लड़के की प्रेरणादायक यात्रा को दर्शाता है, जो गरीबी और व्यक्तिगत त्रासदी के बावजूद अपनी शिक्षा का पीछा करता है। अपने शिक्षक द्वारा उसकी काव्य प्रतिभा के लिए ‘लिटिल टैगोर’ उपनाम दिया गया, लड़के को अपने पिता की अचानक मृत्यु और माँ की बीमारी के बाद स्कूल छोड़ना पड़ता है। हालाँकि, अपने शिक्षक के स्थायी शब्दों—“जिंदगी में कभी हार मत मानो”—से प्रेरित होकर, वह फिर से परीक्षा देता है, राज्य में शीर्ष स्थान प्राप्त करता है और अंततः अन्य वंचित छात्रों को उठाने के लिए एक शिक्षक के रूप में लौटता है।

 

इस प्रदर्शन की विशेषता इसके इंटरैक्टिव प्रारूप में थी, जहाँ लकी गुप्ता ने विभिन्न दृश्यों में छात्रों को सीधे शामिल किया, बिना किसी विस्तृत सेट या विशेष प्रभावों के कई पात्रों को जीवित किया। यह इमर्सिव दृष्टिकोण एक कच्चा, भावनात्मक और शैक्षिक अनुभव बनाता है, जो युवा मनों पर गहरा प्रभाव डालता है। नाटक का मूल संदेश छात्रों को माता-पिता, शिक्षकों और समाज के प्रति आभार के महत्व और दृढ़ संकल्प की शक्ति की याद दिलाना था।

 

लकी गुप्ता, एक अनुभवी रंगकर्मी, जिन्होंने 2000 में जम्मू से अपने सफर की शुरुआत की थी, ने 50 से अधिक नाटकों का प्रदर्शन किया है और 100 से अधिक बच्चों के कार्यशालाएँ आयोजित की हैं। ‘माँ, मुझे टैगोर बना दे’ उनका सिग्नेचर प्रदर्शन बन गया है, जिसने उन्हें 28 राज्यों में 1,000 से अधिक कस्बों और शहरों तक पहुँचाया है, 5 मिलियन से अधिक दर्शकों तक पहुंचते हुए—यह सब स्व-फंडिंग और दर्शकों के समर्थन के माध्यम से।

 

ऑकलैंड हाउस स्कूल फॉर बॉयज़ में हुआ यह प्रदर्शन सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं था—यह सहानुभूति, आभार और दृढ़ता का एक पाठ था, जिसने छात्रों को बड़े सपने देखने और उन्हें मार्गदर्शन करने वाले लोगों के अदृश्य प्रयासों की सराहना करने के लिए प्रेरित किया।

सामाजिक-पारिवारिक कलह की जड़ – अहंकार अक्षरधाम मंदिर में संगीतमय भागवत कथा का दूसरा दिन

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । न्यू शिमला सेक्टर-1 स्थित स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर में चल रही 5 दिन की संगीतमय श्रीमदभागवत कथा का दूसरा दिन रहा। दूसरे दिन के यजमानों के द्वारा भगवान एवं भागवतजी ग्रन्थ के पूजन के बाद बड़ी संख्या में कथा रस का आनंद प्राप्त करने आए हुए भक्त समुदाय को सम्बोधित करते हुए कथा व्यास संत पूज्य जयतीर्थ स्वामी ने कहा कि आज के समय में कलह एक बड़ा सामाजिक मुद्दा है। स्वामीजी ने कहा कि कलह चाहे परिवार में हो या समाज में, इसका मूल कारण व्यक्ति या समुदाय में रहने वाला अहंकार का स्वभाव होता है।

 

आज की कथा के विषय यानि कलह और उसके कारण के बारे में विस्तार से बात करते हुए स्वामीजी ने श्रीमदभागवत ग्रन्थ में वर्णित 3 कथानकों का निरूपण करके श्रोता भक्तों को विषय के बारे में समझ प्रदान की। सर्वप्रथम दक्ष प्रजापति की कथा सुनाकर स्वामीजी ने बताया कि अहंकार के स्वभाव के कारण हमें किस प्रकार के पारिवारिक-सामाजिक नुकसान उठाने पड़ते हैं। अगली कथा में भगवान के भक्त बालक ध्रुव की भक्ति का वर्णन किया गया। भक्ति के माध्यम से किस प्रकार भगवान के प्रति श्रद्धा में वृद्धि होती है यह बात समझने की है। अंतिम महत्वपूर्ण कथा अजामिल की सुनाकर विद्वान संत ने सभी श्रद्धालु भक्तों को भागवतजी से यह सीख लेने की प्रेरणा प्रदान की कि भगवान के नाम का उच्चारण मात्र करने से भी कृपानिधान भगवान किस प्रकार हमें समस्त पापों से मुक्ति प्रदान करते हैं।

 

सम्पूर्ण कथा में विभिन्न प्रसंगों के आने पर उन प्रसंगों के अनुरूप कीर्तनों की रसधार बहती रही। उपस्थित गायक एवं वादक वृन्द की मधुर प्रस्तुति श्रोताओं को भावविभोर करती रही। कथा का समय प्रतिदिन संध्या 6.30 से 8.30 बजे का है।

Shoolini University

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