शूलिनी विश्वविद्यालय में कंप्यूटर गेमिंग टूर्नामेंट का आयोजन
मुख्यमंत्री ने शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के कलियारा में बहुउद्देशीय इंडोर स्डेडियम का किया लोकार्पण
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
कांगडा । मुख्यमंत्री कहा कि राज्य सरकार शिक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है तथा विपक्ष के विरोध के बावजूद कई महत्त्वपूर्ण सुधार लागू किए गए हैं। इन ईमानदार प्रयासों के परिणामस्वरूप, प्रदेश अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में देश में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि पूर्व सरकार के कार्यकाल में यह 21वें स्थान पर था।
यह बात मुख्यमंत्री ने आज शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के कलियारा में नवनिर्मित बहुउद्देशीय इंडोर स्टेडियम का लोकार्पण करने के उपरांत कही। यह स्टेडियम 3.36 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है, जिसमें बास्केटबॉल कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट और फिटनेस सेंटर की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए 100 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में सीबीएसई पाठयक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षण पद्धतियों पर आधारित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना और उनमें आत्मविश्वास विकसित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के कलियारा विद्यालय में भी सीबीएसई पाठयक्रम लागू करने को स्वीकृति दी गई है। यहां विज्ञान और वाणिज्य वर्ग शुरू किए जाएंगे तथा उचित ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीबीएसई पाठयक्रम वाले स्कूलों में विद्यार्थियों को मोबाइल फोन लेकर आने की अनुमति नहीं होगी, ताकि वे अपनी पढ़ाई, खेल व सह-पाठय गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 460 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है, जिससे यहां बड़े विमानों की आवाजाही संभव हो सकेगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, हवाई सम्पर्क सुविधा में सुधार होगा और क्षेत्र में रोजगार के और अधिक अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए शीघ्र ही और धनराशि भी जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र राज्य सरकार की दूसरी सर्वाेच्च प्राथमिकता है और पुराने उपकरणों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की नवीन मशीनरी से बदलने पर बल दिया गया है। सरकार आईजीएमसी शिमला, टांडा चिकित्सा महाविद्यालय तथा चमियाणा स्थित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में एम्ज दिल्ली जैसी अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए 78 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है। इससे विभिन्न बीमारियों के लिए अधिक सटीक रक्त जांच रिपोर्ट उपलब्ध होंगी।
उन्होंने क्षेत्र के किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने पहली बार प्राकृतिक खेती से उगाई गई गेहूं, मक्की और हल्दी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री (डॉ.) कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कांगड़ा जिले के लुथान में सुख-आश्रय परिसर के माध्यम से बेसहारा बच्चों, महिलाओं और वृद्धजनों को आश्रय सहयोग प्रदान करने की पहल की है। यह आधुनिक आवासीय परिसर मुख्यमन्त्री सुख-आश्रय योजना के तहत 400 व्यक्तियों की क्षमता के साथ बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नशे के समूल नाश के लिए व्यापक अभियान चला रही है। समाज के सभी वर्गों को आगे आकर युवाओं को इस सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग देना चाहिए।
उप-मुख्य सचेतक एवं स्थानीय विधायक केवल सिंह पठानिया ने कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार कार्य शुरू करवाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस हवाई अड्डे के विस्तार से निकट भविष्य में क्षेत्र में समृद्धि आएगी। उन्होंने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की पहल की भी सराहना करते हुए कहा कि यह पहल किसानों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है।
आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, विधायक सुरेश कुमार, कमलेश ठाकुर और अनुराधा राणा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
अराजपत्रित कर्मचारी प्रधान रजनीश शर्मा ने दिया त्यागपत्र
अराजपत्रित कर्मचारी प्रधान रजनीश शर्मा ने दिया त्यागपत्र
ऊना । हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ऊना के प्रधान रजनीश शर्मा ने अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूर्ण करने के उपरांत सोमवार को महासंघ के अन्य प्रतिनिधियों के समक्ष वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारा सिंह को अपना त्यागपत्र सौंपा।
इस दौरान अपने वक्तव्य में रजनीश शर्मा ने कहा कि प्रधान के रूप में उनका कार्यकाल संगठनात्मक मजबूती, कर्मचारी हितों की रक्षा तथा विभागीय समन्वय को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित रहा। अपने अढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में तीन जेसीसी की बैठकें आयोजित करने में सफल रहे, जिनके सकारात्मक परिणाम आए। उन्होंने कहा कि यह अवधि उनके लिए एक सम्मान और जिम्मेदारी दोनों थी, जिसका टीम के सहयोग से प्रभावी रूप से निर्वहन किया।
उन्होंने कर्मचारी महासंघों के उन सभी पदाधिकारियों, सदस्यों, कर्मचारियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनके कार्यकाल में निरंतर समर्थन और विश्वास प्रदान किया। उन्होंने कहा कि संगठन की तरक्की सामूहिक प्रयासों से ही संभव होती है और वे भविष्य में भी संगठन के हितों के लिए हर संभव सहयोग देते रहेंगे।
महासंघ वरिष्ठ उपप्रधान तारा सिंह ने रजनीश शर्मा के नेतृत्व-कौशल और सेवाओं की सराहना की तथा उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि आगे की औपचारिकताएँ और नए प्रधान के चयन की प्रक्रिया संगठन के नियमों के अनुसार पूर्ण की जाएगी।
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अर्धसैनिक कल्याण बोर्डों के गठन के लिए शीघ्र कार्रवाई की जाए-वी के सिंह
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
धर्मशाला । वी. के. शर्मा, डीआईजीपी (से.नि.) एवं अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य पूर्व अर्धसैनिक कल्याण एवं समन्वय संघ ने एच.पी. विधानसभा के पटल पर अर्धसैनिक बलों के कर्मियों तथा उनके परिवारों की उपेक्षा से जुड़े लंबे समय से लंबित मुद्दों को बड़े तथ्यपूर्ण ढंग से उठाने हेतु राज्य सरकार के मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया की सराहना की है।
उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि स्थायी अर्धसैनिक कल्याण बोर्डों के गठन के लिए शीघ्र कार्रवाई की जाए, जो कि बहुत समय से लंबित और अत्यंत आवश्यक कदम है।
यह सकारात्मक पहल हमारे संघ की टीम के सतत एवं समर्पित प्रयासों का परिणाम है, जो वी. के. शर्मा के गतिशील नेतृत्व में कार्यरत है। पिछले वर्षों में हमने अनेक विधायकों, मुख्य सचेतक, मुख्य संसदीय सचिव, राज्य सरकार के मुख्य प्रवक्ता तथा अन्य जनप्रतिनिधियों से मिलकर इस मुद्दे को निरंतर उठाया है। पिछले तीन वर्षों में राज्य अध्यक्ष श वी. के. शर्मा स्वयं तीन बार मुख्यमंत्री से मिलकर विस्तृत ज्ञापन सौंप चुके हैं तथा वृद्ध होते पूर्व अर्धसैनिक कर्मियों के हित में शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह कर चुके हैं।
लगभग सभी वर्तमान विधायक, सैनिक कल्याण बोर्ड की तर्ज पर स्थायी अर्धसैनिक कल्याण बोर्डों के गठन के पक्ष में हैं। दस विधायकों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को लिखित समर्थन भी प्रदान किया है।
राज्य सरकार के आग्रह पर, राज्य अध्यक्ष ने अब एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल नामित किया है, जो धर्मशाला में मुख्यमंत्री से भेंट कर ज्ञापन प्रस्तुत करेगा तथा समय रहते शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध करेगा। प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से यह भी निवेदन करेगा कि वे राज्य अध्यक्ष के साथ शीघ्र बैठक बुलाएँ तथा हिमाचल प्रदेश की एकमात्र मान्यता प्राप्त अर्धसैनिक संघ को आधिकारिक रूप से मान्यता प्रदान करें।
राज्य अध्यक्ष तथा मुख्य संरक्षक एम. एल. ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एन. एल. नेहरू के मार्गदर्शन में, राज्य समिति के सभी सदस्य तथा प्रदेश के सभी जिला अध्यक्ष—हमारे सत्तर और अस्सी वर्ष के वरिष्ठ पूर्व कर्मियों, युद्ध विधवाओं, शहीद परिवारों और उनके बच्चों के कल्याण के लिए निरंतर कार्यरत हैं।
हम अपने सभी अर्धसैनिक बलों से अपील करते हैं कि वे बड़ी संख्या में एकत्रित हों और अपने उद्देश्य के लिए एकजुटता दिखाएँ।
धारा 118 को कमजोर करके “हिमाचल ऑन सेल” के मिशन पर चली है सरकार : जयराम ठाकुर
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
धर्मशाला । विधानसभा सत्र के दौरान मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पहले दिन से ही “हिमाचल ऑन सेल” की योजना चलाई हुई है। मुख्यमंत्री कई बार सार्वजनिक बयानों में इस बात का जिक्र भी कर चुके हैं और उनके फैसलों में भी हिमाचल के हितों की बेचने की बात बार-बार सामने आई है।
विधानसभा में धारा 118 को लेकर जो संशोधन लाया गया है वह हिमाचल प्रदेश के हितों को बेचने की एक साजिश है। हम पहले दिन से कह रहे हैं सरकार की मित्र मंडली में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो देश भर में घूम-घूम कर धारा 118 में छूट दिलवाने का ठेका लेते फिर रहे हैं। मीडिया के माध्यम से भी ऐसी कई बार बातें सामने आई हैं। जो धारा 118 में छूट दिलाने के नाम पर पैसे इकट्ठे करते देखे गए। अब सरकार ऐसा सिस्टम बनाने में लगी है जो लोगों को हिमाचल में जमीन ने खरीदने का रास्ता निकाल सके। सरकार हर तरीके से हिमाचल प्रदेश के हितों को बेचने पर अमादा है। लेकिन जो लोग पिछली सरकार में 118 को छूने पर हाथ जल जाने और हाथ कट जाने की धमकी दे रहे हैं, वह नेता कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं इन्होंने सत्ता में आते ही प्रदेश में सुविधाओं को छीनने और संसाधनों को बेचने में ही रुचि दिखा रहे हैं और लगातार उसी काम में लगे हुए हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि 5 लाख सरकारी नौकरी और ठूंजा साल वाली पक्की नौकरी की गारंटी देकर जो सत्ता में आए थे वह 3 साल का कार्यकाल बीत जाने के बाद भी इस बात का हिसाब नहीं दे पा रहे हैं कि उन्होंने अब तक कितनी नौकरियां दी हैं। विधानसभा में 2 साल से विपक्ष लगातार यह पूछ रहा है कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार ने प्रदेश के युवाओं को कितनी नौकरियां दी हैं? कितनी परीक्षाएं कराई हैं? किस विभाग में कितनी नौकरियां दी हैं? सरकार हर बार विधानसभा को गुमराह करते हुए एक ही जवाब देती है की सूचना अभी भी एकत्र की जा रही है। यह सरकार ने एक भी नौकरी नहीं दी है तो किस मुंह से नौकरियों की जानकारी देगी। सरकार हर मोर्चे पर फेल है और झूठ बोलकर मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचा रहे हैं लेकिन इनका झूठ ज्यादा दिन तक चलने वाला नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी के आक्रोश रैली को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमारे पास जोरावर स्टेडियम में रैली करने की परमिशन है और हम वहीं रैली करेंगे सरकार ने अगर उसमें किसी भी प्रकार से बाधा पहुंचाने की कोशिश की तो हम विधानसभा के अंदर भी रैली करेंगे। सरकार की नाकामी से प्रदेश का हर वर्ग निराश है, हताशा से सड़कों पर है। पूरा प्रदेश सरकार की नाकामी के खिलाफ हमारा समर्थन कर रहा है। जो जहां है, जैसे है सभी प्रदेशवासियों का समर्थन भारतीय जनता पार्टी की इस रैली के साथ है। 5 साल तक हमने भी सरकार चलाई विपक्ष में कांग्रेस ने जब भी, जहां भी, जैसे भी किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन की परमिशन मांगी हमने बिना किसी व्यवधान के उन्हें दी है। हमने मुख्यमंत्री को बता दिया है कि हमारी रैली में बाधा डालने का प्रयास उचित नहीं होगा। इसलिए सरकार हमारे लोकतांत्रिक अधिकार को प्रभावित कोशिश करने की न करे तो बेहतर रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जॉब ट्रेनी योजना प्रदेश के युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा है इसलिए सरकार उसे जस्टिफाई करने की बजाय उसे वापस ले।
छात्रों के प्रदर्शन पर बल प्रयोग शर्मनाक, लोकतंत्र में नहीं सुक्खू सरकार का विश्वास
मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि छात्र अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन करना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है और सरकार को उनकी बातें सुननी चाहिए। लेकिन छात्रों पर इस प्रकार से बल प्रयोग लोकतंत्र के खिलाफ है। सरकार को तानाशाही से बाज जाना चाहिए और हर प्रदेशवासी के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। शांतिपूर्ण और मांगों को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन पर बल प्रयोग लोकतंत्र नहीं तानाशाही है। इतिहास ने देखा है हर तानाशाही का अंजाम बुरा हुआ है। अगर सरकार छात्रों के लोकतांत्रिक हकों को कुचलने का प्रयास करेगी तो उसका अंजाम भी भुगतेगी।
शिमला में दिव्यांग जनों के साथ बल प्रयोग अमानवीय
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विश्व दिव्यांग दिवस के दिन दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार को अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए लेकिन सरकार द्वारा आज दिव्यांग जनों द्वारा निकाली गई रैली पर बल प्रयोग किया गया। पहले भी उनके प्रदर्शनों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग के मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री को उनकी बातों को कम से कम गंभीरता पूर्वक सुनना चाहिए।
भाजपा की रैली को ज्यादा से ज्यादा जन सहयोग देने की अपील
जयराम ठाकुर ने सभी प्रदेशवासियों से भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित जन आक्रोश रैली में भरपूर समर्थन देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी से प्रदेश का एक-एक व्यक्ति त्रस्त है। सुक्खू सरकार के 3 साल का कार्यकाल अराजकता, अपराध और माफिया राज को संरक्षण देने भ्रष्टाचार को समर्थन देने और मित्र मंडली को लाभ देने में ही लगा रहा। सरकार की एक भी चुनावी गारंटी नहीं पूरी हुई है और चुनावी घोषणा पत्र तो सरकार ने पलट कर भी नहीं देखा है। ऐसे में इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है भारतीय जनता पार्टी कि इस रैली से सरकार को उखाड़ फेंकने के मिशन की शुरुआत होगी।
भानुपली-बिलासपुर-बेरी रेलवे लाइन पर अब तक ₹5,252 करोड़ का खर्च, राज्य का ₹1,843 करोड़ का हिस्सा बकाया: अनुराग सिंह ठाकुर
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । हिमाचल प्रदेश: पूर्व केंद्रीय मंत्री हमीरपुर लोकसभा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने लोकसभा में बिना तारांकित सवालों के ज़रिए हिमाचल प्रदेश को प्रभावित करने वाले कई अहम रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में राज्य सरकार के सहयोग न करने की वजह से हो रही लंबी देरी पर गंभीर चिंता जताई। लोकसभा में अपने लिखित जवाब में, रेल मंत्रालय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से समय पर सहयोग न करना और तय वादों को पूरा न करना प्रोजेक्ट के काम में रुकावट और तय समयसीमा को पर कार्य पूरा ना होने की वजह है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ हिमाचल में रेलवे सेवाओं के विस्तार व नई रेल परियोजनाओं को लाने के लिए मैं सदा प्रयासरत रहा हूँ। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की उदासीनता के चलते सामरिक महत्व की कई रेल परियोजनाओं की रफ्तार सुस्त पड़ी हुई है। हिमाचल में रेलवे को लेकर संसद में मेरे द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्रालय का कहना है कि भानुपली-बिलासपुर-बेरी नई लाइन – जिसे कॉस्ट-शेयरिंग के आधार पर मंज़ूरी दी गई थी, पर अब तक ₹5,252 करोड़ का खर्च हो चुका है, जबकि राज्य का ₹1,843 करोड़ का बकाया हिस्सा अभी भी बकाया है, जिससे बाकी का काम रुका हुआ है। मंत्रालय ने यह भी बताया है कि राज्य में प्रोजेक्ट्स के लिए ज़रूरी 124.02 हेक्टेयर में से अब तक सिर्फ़ 82 हेक्टेयर जमीन ही मिली है , जिसका मतलब है कि कंस्ट्रक्शन सिर्फ़ उसी ज़मीन पर हो सकता है जो पहले ही दी जा चुकी है। इसके अलावा, कुल 214 किमी(मंज़ूर लागत ₹17,622 करोड़) के तीन मंज़ूर नए लाइन प्रोजेक्ट्स बन रहे हैं, जिनमें से 64 किमी चालू हो चुके हैं और उनपर अब तक ₹8,280 करोड़ खर्च हो चुके हैं। सामरिक रूप से महत्वूर्ण प्रस्तावित बिलासपुर-मनाली-लेह स्ट्रेटेजिक लाइन, जिसके लिए सर्वे और DPR का काम पूरा हो चुका है, जिसकी अनुमानित लागत ₹1,31,000 करोड़ है और इसे मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफ़ेंस ने स्ट्रेटेजिक रूप से महत्वपूर्ण माना है।
अनुराग सिंह ने कहा रेलवे मंत्री ने अपने जवाब में इस बात पर ज़ोर दिया है कि केंद्र के पास इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का इरादा और फंडिंग है, लेकिन ज़मीन देने, तय फंड जारी करने और कानूनी मंज़ूरी में समय पर राज्य का अपेक्षित सहयोग मिलना आवश्यक है जोकि नहीं मिल पा रहा है। मंत्रालय के लिखित जवाब से यह साफ़ है कि राज्य के कमिटमेंट में लगातार कमी, जिसमें राज्य का योगदान न देना, ज़मीन अधिग्रहण में देरी और कानूनी/मंज़ूरी के मुद्दे जिनका समाधान नहीं हुआ है, प्रोजेक्ट की टाइमलाइन में बड़ी रुकावट डाल रहे हैं और लागत बढ़ने का खतरा बढ़ा रहे हैं। साथ ही, मंत्रालय ने दोहराया कि भारत सरकार प्रोजेक्ट्स को पूरा करने और उन्हें सपोर्ट करने के लिए तैयार है, बशर्ते राज्य से ज़रूरी सहयोग और योगदान मिले ।
अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्य का बकाया हिस्सा तुरंत जारी करने और बाकी ज़मीन के टुकड़े जल्दी सौंपने के साथ-साथ कानूनी मंज़ूरी के लिए एक तेज़ प्रोग्राम शुरू करने की अपील की है। उन्होंने केंद्र, राज्य और रेलवे के प्रतिनिधियों का एक जॉइंट मॉनिटरिंग सेल बनाने की मांग की है, जो ज़रूरी पड़ाव हासिल होने और प्रोजेक्ट की रफ़्तार वापस आने तक हर दो हफ़्ते में मिलेंगे।
अनुराग सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के विकास और भलाई पर सीधे असर डालने वाले मुद्दों को उठाने का अपना वादा दोहराया और राज्य सरकार से कहा कि वह आगे की देरी से बचने के लिए पेंडिंग मामलों को तुरंत सुलझाए।
मुख्यमंत्री ने धर्मशाला मैराथन-2025 की आधिकारिक जर्सी लॉंच की
नगर निगम धर्मशाला द्वारा ज़िला प्रशासन कांगड़ा के सहयोग से आयोजित इस मैराथन का उद्देश्य स्वस्थ एवं सक्रिय जीवनशैली को प्रोत्साहित करना तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को प्रेरित करना है।
पूर्व सांसद विप्लव ठाकुर, नगर निगम धर्मशाला की महापौर नीनू शर्मा, पूर्व महापौर देवेन्द्र जग्गी, उपायुक्त हेमराज बैरवा, नगर निगम के आयुक्त जफ़र इकबाल, पुलिस अधीक्षक अशोक रतन और नगर निगम के पार्षदगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने बाण गंगा घाट का किया लोकार्पण संध्याकालीन आरती में हुए शामिल
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कांगड़ा में नव-निर्मित बाण गंगा घाट का लोकार्पण किया और हरिद्वार की तर्ज पर मंत्रोच्चारण के बीच संध्याकालीन आरती की शुरुआत की। प्रतिदिन होने वाली आरती यहां आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी। 2.20 करोड़ रुपये की लागत से बने इस घाट के निर्माण में कैप्टन शैलेश रियालच फाउंडेशन का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। फाउंडेशन ने लगभग 1.5 करोड़ रुपये व्यय किए, जबकि जिला प्रशासन कांगड़ा ने लगभग 70 लाख रुपये प्रदान किए। कैप्टन शैलेश, नगरोटा बगवां के अम्बाड़ी क्षेत्र से संबंध रखते थे। वह लगभग 25 वर्ष पूर्व शहीद हुए थे और उनकी स्मृति में इस फाउंडेशन ने घाट के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।
घाट परिसर में 25 फीट ऊंचे त्रिशूल की स्थापना की जा रही है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए भव्य आरती स्थल, चेंजिंग रूम, शौचालय, आकर्षक मंच, सुंदर पार्क और बेहतर प्रकाश व्यवस्था विकसित की गई है। यहां संध्याकालीन आरती के साथ-साथ योगा सत्र और विभिन्न धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और कांगड़ा का बज्रेश्वरी मंदिर देशभर से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। श्रद्धालु घाट पर जाकर स्नान भी करते हैं, इसलिए उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह घाट विकसित किया गया है, जिससे उन्हें स्नान और पूजा-अर्चना के लिए एक सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित स्थान उपलब्ध हो सके।
इस अवसर पर आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, विधायक संजय अवस्थी, सुरेश कुमार तथा कमलेश ठाकुर, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा, हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष अजय वर्मा, हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज ठाकुर, एपीएमसी कांगड़ा के अध्यक्ष निशु मोंगरा, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक अशोक रतन सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

















