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बागवानी विभाग के तीन वरिष्ठ अधिकारी — डॉ. विजेंदर कुमार, डॉ. सुरिंदर सिंह राणा एवं डॉ. रामनाथ ठाकुर हुए सेवा निवृत ।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला ।  बागवानी विभाग के लिए यह क्षण गर्व और भावुकता से परिपूर्ण है, जब विभाग के तीन वरिष्ठ और समर्पित अधिकारी — डॉ. विजेंदर कुमार, डॉ. सुरिंदर सिंह राणा एवं डॉ. रामनाथ ठाकुर — एक साथ सेवा निवृत्त हो रहे हैं। इन तीनों अधिकारियों ने अपने सेवाकाल की शुरुआत वर्ष 1988–89 में उद्यान प्रसार अधिकारी के पद से की थी और तत्पश्चात अपने 37 वर्षों के उल्लेखनीय सेवाकाल में राज्य के विभिन्न जिलों और विभागीय क्षेत्रों में कार्य करते हुए हिमाचल प्रदेश में बागवानी विकास को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

 

 

डॉ. विजेंदर कुमार ने पौध संरक्षण के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया और वरिष्ठ पौध संरक्षण अधिकारी, शिमला के रूप में उन्होंने फील्ड से लेकर नीति स्तर तक किसानों की समस्याओं का समाधान करते हुए विभागीय योजनाओं को मजबूती दी। डॉ. सुरिंदर सिंह राणा ने जिला कांगड़ा में बतौर उपनिदेशक उद्यान अपने प्रशासनिक कौशल और तकनीकी ज्ञान से बागवानी गतिविधियों को नई दिशा दी। वहीं डॉ. रामनाथ ठाकुर ने कुल्लू जिला जैसे विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में कार्य करते हुए जलवायु अनुकूल तकनीकों को बढ़ावा देकर स्थानीय बागवानों को प्रेरित किया।

 

 

इन तीनों अधिकारियों की सेवा, समर्पण, कार्यनिष्ठा, तकनीकी दक्षता एवं नेतृत्व क्षमता ने विभागीय सहयोगियों, अधिकारियों और किसानों के बीच एक अमिट छाप छोड़ी है। इनकी कार्यशैली, अनुशासन और जनसेवा की भावना विभाग की भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी।

 

इनके सेवानिवृत्ति के अवसर पर डॉ. रंजन शर्मा (अध्यक्ष), डॉ. शमशेर सिंह डेरु (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), डॉ. समीर सिंह राणा (उपाध्यक्ष), डॉ. कुशाल सिंह मेहता (महासचिव), डॉ. अजय रघुवंशी (वित्त सचिव), डॉ. जीना बनयाल (सचिव), डॉ. राजेश भागटा (सचिव), डॉ. शैलजा राणा (सचिव) एवं डॉ. राहुल चौधरी (प्रेस सचिव) की ओर से इन सभी अधिकारियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ प्रेषित की जाती हैं।

 

हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि ये सभी अधिकारी अपने नए जीवन चरण में उत्तम स्वास्थ्य, सुख, सम्मान एवं पारिवारिक समृद्धि के साथ आनंदमय समय व्यतीत करें। आपका सेवा-काल बागवानी विभाग के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

 

एपीजी शिमला यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला ।  एपीजी शिमला यूनिवर्सिटी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह भर्तियां कार्डियोवैस्कुलर साइंस, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, गणित, फॉरेंसिक साइंस और अंग्रेज़ी विभागों में की जा रही हैं।

 

यूनिवर्सिटी ऐसे योग्य और उत्साही उम्मीदवार चैहिये जो शिक्षण में रुचि रखते हों और अकादमिक विकास में योगदान देना चाहते हों। यह भर्ती प्रक्रिया यूनिवर्सिटी की शिक्षा गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।

 

इच्छुक उम्मीदवार अपना बायोडाटा और संबंधित दस्तावेज hr@agu.edu.in पर भेज सकते हैं।

एसजेवीएन की अध्‍यक्षता में नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति, शिमला (कार्यालय-2) की छमाही बैठक का आयोजन

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमलाभारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार केन्‍द्रीय सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों एवं बैंकों में राजभाषा हिन्‍दी के प्रयोग को बढ़ाने के उद्देश्‍य से एसजेवीएन लिमिटेड की अध्‍यक्षता में नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति, शिमला (कार्यालय-2) की छमाही बैठक का आयोजन आज एसजेवीएन कारपोरेट मुख्‍यालय, शिमला में किया गया।  इस बैठक की अध्‍यक्षता एसजेवीएन के कार्यकारी निदेशक(मानव संसाधन),  चन्‍द्र शेखर यादव ने की ।  इस अवसर पर निगम के महाप्रबंधक(राजभाषा),  आशीष पंत सहित नराकास-2, शिमला के केन्द्रीय सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों एवं बैंकों के प्रमुख उपस्थित रहेI

 

 

बैठक को संबोधित करते हुए कार्यकारी निदेशक(मानव संसाधन), चन्‍द्र शेखर यादव ने राजकीय कार्यों में राजभाषा के अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया, अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा कि सभी सदस्‍य कार्यालय अपने-अपने कार्यालय में सराहनीय कार्य कर रहे हैं और आगे भी इसी गति को बनाए रखते हुए अधिकतम कामकाज हिंदी में संपन्‍न करने का हरसंभव प्रयास करेंगे।

 

बैठक में उपस्थित महाप्रबंधक (राजभाषा) तथा सदस्‍य-सचिव,  आशीष पंत ने नराकास सदस्‍य कार्यालयों द्वारा किए गए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा गत बैठक की अनुवर्ती कार्यवाही/कार्यक्रमों की संक्षिप्‍त जानकारी दी।

 

बैठक में केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग की समीक्षा की गई तथा भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने की दिशा में विचार-विमर्श किया गया, साथ ही समिति द्वारा विभिन्‍न हिंदी प्रतियोगिताओं तथा कार्यशालाओं का आयोजन किए जाने पर भी सहमति बनी। इस बैठक में विभिन्न केन्‍द्रीय सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों एवं बैंकों के 52 अधिकारियों ने भाग लिया।

मंत्रिमंडल के निर्णय में क्या विशेष रहा आप भी पढे

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में वर्तमान करूणामूलक रोजगार नीति के संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। संशोधित नीति के अनुसार प्रति परिवार वार्षिक आय पात्रता मापदंड को 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया गया है।

 

 

करूणामूलक आधार पर नियुक्ति के लिए अब 45 वर्ष से कम आयु की विधवाओं और अभिभावक विहीन आवेदकों के साथ-साथ अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन के दौरान जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त जिन मामलों में इस प्रकार की नियुक्ति के लिए मौजूदा पांच प्रतिशत कोटे के तहत रिक्तियां उपलब्ध नहीं है, उस स्थिति में मंत्रिमंडल ने पात्र आवेदकों को लाभान्वित करने के लिए इस कोटे में एकमुश्त छूट की अनुमति देने का निर्णय लिया है।

 

 

बैठक में सिस्टर निवेदिता राजकीय नर्सिंग कॉलेज शिमला में बीएससी नर्सिंग की सीटों की संख्या 60 से बढ़ाकर 100 करने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त कांगड़ा के डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में वार्षिक रूप से 60 सीटों की क्षमता वाले नए बीएससी नर्सिंग कॉलेज की स्थापना को मंजूरी दी गई। इसके सुचारू संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 27 पद सृजित कर पद भरने को भी मंजूरी दी गई।

 

मंत्रिमंडल ने दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में लैंगिक समानता प्रदान करने के लिए महिला कर्मियों को शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने का निर्णय लिया। ऐसे प्रतिष्ठानों में कार्यरत प्रत्येक महिला कर्मी को मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत मातृत्व लाभ प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया।

 

 

मंत्रिमंडल ने नालागढ़ में 300 एकड़ भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति के गठन को भी स्वीकृति प्रदान की। यह उप-समिति को दो माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

 

इसने हिमाचल प्रदेश लघु खनिज (रियायत) और खनिज (अवैध खनन, परिवहन और भंडारण निवारण) नियम, 2015 में संशोधन को भी मंजूरी प्रदान की। संशोधित प्रावधानों के अनुसार, सड़क काटने के कार्य में शामिल ठेकेदारों या एजेंसियों को अब जलाशय परियोजनाओं की गाद निकालने और रखरखाव के दौरान उत्पन्न सामग्री का उपयोग निजी उद्देश्यों के लिए करने की अनुमति होगी। इसके अतिरिक्त, किसी भी बचे हुए कच्चे माल या तैयार उत्पाद के साथ-साथ उत्पन्न संपूर्ण सामग्री की नीलामी निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार नामित समिति द्वारा की जाएगी।

 

बैठक में शिमला-धर्मशाला-शिमला हवाई मार्ग पर उड़ान संचालन के लिए राज्य सरकार और अलाईन्स एयर एविएशन लिमिटेड के मध्यम समझौता ज्ञापन को 1 जुलाई, 2025 से 30 जून, 2026 तक के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में हिम ऊर्जा के तहत पांच मेगावाट से कम क्षमता वाली 172 लघु जल विद्युत परियोजनाओं को रद्द करने को मंजूरी दी, जिनका काम लंबे समय से रूका हुआ था। ये परियोजनाएं अब पुनः विज्ञापित की जाएंगी। इसके साथ ही भविष्य में जो भी पांच मेगावाट तक की परियोजनाएं दी जाएंगी, उन पर 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रॉयल्टी और एक प्रतिशत स्थानीय क्षेत्र विकास कोष के लिए देना अनिवार्य होगा।

 

 

मंत्रिमंडल ने पांच मेगावाट से अधिक क्षमता वाली उन 22 जलविद्युत परियोजनाओं को रद्द करने की मंजूरी दी, जिनके साथ अब तक कोई भी समझौता नहीं हुआ है और जिन्हें पहले ऊर्जा विभाग ने आवंटित किया था। बाकी बची परियोजनाओं को अपने नोटिस का जवाब देने के लिए 5 अगस्त, 2025 तक का समय दिया गया है।

 

बैठक में 14 परियोजना डवैल्पर्ज के साथ बिना ब्याज अग्रिम प्रीमियम की मूल राशि पर अदालत से बाहर समझौता करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भूमि अधिग्रहण कार्यवाही के लिए ‘भूमि अधिग्रहण’ पुनर्वास और पुनर्स्थापना में उचित मुआवजा और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा-26 के तहत समयसीमा को एक वर्ष के लिए यानी 16 अगस्त, 2026 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।

 

 

मंत्रिमंडल ने जिला सिरमौर के धौलाकुआं माजरा योजना क्षेत्र के लिए विकास योजना को स्वीकृति प्रदान की। यह योजना प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण सौंदर्य को संरक्षित करते हुए क्षेत्र में सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
बैठक में कांगड़ा जिला में पटवार सर्कल नलेटी के पुनर्गठन को मंजूरी दी गई जिसके तहत देहरा तहसील के महाल-मसोटा और बलाहर क्षेत्र को हटाकर प्रागपुर तहसील के अंतर्गत पटवार सर्कल गढ़ में शामिल कर दिया गया है।

 

बैठक के दौरान हिमाचल प्रदेश में नशे की स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई, जिसमें आबकारी एवं कराधार विभाग द्वारा इस गंभीर चुनौति से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों और पहलों के बारे में बताया गया।

एचआरटीसी के संचालन को आधुनिक बनाने के लिए चार डिज़िटल प्रणालियों का किया शुभारंभ

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) और बस अड्डा प्रबंधन प्राधिकरण की निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य परिवहन सेवाओं को लोगों के लिए सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ इन सेवाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए निगम की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और लाभकारी दिशा में ले जाना है।

 

 

इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री ने निगम के कार्यों को और अधिक डिज़िटल और प्रभावी बनाने के लिए चार नए आईटी सॉफ्टवेयर का शुभारंभ भी किया। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा रियायती पास के लिए ऑनलाइन प्रणाली विकसित की गई है। अब विद्यार्थी, प्रदेश सरकार के कर्मचारी और व्यापारी वर्ग ऑनलाइन पास के लिए आवदेन कर सकेंगे और पास बनाने के लिए देय राशि भी ऑनलाइन जमा करवाई जा सकेगी। निगम द्वारा पेपरलैस आरएफआईडी आधारित पास कार्ड जारी किए जाएंगे।

 

इसके अलावा एक नई डिज़िटल निरीक्षण प्रणाली भी शुरू की गई है जिससे अब सभी बसों की जानकारी एसएमएस के माध्यम से भेजी जा सकेगी। इसके अलावा शिमला की 82 बसों में जीपीएस आधारित बस टैªकिंग प्रणाली शुरू की गई जिसे चरणबद्ध तरीके से सभी बसों में लागू किया जाएगा, साथ ही एचआरटीसी हिम एक्सेस नामक एक नया प्लेटफॉर्म भी शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से निगम के नौ हजार से अधिक कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत जानकारी और वेतन संबंधी विवरण ऑनलाइन देख सकेंगे।

 

े अग्निहोत्री ने बताया कि राज्यभर के विभिन्न बस अड्डों की मुरम्मत और रख-रखाव के लिए सात करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। सभी बस अड्डों पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। बिलासपुर के ‘मंडी-भराड़ी’ में एक आधुनिक बस अड्डे की स्थापना की जाएगी, ताकि यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य में इलैक्ट्रिक बसों के आगमन से पूर्व आवश्यक बुनियादी ढांचे की व्यवस्था सुनिश्चित करने के दृष्टिगत बस अड्डों एवं कार्यशालाओं में ई-चार्ज़िंग स्टेशन जल्द से जल्द स्थापित किए जाएंगे।

 

निदेशक मंडल ने ‘हिम बस प्लस’ नामक एक नई योजना शुरू करने को मंजूरी दी। यह योजना पहचान प्रबंधन और कैशलेस भुगतान दोनों को एकीकृत करेगी। इस योजना के अन्तर्गत कार्ड धारकों को सभी एचआरटीसी बसों (वॉल्वो सहित) किराए में पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके अलावा इस कार्ड से हर महीने यात्रा के आधार पर यात्रियों को लॉयल्टी प्रोग्राम के अन्तर्गत कैशबैक भी दिया जाएगा।

 

अग्निहोत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र से मिल रही प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए सुपर लग्जरी बसों के हिमाचल क्षेत्र के किराये पर 15 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया गया है। ‘हिम बस प्लस’ कार्ड से यात्रा करने पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त छूट मिलने के साथ यात्रियों को कुल 20 प्रतिशत तक की छूट का लाभ मिलेगा।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने और निगम की आय में वृद्धि के उद्देश्य से शिमला के आसपास के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों के लिए टूरिस्ट-डे सर्किट शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

 

 

साथ ही गैर परिचालन राजस्व बढ़ाने के दृष्टिगत टिकटों, वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर विज्ञापन नीति लागू करने और निगम के खुद के पेट्रोल पम्पों में आम जनता के र्लिए इंधन बिक्री के लिए दो-तीन स्थानों पर पायलेट आधार पर रिटेल फ्यूल आउटलेट, शुरू करने की योजनाओं को भी मंजूरी दी गई। इसके अलावा उप-मुख्यमंत्री ने यात्रियों की सुविधा और खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एचआरटीसी मार्गों पर ढाबा/रेस्तरां की सूचीबद्धता एवं आबंटन के लिए एक समग्र्र ‘ढाबा नीति लागू’ करने के भी निर्देश दिए।

 

अग्निहोत्री ने कहा कि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए निगम के कर्मचारियों की वर्दी का रंग ‘ग्रे’ से बदल कर खाकी किया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण फिलहाल कर्मचारियों को एक वर्दी के बदले नकद राशि दी जाएगी। उन्होंने वर्दी खरीद प्रक्रिया को एक माह में पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा बसों की जांच के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर ऑटोमेटिड टेस्टिंग स्टेशन स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया है जिससे निगम को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।

 

  1. अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन आर.डी. नजीम, उपाध्यक्ष एचआरटीसी अजय वर्मा, निदेशक परिवहन डी.सी. नेगी, विशेष सचिव (वित्त) विजयवर्धन, विशेष सचिव पर्यटन विजय कुमार, संयुक्त सचिव (पीडब्ल्यूडी) सुरजीत राठौर, प्रबंध निदेशक एचआरटीसी डॉ. निपुण जिंदल, निदेशक मंडल के सभी गैर सरकारी सदस्य तथा एचआरटीसी एवं बीएसएमडीए के वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।

सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्धः मुख्यमंत्री

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । सेब उत्पादक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भेंट कर उन्हें संघ की विभिन्न मांगों और समस्याओं से अवगत करवाया।

 

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों, बागवानों और सेब उत्पादकों के साथ है और उनकी सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही सेब उत्पादकों को राहत दिलाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुकी है।

 

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बाद सेब उत्पादकों के एक भी पेड़ को काटने नहीं दिया जाएगा। करसोग तथा कुल्लू घाटी में न्यायालय के आदेश के उपरांत हुई कथित पेड़ कटान की जांच के लिए वन विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर वे केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री के समक्ष भी प्रदेश का पक्ष रखेंगे। प्रदेश सरकार संबंधित मामलों पर चर्चा कर एक नीति बनाएगी, ताकि सेब उत्पादकों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित हो सके।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से भूमिहीन हो चुके आपदा प्रभावित परिवारों को एक से पांच बीघा भूमि आबंटित करने की अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि राज्य का 68 प्रतिशत भाग वन क्षेत्र में आता है इसलिए पुनर्वास के लिए वन मानकों में ढील देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रदेश के सभी भाजपा सांसदों से भी केंद्र सरकार के समक्ष इस मामले को प्रभावी ढंग से रखने का आग्रह किया गया है।

 

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने भी सेब उत्पादकों को सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं इस मुद्दे को लेकर संवेदनशील हैं और हर संभव सहयोग प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पौंग बांध विस्थापितों की तर्ज पर इन प्रभावितों को भी वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत राहत प्रदान करने पर विचार किया जा सकता है।
पूर्व महापौर संजय चौहान और सीपीएम नेता डॉ. कुलदीप सिंह तंवर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के निर्णय

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में 31 दिसंबर 2024 तक 12 वर्ष या उससे अधिक की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके 1,386 पात्र जल रक्षकों (वाटर गार्ड्स) को जल शक्ति विभाग में पंप अटेंडेंट के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।

 

 

प्रदेश मंत्रिमंडल ने वर्ष 2025 के लिए मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के अंतर्गत 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सेब की खरीद को मंजूरी प्रदान की है। इसके अतिरिक्त योजना के अंतर्गत बी और सी ग्रेड के किन्नू, माल्टा और संतरे को 12 रुपये प्रति किलोग्राम, गलगल 10 रुपये प्रति किलोग्राम और सीडलिंग, कलमी और कच्चा अचारी आम 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने का भी निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमंडल ने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास संबंधी मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों को भी मंजूरी प्रदान की।

 

 

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में उप-समिति का गठन राज्य की आपदा तैयारी और पुनर्वास तंत्र को सुदृढ़ बनाने के उपायों की जांच और सुझाव देने के लिए किया गया था। उप-समिति ने राज्य भर में भवनों के संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट करवाने की सिफारिश की है ताकि उनकी आपदा सहनशीलता का आकलन किया जा सके। ऑडिट के आधार पर, आपदाओं के दृष्टिगत संरचनात्मक क्षति के जोखिम को कम करने के लिए रेट्रोफिटिंग उपाय किए जाएंगे। आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी अधोसंरचना के महत्व पर बल देते हुए, समिति ने प्रदेश में भूकंप-रोधी निर्माण कार्यों को अनिवार्य बनाने की सिफारिश की है। आपदा प्रतिक्रिया की दक्षता बढ़ाने के लिए, उप-समिति ने होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन सेवाओं और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) के आपदा प्रबंधन सेल के साथ एकीकृत करने का भी सुझाव दिया है, जिसका उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों के दौरान समन्वित और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।

 

मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला के देहरा स्थित बनखंडी में दुर्गेश-अरण्य प्राणी उद्यान के विकास के प्रथम चरण के अंतर्गत 325 वृक्षों के स्थानांतरण (ट्रांसलोकेशन) को भी मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला के देहरा में एक नया क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) खोलने और इसके सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया।

 

बैठक में प्रदेश के जिला अस्पतालों और चयनित आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में कीमोथेरेपी के लिए 18 डे केयर सेंटरों को उपकरणों से लैस और स्तरोन्नयन करने की मंजूरी प्रदान की गई। इस पहल का उद्देश्य कैंसर रोगियों को उनके जिला में ही सुलभ उपचार प्रदान करना है, जिससे उन्हें उपचार के लिए चिकित्सा महाविद्यालयों या राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी, इससे मरीजों और उनके परिवारों के समय और धन दोनों की बचत होगी।

 

 

मंत्रिमंडल ने कुल्लू जिला के नागरिक अस्पताल तेगुबेहड़ में 50 बिस्तरों की क्षमता केे क्रिटिकल केयर ब्लॉक और एक जिला एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला की स्थापना कर महत्त्वपूर्ण मशीनों से लैस करने को भी मंजूरी दी। इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने सिविल अस्पताल मनाली, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन, सिविल अस्पताल पांवटा, सिविल अस्पताल देहरा, क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ और डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर में क्रिटिकल केयर ब्लॉकों के लिए चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति को मंजूरी दी। क्षेत्रीय अस्पताल सोलन, सिविल अस्पताल पांवटा, सिविल अस्पताल देहरा और सिविल अस्पताल नगरोटा बगवां में जिला एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं के लिए उपकरण आपूर्ति को भी मंजूरी दी गई।

 

इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने नाहन, नालागढ़, मौहल और रोहड़ू में नए दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के साथ-साथ हमीरपुर जिले के जलाड़ी में एक नया मिल्क चिलिंग सेंटर और ऊना जिले के झलेरा में एक बल्क मिल्क कूलर स्थापित करने को भी मंजूरी दी। दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, हिमाचल प्रदेश दुग्ध संघ में उद्यम संसाधन नियोजन (ईआरपी) सॉफ्टवेयर प्रणाली लागू करने का भी निर्णय लिया गया। इससे संघ के संचालन का डिजिटलीकरण होगा और किसानों को मोबाइल फोन के माध्यम से सभी आवश्यक जानकारियां आसानी से उपलब्ध होगी।

 

इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभिन्न शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों के युक्तिकरण को भी मंजूरी दी।

सामुदायिक सहभागिता और मूल्य आधारित शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, शूलिनी विश्वविद्यालय सोलन

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 
सोलन । सामुदायिक सहभागिता और मूल्य आधारित शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, शूलिनी विश्वविद्यालय ने सोलन के दमकरी गाँव में सेंट ल्यूक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित एक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम में योगदान दिया।
केंद्र की निदेशक सिस्टर मलाया के मार्गदर्शन में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण बच्चों में नेतृत्व के गुण विकसित करना और उन्हें भविष्य के ज़िम्मेदार और सक्रिय नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित करना था।
डॉ. पूजा वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर प्रबंधन और सहायक निदेशक, शूलिनी ऑनलाइन एवं दूरस्थ शिक्षा, शूलिनी विश्वविद्यालय, इस प्रेरक पहल की  मुख्या वक्ता थी । शिक्षा और नेतृत्व प्रशिक्षण में अपने व्यापक अनुभव के साथ, डॉ. वर्मा ने एक संवादात्मक और आकर्षक सत्र का नेतृत्व किया जिसमें समूह चर्चा, अनुभवात्मक शिक्षा और रचनात्मक गतिविधियाँ शामिल थीं। इन माध्यमों के माध्यम से, उन्होंने प्रभावी नेतृत्व के आवश्यक गुणों – ईमानदारी, ज़िम्मेदारी, निष्पक्षता और सामूहिक निर्णय लेने  के महत्व पर प्रकाश डाला।
गाँव के 70 से अधिक बच्चों को संबोधित करते हुए, डॉ. वर्मा ने युवा प्रतिभागियों को चुनौतियों से ऊपर उठने, गंभीरता से सोचने और अपने समुदायों के भीतर समस्याओं को हल करने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम को विजिलेंट कमेटी विलेज दमकरी का भी समर्थन मिला, जिसके सदस्यों ने कार्यक्रम के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सिस्टर मलाया ने डॉ. पूजा वर्मा और शूलिनी विश्वविद्यालय को उनके योगदान के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया और भविष्य में इसी तरह के विकासात्मक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

गैर-कानूनी कीटनाशक विक्रय पर सख्ती – उपनिदेशक उधान विभाग डॉ. सुदर्शना नेगी द्वारा छापेमारी

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला।उपनिदेशक, उधान विभाग, जिला शिमला, डॉ. सुदर्शना नेगी द्वारा  कोटखाई एवं जुब्बल क्षेत्र में सेब की कीटनाशक दवाइयों की दुकानों पर औचक निरीक्षण एवं छापेमारी की गई।

इस दौरान संदेहास्पद कीटनाशक दवाइयों के गुणवत्ता परीक्षण हेतु नमूने लिए गए, जिन्हें पेस्टिसाइड्स टेस्टिंग लैब भेजा जाएगा। डॉ. नेगी ने स्पष्ट किया कि यदि कोई सैंपल परीक्षण में असफल पाया गया, तो संबंधित कंपनी के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 

दवा विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि वे केवल बागवानी विभाग के स्प्रे शेड्यूल में अनुमोदित तथा केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड (CIBRC) द्वारा पंजीकृत कीटनाशकों की ही विक्री करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि लेबल क्लेम में जिस फसल का उल्लेख है, उन्हीं फसलों के लिए उपयोग की अनुमति हो।

 

निर्देशों की अवहेलना करने की स्थिति में विक्रेता का लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है।

 

निरीक्षण के दौरान पटसारी स्थित तांटा ब्रदर्स नर्सरी का भी निरीक्षण किया गया। उपनिदेशक डॉ. नेगी ने जिला शिमला के सभी अधिकारीगणों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में पंजीकृत कीटनाशक विक्रेताओं एवं नर्सरी उत्पादकों का नियमित निरीक्षण करें ताकि बागवानों को गुणवत्तायुक्त दवाइयाँ और फल पौध उपलब्ध हो सकें।

 

डॉ. नेगी ने कहा कि गुणवत्ता की गारंटी ही बागवानी को किसानों के लिए स्थायी आमदनी का माध्यम बना सकती है।

इस छापेमारी अभियान के दौरान जिला पौध संरक्षण अधिकारी डॉ. कुशाल सिंह मेहता, विषय विशेषज्ञ (उधान) कोटखाई डॉ. सुनील दत्त शर्मा, उधान विकास अधिकारी जुब्बल-कोटखाई डॉ. नवीन चलेन तथा उधान प्रसार अधिकारी डॉ. यशपाल पनाटू भी उपस्थित रहे।

छात्रों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाएं कॉलेज प्रशासन : एनएसयूआई

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आदर्श हिमाचल ब्रयूरों

शिमला । भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) मंडी इकाई द्वारा आज वल्लभ महाविद्यालय मंडी में एक संगठनात्मक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में NSUI जिला अध्यक्ष अनित जसवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में संगठनात्मक मजबूती, छात्रों की भागीदारी और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर चर्चा की गई।

 

बैठक के उपरांत NSUI प्रतिनिधिमंडल ने महाविद्यालय प्रशासन को एक मांग पत्र सौंपा जिसमें महाविद्यालय में व्याप्त विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग की गई। ज्ञापन में निम्नलिखित मुख्य समस्याएं उठाई गईं । जिनमें शौचालयों की स्थिति में सुधार, विशेषकर छात्राओं के लिए बेड डिस्पोज़ेबल मशीन की व्यवस्था , कॉलेज कैंपस में कूड़ेदानों की समुचित उपलब्धता , विभिन्न विभागों में बिजली की अनियमित आपूर्ति जिससे कक्षाएं प्रभावित हो रही हैं , छात्रों के लिए पार्किंग सुविधा , गर्ल्स कॉमन रूम की उचित व्यवस्था , पेयजल टंकियों की सफाई और ढक्कन लगाना , छात्रावासों में भोजन की गुणवत्ता में सुधार करने की मांग प्रमुख है ।

 

इस अवसर पर NSUI जिला अध्यक्ष अनित जसवाल ने महाविद्यालय परिसर और शौचालयों का औचक निरीक्षण भी किया और मौके पर व्याप्त अव्यवस्थाओं पर गहरी नाराजगी जताई।

 

अनित जसवाल ने कहा कि “छात्रों को बुनियादी सुविधाएं देना महाविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी है। शौचालयों की दुर्दशा, बिजली की अनियमित आपूर्ति और साफ-सफाई की कमी से विद्यार्थियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। NSUI छात्र हितों की लड़ाई हर स्तर पर मजबूती से लड़ता रहा है और यदि जल्द समाधान नहीं किया गया तो आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे।

 

उन्होंने कॉलेज प्रशासन से सभी समस्याओं का तत्काल समाधान करने की मांग की और आशा जताई कि प्रशासन छात्रहित में सकारात्मक और त्वरित कार्रवाई करेगा।

 

NSUI मंडी ने स्पष्ट किया कि संगठन भविष्य में भी इसी तरह छात्रों की आवाज़ बनकर कार्य करता रहेगा। इस अवसर पर नामित , कर्ण सिंह , शिवम , अभिषेक , विवेक व अन्य एनएसयूआई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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