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शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाते हुए, GeniusMentor, देश का अग्रणी ए.आई.-संचालित शिक्षा मंच, ने ए.पी.जी. शिमला विश्वविद्यालय के साथ समझौता पत्र (MoU) पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर किए हैं।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाते हुए, GeniusMentor, देश का अग्रणी ए.आई.-संचालित व्यक्तिगत शिक्षा मंच, ने ए.पी.जी. शिमला विश्वविद्यालय के साथ समझौता पत्र (MoU) पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य शिक्षा के भविष्य को फिर से आकार देना है, जिसमें उन्नत ए.आई. प्रौद्योगिकी और विश्वविद्यालय की शैक्षिक उत्कृष्टता का संगम होगा। इस सहयोग का नेतृत्व मृदु अंदोत्रा, GeniusMentor की सीईओ और प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र चौहान, ए.पी.जी. शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति करेंगे, और इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को एक वास्तविक व्यक्तिगत और प्रौद्योगिकी-आधारित शिक्षण अनुभव प्रदान करना है।

 

 

समझौता पत्र पर हस्ताक्षर रजिस्ट्रार आर.एल. शर्मा ने किए, और इस अवसर पर एकेडमिक्स के डीन प्रोफेसर डॉ. आनंद मोहन, स्टूडेंट वेलफेयर की डीन डॉ. नीलमा शर्मा, और पत्रकारिता विद्यालय के प्रमुख डॉ. अश्वनी शर्मा भी उपस्थित थे। इस साझेदारी के तहत, GeniusMentor के ए.आई.-संचालित ट्यूटरिंग प्लेटफॉर्म को विश्वविद्यालय के शैक्षिक ढांचे में पूरी तरह से एकीकृत किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को व्यक्तिगत शिक्षण मार्ग, 24/7 ए.आई.-आधारित शैक्षिक सहायता और विस्तृत प्रदर्शन विश्लेषण प्रदान करना है, जिससे छात्रों के शैक्षिक परिणामों में सुधार होगा।

 

इस साझेदारी में GeniusMentor अपने ए.आई.-संचालित ट्यूटरिंग प्लेटफॉर्म को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में समाहित करेगा, जो छात्रों को व्यक्तिगत अध्ययन मार्ग, 24/7 शैक्षिक सहायता (ए.आई. ट्यूटर अवतार के माध्यम से) और डेटा-आधारित मूल्यांकन प्रदान करेगा, ताकि छात्रों की प्रगति पर सही तरीके से निगरानी रखी जा सके। इसके अतिरिक्त, शिक्षकों को उन्नत डैशबोर्ड का लाभ मिलेगा, जो उन्हें छात्रों की व्यक्तिगत प्रगति पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे शैक्षिक अंतराल को पाटने और शिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने में सक्षम होंगे। यह साझेदारी छात्रों के परिणामों में सुधार करने के साथ-साथ शिक्षा को अधिक सुलभ, समावेशी और आकर्षक बनाने का वादा करती है।

ऑकलैंड हाउस गर्ल्स स्कूल में आरबीआई द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला । रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के फाइनेंशियल विज़र्ड क्लब द्वारा ऑकलैंड हाउस गर्ल्स स्कूल, शिमला में एक समग्र वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को बुनियादी वित्तीय समझ से सशक्त बनाना था, जिसमें जरूरत और चाहत का अंतर, बचत और निवेश, चक्रवृद्धि ब्याज, मुद्रास्फीति, बीमा, पेंशन योजना, और डिजिटल धोखाधड़ी से सुरक्षा जैसे विषयों पर मार्गदर्शन दिया गया।

 

“कंपाउंड इंटरेस्ट सेव्स द डे” शीर्षक से प्रस्तुत नाट्य दृश्य में जल्दी बचत करने की महत्ता को रचनात्मक रूप से दर्शाया गया, जबकि एक अन्य प्रस्तुति ने ऑनलाइन गेमिंग धोखाधड़ी के खतरे पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही एक क्विज़ प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें निवेश के मुख्य स्तंभ—सुरक्षा, वृद्धि और तरलता—के साथ-साथ विविधीकरण और विभिन्न प्रकार के बैंक खातों (जिनमें नाबालिगों के लिए भी खाता खोलने की जानकारी शामिल थी) पर छात्राओं की समझ परखा गया।

 

सत्र का समापन आरबीआई में करियर के अवसरों, उसकी परीक्षाओं की संरचना और कार्यप्रणाली से जुड़ी जानकारी के साथ हुआ।

इस सत्र का नेतृत्व  पितांबर अग्रवाल (उप महाप्रबंधक एवं विभाग प्रमुख) ने किया। उनके साथ  आशीष शर्मा (सहायक महाप्रबंधक),  राहुल जोशी (प्रबंधक),  बिक्रम बंगड़ (सहायक प्रबंधक), तथा कुमारी मीनाक्षी बडरा (सहायक) भी उपस्थित रहे।

 

विद्यालय की प्रधानाचार्या  समारकी समंथरॉय ने आरबीआई टीम का हार्दिक आभार प्रकट करते हुए छात्राओं से आग्रह किया कि वे इस ज्ञान को व्यवहार में अपनाएँ और अपने परिवारों को भी वित्तीय रूप से जागरूक बनाएं।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भेजे जाएंगे 10 करोड़ से अधिक राशि के दो प्रस्ताव

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 
शिमला ।  आपदा प्रबंधन प्राधिकरण शिमला द्वारा 10.39 करोड़ से अधिक राशि के दो प्रस्ताव राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को स्वीकृति हेतु भेजे जाएंगे।
यह फैसला उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में लिया गया।

 

पहले प्रस्ताव के तहत रोहड़ू क्षेत्र के अन्तर्गत पब्बर नदी और इसकी सहायक नालों की जियो टैगिंग की जाएगी। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तैयार प्रस्ताव के तहत 01 करोड़ 83 लाख 90 हजार 500 रुपए की लागत से पब्बर नदी के बाढ़ संभावित क्षेत्र की मैपिंग की जाएगी। इसके साथ ही जिओ टैगिंग भी की जाएगी। इस प्रस्ताव के तहत पब्बर के साथ लगने नालों में पानी की मौजूदा स्थिति, बाढ़ संभावित समय में पानी क्षमता, आदि के बारे में अध्ययन किया जाएगा ताकि आपदा के समय कम से कम प्रभाव आसपास के क्षेत्र में पड़े। इसके अलावा उक्त क्षेत्र में संतुलित इस्तेमाल को लेकर भी रणनीति बनाई जाएगी। बाढ़ प्रबंधन की दृष्टि से यह प्रस्ताव काफी लाभदायक रहेगा।

 

वहीं दूसरे प्रस्ताव के तहत कार्ट रोड़ से लेकर अन्नाडेल तक सड़क विस्तारीकरण 8 करोड़ 55 लाख 60 हजार 312 रुपए से किया जाएगा। इसमें प्रोटेक्शन वॉल, क्रॉस ड्रेनेज, रोड़ साइड ड्रेनेज, क्रैश बैरियर, मेटलिंग आदि कार्य प्रस्तावित है।

 

इस बैठक अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा सहित लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।

स्कूल सुरक्षा के लिए अनोखी पहल, AHS बॉयज़ और DOERS के बीच हुआ समझौता ज्ञापन

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला। विद्यालयों में आपदा प्रबंधन को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आकलैंड हाउस स्कूल फॉर बॉयज़ ने DOERS नामक प्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठन के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह शिमला का पहला स्कूल बन गया है जिसने औपचारिक रूप से आपदा तैयारी व आपातकालीन प्रशिक्षण के लिए किसी NGO के साथ साझेदारी की है।

 

 

विद्यालय के प्रिंसिपल रूबेन जॉन ने कहा, “शिक्षा हमारा मूल उद्देश्य है, लेकिन सुरक्षा उसकी नींव है। एक स्कूल का सबसे पहला दायित्व है कि वह अपने छात्रों, स्टाफ और सभी आगंतुकों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करे।

 

गत वर्ष, DOERS द्वारा विद्यालय में आयोजित आपदा प्रबंधन सत्र ने सभी को गहराई से प्रभावित किया। इसके परिणामस्वरूप, विद्यालय प्रशासन ने तय किया कि ऐसी गतिविधियां केवल औपचारिकता न होकर दीर्घकालिक और व्यावहारिक बनें। यह समझौता उसी सोच का विस्तार है, जिसके अंतर्गत अब छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्टाफ के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।

 

यह पहल न केवल स्कूल सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप सामुदायिक सुदृढ़ता की दिशा में भी एक ठोस कदम मानी जा रही है।

 

DOERS के बारे में: Development of Environment and Eco-Friendly Resilience Society (DOERS) हिमाचल प्रदेश आधारित एक प्रमुख NGO है, जो आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु सहनशीलता और आपातकालीन प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में काम करता है। यह संगठन स्कूलों, संस्थानों और समुदायों को प्रशिक्षित कर हजारों लोगों को जीवन रक्षक कौशल प्रदान कर चुका है।

वी के शर्मा, डी.आई.जी.पी. सेवानिवृत्त एवं सभी पूर्व अर्धसैनिक बल के जवानों की ओर से राष्ट्र के शहीदों को नमन

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हिमाचल प्रदेश के पूर्व अर्धसैनिक बल अध्यक्ष

वी के शर्मा, डी.आई.जी.पी. सेवानिवृत्त एवं सभी पूर्व अर्धसैनिक बल के जवानों की ओर से राष्ट्र के शहीदों को नमन- मनवीर कटोच हिमाचल प्रदेश एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता

कारगिल युद्ध (ऑपरेशन विजय): ऐतिहासिक जीत और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक चेतावनी- V K Sharma DIGP rtd ,साथ ही अर्धसैनिक बलों की अहम, लेकिन कम चर्चित भूमिका पर प्रकाश

भारत और पाकिस्तान के बीच 03 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक लड़ा गया कारगिल युद्ध भारत के इतिहास का एक साहस और बलिदान से भरा हुआ अध्याय है। 26 जुलाई को भारत ने दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर कर कारगिल की चोटियों पर अपना तिरंगा लहराया। यह दिन न केवल हमारी सशस्त्र सेनाओं के अदम्य साहस का प्रतीक है, बल्कि देश की एकता और संप्रभुता की रक्षा में किए गए सर्वोच्च बलिदानों को स्मरण करने का दिन भी है।

युद्ध का परिदृश्य और पृष्ठभूमि

कारगिल युद्ध 16,000 से 18,000 फीट की ऊँचाई पर लड़ा गया, जहाँ दुश्मन रणनीतिक ऊँचाइयों पर पहले से तैनात था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 1999 में ‘लाहौर बस यात्रा’ के माध्यम से शांति और विश्वास का संदेश दिया था, परंतु पाकिस्तान ने धोखे से हमारी पीठ में छुरा घोंपते हुए कारगिल की ऊँचाइयों पर कब्ज़ा कर लिया।

पहला बलिदान – कैप्टन सौरभ कालिया और उनकी गश्ती पार्टी

कैप्टन सौरभ कालिया और उनके पांच साथी दुश्मन की भारी घुसपैठ का सामना करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। उन्हें 22 दिन तक अमानवीय यातनाएं दी गईं, जो युद्ध संधियों का उल्लंघन था। वे कारगिल युद्ध के पहले बलिदानी हीरो बने।

कारगिल में सेना, वायुसेना और नौसेना की भूमिका

भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सफेद सागर चलाया, जबकि भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन तलवार के तहत पाकिस्तान की आपूर्ति लाइनों को पूरी तरह से काट दिया। इस समन्वित प्रयास ने पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर किया।

बलिदान और वीरता

ऑपरेशन विजय में 527 जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया और 1363 से अधिक घायल हुए। हिमाचल प्रदेश के 52 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिनमें पालमपुर के कैप्टन विक्रम बत्रा (परमवीर चक्र) और बिलासपुर के राइफलमैन संजय कुमार (सेवारत परमवीर चक्र विजेता) विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

अर्धसैनिक बलों की महत्वपूर्ण भूमिका:

1. बीएसएफ (Border Security Force):

बीएसएफ की आर्टिलरी रेजिमेंट और बटालियनों ने अत्यंत दुर्गम और ऊँचाई वाले इलाकों में तैनाती के साथ निर्णायक भूमिका निभाई:
• 1022 आर्टिलरी रेजिमेंट पहले से ही क्षेत्र में थी, जिसने पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाकर भारी क्षति पहुँचाई।
• 153 और 171 बटालियन को 14,000 फीट ऊँचाई पर फॉरवर्ड डिफेंस लाइन (FDL) स्थापित करने का कार्य सौंपा गया, जिसे वीरता से निभाया गया।
• बीएसएफ ने जोजिला दर्रे पर घुसपैठ की खुफिया जानकारी देकर सेना को रणनीतिक बढ़त दिलाई।
• घोर सर्दियों में भी चौकियाँ न छोड़ना, पाक घुसपैठ को रोकना और सेना के लिए खुफिया सहायता देना, बीएसएफ की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ रहीं।

बलिदानी अधिकारी:
• डिप्टी कमांडेंट सुखबीर यादव – 26 मई 1999 को वीरगति प्राप्त (उनकी पत्नी पूर्व सांसद सुधा यादव हैं, उनके नाम पर गुरुग्राम की एक सड़क का नाम रखा गया है)।
• डिप्टी कमांडेंट मो. राजा – 13 जुलाई 1999 को केवल 30 वर्ष की आयु में शहीद हुए।

2. आईटीबीपी (Indo-Tibetan Border Police):
• ITBP ने Kargil सेक्टर में लॉजिस्टिक, सुरक्षा, संचार और चिकित्सा सहायता जैसे क्षेत्रों में सहयोग दिया।
• अपने पर्वतीय युद्ध कौशल और ऊँचाई पर संचालन में दक्षता के चलते उन्होंने सुदृढ़ सुरक्षा परत का निर्माण किया।

3. एसएसबी (तत्कालीन Special Services Bureau):
• उस समय SSB कैबिनेट सचिवालय के अधीन कार्य कर रही थी।
• एसएसबी ने स्थानीय नागरिकों में से ITVs (Intensively Trained Volunteers) और WATs (Women Advanced Trained Volunteers) तैयार किए, जिन्होंने दुर्गम क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सूचना एकत्रित कर सेना तक पहुँचाई।
• एसएसबी के प्रशिक्षित स्थानीय मिलिशिया और गांवों की Village Defence Committees ने ज़मीनी स्तर पर खुफिया और मानव संसाधन सहायता देकर सुरक्षा तंत्र को मज़बूती दी।

यद्यपि सीआरपीएफ और सीआईएसएफ सीधे पहाड़ी युद्ध में शामिल नहीं थीं, फिर भी उन्होंने कारगिल संघर्ष के दौरान आंतरिक शांति बनाए रखने, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परिसंपत्तियों की सुरक्षा करने और भारतीय सेना को पूरी तरह से मोर्चे पर ध्यान केंद्रित करने में एक अपरिहार्य सहायक भूमिका निभाई
4) सीआरपीएफ की भूमिका
• जम्मू-कश्मीर में कानून और व्यवस्था बनाए रखी, ताकि आंतरिक शांति बनी रहे।
• सेना के काफिलों और महत्वपूर्ण ठिकानों की सुरक्षा सुनिश्चित की, जैसे कि गोला-बारूद डिपो और लॉजिस्टिक मार्ग।
• घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए, जिससे सेना पूरी तरह से कारगिल मोर्चे पर केंद्रित रह सकी।
5) सीआईएसएफ की भूमिका
• रणनीतिक राष्ट्रीय परिसंपत्तियों जैसे ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों, तेल रिफाइनरियों और विद्युत संयंत्रों की सुरक्षा की।
• हवाई अड्डों और सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) की सुरक्षा सुनिश्चित की, जिनका युद्ध प्रयासों में योगदान था।
• साजिशों और तोड़फोड़ को रोकने के लिए संवेदनशील औद्योगिक इकाइयों पर निगरानी रखी

एक समन्वित राष्ट्रीय प्रयास

कारगिल युद्ध में सेना के नेतृत्व में अर्धसैनिक बलों और विशेष बलों ने मिलकर बहुपरतीय सुरक्षा रणनीति का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया।
इस युद्ध ने स्पष्ट कर दिया कि सीमाओं की सुरक्षा केवल एक बल का कार्य नहीं है – यह सेना, अर्धसैनिक बलों, खुफिया एजेंसियों और आम नागरिकों के साझा प्रयास से ही संभव है।
निष्कर्ष:
कारगिल विजय दिवस केवल सेना के पराक्रम की गाथा नहीं है, बल्कि यह उन सभी अनजाने / गुमनाम नायकों की भी कहानी है जिन्होंने सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
अर्धसैनिक बलों का योगदान चाहे जितना भी कम प्रचारित हो, उसका महत्व कम नहीं है।
आइए, हम सब मिलकर इस गौरवगाथा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाएँ, ताकि वे जानें कि देश की रक्षा सिर्फ वर्दीधारी सैनिकों का नहीं, पूरे समाज का दायित्व है।

 

शिमला में कारगिल विजय दिवस धूमधाम से मनाया गया।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । मनोरम शहर में स्थित सेना प्रशिक्षण कमान के मुख्यालय ने कारगिल युद्ध में ऐतिहासिक विजय के 26 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 25 से 27 जुलाई 2025 तक ‘कारगिल विजय दिवस’ को अपार उत्साह और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया। इस स्मारक कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन एक भव्य और गरिमामय समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा, परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, सेना प्रशिक्षण कमान द्वारा किया गया।

हमारे सशस्त्र बलों के शौर्य और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, आगंतुकों के लिए कई कार्यक्रमों और आकर्षणों का सावधानीपूर्वक आयोजन किया गया। समारोह में एक आकर्षक फोटो और वीडियो प्रदर्शनी भी शामिल थी, जिसमें कारगिल युद्ध के नायकों की वीरता, पराक्रम और व्यक्तिगत गाथाओं को दर्शाया गया था। ऐतिहासिक गेयटी थिएटर का बहुउद्देश्यीय हॉल देशभक्ति संगीत की मनमोहक धुनों से गूंज उठा, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और उनमें गर्व और राष्ट्रवाद की गहरी भावना जगा दी।

पूरे कार्यक्रम के दौरान, कारगिल विजय दिवस और ऑपरेशन सिंदूर पर प्रभावशाली वीडियो क्लिप प्रदर्शित किए गए, जिन्होंने उपस्थित लोगों को राष्ट्र की वास्तविकताओं, चुनौतियों और विजयों से रूबरू कराया। इन प्रस्तुतियों ने हमारे सैनिकों के अदम्य साहस और अटूट समर्पण को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध और चिंतनशील बने रहे।

इस समारोह में विशिष्ट वरिष्ठ अधिकारी, सैन्य दिग्गज, स्कूल और कॉलेज के छात्र, एनसीसी कैडेट और स्थानीय जनता के एक बड़े वर्ग ने भाग लिया और सशस्त्र बलों के प्रति साझा सम्मान और कृतज्ञता प्रदर्शित की। यह आयोजन हमारे वीर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान की मार्मिक याद दिलाता है, जिन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद और शून्य से नीचे के तापमान में, कारगिल की दुर्गम चोटियों पर राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा की।

समारोह का एक मुख्य आकर्षण कारगिल युद्ध के दिग्गजों का सम्मान समारोह था। इन वीर सैनिकों को उनकी वीरता और निस्वार्थ सेवा के लिए सम्मानित किया गया, जिससे युवा पीढ़ी को उनके साहस और प्रतिबद्धता का अनुकरण करने की प्रेरणा मिली।

कारगिल विजय दिवस भारतीय सशस्त्र बलों की अदम्य भावना और देशभक्ति का प्रतीक है। सेना प्रशिक्षण कमान मुख्यालय, कारगिल के वीरों द्वारा प्रदर्शित सम्मान, वीरता और मूल्यों को अक्षुण्ण रखने के अपने संकल्प की पुनः पुष्टि करता है, और भारतवासी इस प्रतीकात्मक दिवस को श्रद्धा और गर्व के साथ मनाते हैं।

सरकाघाट में हुए दुर्भाग्यपूर्ण बस हादसे पर आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत ठाकुर ने दुख व्यक्त किया

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

मंडी। सरकाघाट में हुए दुर्भाग्यपूर्ण बस हादसे पर आम आदमी पार्टी (आप) हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इस भीषण दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त की हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

 

ठाकुर ने इस दुखद घटना के लिए सीधे तौर पर प्रशासन और सरकार की घोर लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल से मिली तस्वीरें साफ दर्शाती हैं कि बस के अंदर एक स्टेपनी टायर खुला पड़ा था। उन्होंने आरोप लगाया कि दुर्घटना के दौरान बस के दो-तीन पलटे खाने पर यह खुला टायर यात्रियों से टकराया होगा, जिससे मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ।

 

सुरजीत सिंह ठाकुर ने कहा, “यह बेहद शर्मनाक है कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर इतनी गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। एक खुला स्टेपनी टायर, जिसे सुरक्षित जगह पर रखना चाहिए था, यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हुआ। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि परिवहन विभाग और संबंधित अधिकारी अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन नहीं कर रहे हैं।

 

आप प्रदेश अध्यक्ष ने इस पूरे मामले की गहन और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि मृतकों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाया जाए।

एपीजी शिमला विश्वविद्यालय ने पारंपरिक हवन और प्रेरणादायक भाषण के साथ ओरिएंटेशन कार्यक्रम का समापन किया

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला   — एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में नए छात्रों के लिए आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम आज समापन को पहुँचा, जिसमें परंपरा और प्रेरणा का अद्भुत मिश्रण देखने को मिला। इस दिन की शुरुआत विश्वविद्यालय के मंदिर में पवित्र हवन से हुई, जिसके बाद पारसादुम वितरित किया गया, जिससे छात्रों के शैक्षणिक मार्ग की शुरुआत शुभ और सकारात्मक ऊर्जा के साथ हुई।

 

 

विश्वविद्यालय के प्रो. (डॉ.) राजिंदर चौहान, कुलपति, ने छात्रों को प्रेरित करते हुए एक मोटिवेशनल भाषण दिया। उन्होंने छात्रों को अपनी शैक्षिक यात्रा को समर्पण, ईमानदारी और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ अपनाने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने विश्वविद्यालय के दृष्टिकोण के बारे में भी विस्तार से बताया और यह बताया कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय शैक्षिक सफलता के साथ-साथ व्यक्तिगत विकास को भी बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने का प्रयास करता है।

 

प्रो. (डॉ.) आनंद मोहन, डीन (अकादमिक्स), ने विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम संरचना, विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों और परीक्षा प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय अपने छात्रों को एक चुनौतीपूर्ण लेकिन सहायक शैक्षिक अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे वे अपने पेशेवर करियर में सफलता प्राप्त कर सकें।

 

प्रो. (डॉ.) आर.एल. शर्मा, रजिस्ट्रार, ने विश्वविद्यालय के समग्र कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रशासनिक प्रक्रियाओं, उपलब्ध सहायता सेवाओं और छात्रों-केंद्रित दृष्टिकोण के बारे में जानकारी दी, जो विश्वविद्यालय की पहचान है। उनका संबोधन छात्रों को शैक्षिक और सहशैक्षिक गतिविधियों में जिम्मेदारी और अनुशासन की महत्वपूर्णता समझाने के लिए था।

 

मुख्य वक्ता डॉ. हरजिंदरजीत शाकून, सेवानिवृत्त प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज, नाहन, ने अपने व्यापक शैक्षिक और प्रशासनिक अनुभवों को छात्रों के साथ साझा किया। डॉ. शाकून के प्रेरणादायक शब्दों ने छात्रों को अपने लक्ष्यों को दृढ़ता, लचीलापन और उद्देश्यपूर्ण तरीके से प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।कार्यक्रम में डॉ. नीलीम रतन डीन (छात्र कल्याण) और डॉ. अश्विनी शर्मा, स्कूल ऑफ जर्नलिज़्म के प्रमुख भी उपस्थित थे!

 

 

कार्यक्रम का समापन डॉ. मंदीर कौर, निदेशक (प्रथम वर्ष) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिन्होंने सभी सम्मानित अतिथियों, संकाय, कर्मचारियों और छात्रों का आभार व्यक्त किया और धन्यवाद दिया कि उन्होंने इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम को सफल और समृद्ध अनुभव बनाया।

 

इस वर्ष का ओरिएंटेशन कार्यक्रम न केवल छात्रों को विश्वविद्यालय की शैक्षणिक संरचना से परिचित कराया, बल्कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के मूल्यों और संस्कृति से भी अवगत कराया, जो उनके शैक्षिक यात्रा की शुरुआत के लिए सकारात्मक माहौल प्रदान करता है।

शूलिनी विवि  की पूनम नंदा को उनके साहस और कैंसर जागरूकता कार्यों के लिए सी-पॉज़िटिव पुरस्कार से सम्मानित किया गया

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों
सोलन । शूलिनी विश्वविद्यालय में सस्टेनेबिलिटी और कम्युनिटी एंगेजमेंट की निदेशक  पूनम नंदा को राइजिंग इंडिया फाउंडेशन और टेक्सास स्कूल ऑफ मेंटल हेल्थ द्वारा प्रतिष्ठित सी-पॉज़िटिव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
यह पुरस्कार तीन बार कैंसर से जूझने के बाद उनके असाधारण साहस और कैंसर से जूझते हुए प्रारंभिक पहचान और मानसिक शक्ति के बारे में जागरूकता फैलाने के उनके निरंतर प्रयासों को मान्यता देता है।
सी-पॉज़िटिव पुरस्कार एक अनूठी पहल है जिसका उद्देश्य समाज में कैंसर के प्रति दृष्टिकोण को बदलना है। पारंपरिक रूप से भय और उदासी पैदा करने वाले शब्द के रूप में देखे जाने वाले “सी” अक्षर को अब करुणा, आराम, देखभाल, साहस और आत्मविश्वास का प्रतिनिधित्व करने के लिए पुनर्परिभाषित किया गया है।
ये पुरस्कार उन व्यक्तियों को सम्मानित करते हैं जिन्होंने या तो व्यक्तिगत रूप से कैंसर का सामना किया है या समाज में जागरूकता और सहायता प्रणाली बनाने में सार्थक योगदान दिया है।
 नंदा को न केवल उनकी व्यक्तिगत शक्ति के लिए, बल्कि दूसरों को प्रेरित करने के उनके निरंतर कार्य के लिए भी सम्मानित किया गया। जागरूकता फैलाने, समय पर निदान को प्रोत्साहित करने और ज़रूरतमंदों की मदद करने के उनके समर्पण ने, खासकर उन महिलाओं पर गहरा प्रभाव डाला है जो अक्सर इलाज में देरी करती हैं।
इस कार्यक्रम में देश भर से पीड़ित महिलाएं, देखभाल करने वाले, डॉक्टर और बदलाव लाने वाले लोग एक साथ आए।  नंदा की उपस्थिति और उनकी कहानी लचीलेपन का एक ज्वलंत उदाहरण बनकर उभरी, जिसने सभी को मानवीय भावना की शक्ति की याद दिला दी।

मुख्यमंत्री ने बस दुर्घटना में सात लोगों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया

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आदर्श हिमाचल ब्रयूरों

शिमला । ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी जिला के सरकाघाट क्षेत्र में मसेरन के निकट तरंगला में हुई बस दुर्घटना में 7 लोगों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है। इस दुर्घटना में 27 अन्य लोग घायल हुए हैं। नागरिक अस्पताल सरकाघाट व चिकित्सा महाविद्यालय नेरचौक में घायलों का उपचार किया जा रहा है और गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को एम्स बिलासपुर भेजा गया है। हिमाचल पथ परिवहन निगम की दृर्घटनाग्रस्त बस सरकाघाट से दुर्गापुर जा रही थी।

 

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन मंडी को मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि अतिशीघ्र प्रदान करने और घायलों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की हैं।

Shoolini University

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परिवहन सेवाओं का हो रहा आधुनिकीकरण, प्रदेश सरकार जनता को दे रही विश्वसनीय परिवहन...

आदर्श हिमाचल ब्यूरों शिमला । प्रदेश सरकार लोगों को गुणवत्तायुक्त, समयबद्ध और आधुनिक परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हिमाचल पथ परिवहन...

मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में   जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्यों ने राजभवन...

आदर्श हिमाचल ब्यूरों   शिमला । राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जनशिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में   जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्यों...