कांग्रेस पार्टी देश और प्रदेश में दिशाहीन और नेतृत्व हीन – बिंदल

पूर्व विधायक नाहन डा. राजीव बिंदल
पूर्व विधायक नाहन डा. राजीव बिंदल

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि कॉंग्रेस पार्टी प्रदेश में और देश में पूरी तरह दिशाविहीन और नेतृत्वविहीन दिखाई देती हैं। 1947 में देश की आज़ादी के बाद श्रीराम जन्मस्थान पर भव्य राम मंदिर का निर्माण उसी प्रकार होना चाहिए था जिस प्रकार सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा श्री सोमनाथ जी का जीर्णोद्धार हुआ। परन्तु श्री जवाहर लाल नेहरू ने उस समय श्रीराम जन्मस्थान के ऊपर राम मंदिर निर्माण को अटकाया, भटकाया, लटकाया और वो ताले 50 साल तक लगे रहे। श्रीराम लला तालों में विराजमान रहे। उन्होनें कहा कि ये मेरे देश का दुर्भाग्य है, मेरे देश के अंदर श्रीराम घट-घट में बसते हैं, घर-घर में बसते हैं, मन-मन में बसते हैं, कण-कण में बसते हैं।

ऐसे ही श्रीराम को 50 साल तालों में रखने के बाद और कांग्रेस पार्टी ने श्रीराम के अस्तित्व को चुनौती दे डाली। ऐफिडेविट फाइल किया की रामसेतु है या नहीं है, कौन कहता है ये रामसेतु है? कौन कहता है कि श्री राम का जन्मस्थान अयोध्या में वही स्थान है जहाँ मीर बाकी ने मंदिर को तोड़ा था, आदि-आदि सवालात करते हुए और श्रीरामायण की और असलियत के ऊपर भी सवाल खड़े किए।

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डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि आज जब श्री नरेंद्र भाई मोदी और देशभक्त और रामभक्तों के प्रयासों से राम जन्मस्थान पर भव्य राम मंदिर बन रहा हैं। 22 जनवरी को रामलली की प्राण प्रतिष्ठा हैं। ऐसे में कोई कहता है मैं जाऊंगा, कोई कहता है नहीं जाऊंगा। ये क्या विचार है? कोई बढ़-बढ़ के बोलता हैं कि मैं भी हिंदू हूँ और एक ऐसा हिंदू हैं पिछले 70 साल राम के अस्तित्व को चुनौती दी। आज आप केवल उसके ऊपर राजनीति कर रहे हैं। कोई कहता है कि 22 तारीख की तिथि ठीक नहीं।

उन्हांने कहा कि कांग्रेस पार्टी भारत की आत्मा से दूर जा रही है। भारत की आत्मा जो श्रीराम में बसती है, भारत के अध्यात्म में बसती, भारत के इतिहास तथा भारत की संस्कृति में बसती है। उसको कांग्रेस पार्टी ने सदा नकारा है और राष्ट्रीय स्तर के प्रति जो कांग्रेस का नेतृत्व है उन्होंने कांग्रेस के लोगों को एक घुड़की दी और सब घर में बैठ गए कि रामलला विराजमान की प्राणप्रतिष्ठा में कोई नहीं जाएगा। ये नेतृत्व विहीन, दिशाविहीन, विचार विहीन जिसके कारण राष्ट्रवादी पार्टी होने के गौरव से वंचित होकर के केवल परिवार के पीछे चलने वाली पार्टी कांग्रेस पार्टी बनकर रह गई।