आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला । सेब उत्पादन हिप्र की रीड की हड्डी है
सेब उत्पादन हिमाचल प्रदेश में एक अहम भूमिका निभाता है।
इसी वर्ष 18 फीसदी कार्टन के रेट बढ़ाए जाने से बागवानों में काफी निराशा हुई है।
काफी सारे वर्गों को चाहे वह नेपाली मूल के हो, व्यापारी या फिर ट्रक चालक हो सेब उत्पादन की वजह से काफी सारे लोगों को रोजगार चलता है।
बीते 2 वर्षों से भाजपा सरकार के द्वारा जिस तरह से सेब कार्टन में वृद्धि की जा रही । उसके कारण बागवानों में काफी रोष है। इस वर्ष ही एक पेटी की लागत में 100 rs का इजाफा हुआ है।
18 फीसदी कार्टन के रेट बढ़े है।
ट्रे, सेपरेटर, और सेब की वाहनों से ढुलाई में भी काफी इजाफा हुआ है।
और साथ में कीटनाशक पर जो अनुदान सरकार के द्वारा दिया जाता था वो भी बंद कर दिया गया है।
जिस के कारण सेब बागवानों की लागत तो काफी ज्यादा बढ़ती जा रही है। और आने वाले समय में सेब उत्पादन पर गहरा संकट आने की उम्मीद है
जिसके कारण बागवान काफी निराश व हताश है।
और सरकार से आग्रह करते हैं कि सेब को विशेष श्रेणी में शामिल किया जाए।
सेब कॉटन के रेट को जल्द ही नियंत्रित किया जाए। और सरकार द्वारा जो सब्सिडी सेब की दवाईयो पर बंद की गई है। उसे जल्द शुरू किया जाए।
अन्यथा आने वाले चुनाव में सरकार को इसका बेहद बुरा परिणाम भुक्तना पड़ेगा।
। इस लिए मुखमंत्री जी से आग्रह है की सेब के कार्टन के रेट को कम करने के लिए जल्द ही उचित कदम उठाया जाए।
और सेब की दवाईयो पर मिलने वाले अनुदान को भी बहाल किया जाए।
अन्यथा किसानो और बागवानों को सड़क पर आने पर मजबूर न करे